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Monday, April 29, 2019

राफेल डील: CJI का कड़ा स्टैंड, मोदी सरकार से कहा- कोर्ट के साथ ''हाइड एंड सीक'' का खेल नहीं चलेगा

राफेल डील: CJI का कड़ा स्टैंड, मोदी सरकार से कहा- कोर्ट के साथ ''हाइड एंड सीक'' का खेल नहीं चलेगा

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नई दिल्ली : राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी की केंद्र सरकार को फटकार लगायी है. केंद्र सरकार ने जवाबी हलफनामे के लिए समय मांगा है. इसके साथ ही कहा है कि मंगलवार को होने वाली केस की सुनवाई टाल दी जाये.
इस पर सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि वो इस मामले में विचार कर आदेश जारी करेंगे. इस दौरान मेंशनिंग में नाम न बोलने पर बेंच  में शामिल सीजेआई नाराज भी हो गये. उन्होंने केंद्र सरकार के वकील को इसे लेकर कड़ी फटकार लगायी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कथित तौर पर आचार संहिता उल्लंघन मामले में अभिषेक मनु सिंघवी को भी उन्होंने फटकार लगायी.
सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि इस मामले में कोर्ट के साथ हाइड एंड सीक का खेल क्यों खेल रहे हैं? ये नहीं चलने वाला है. सीजेआई ने आगे कहा कि केंद्र के वकील कह रहे हें कि वो जवाबी हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं. लेकिन वे यह नहीं बता रहे कि वह राफेल में हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं.
इसलिए उनको और समय चाहिए तो वो सुनवाई टालना चाहते हैं. उनको साफ तौर पर यह कहना चाहिए कि कल (मंगलवार) दो बजे होने वाली राफेल मामले की सुनवाई में वो जवाबी हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं. इसी तरह सिंघवी भी पीएम मोदी और अमित शाह का नाम नहीं ले रहे है. आपको ये सब बंद करना चाहिए. कोर्ट के साथ हाईड एंड सीक खेल नहीं चलेगा.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह  के विरुद्ध कथित तौर पर आचार संहिता के उल्लंघन मामले में ‘कार्रवाई’ नहीं करने पर चुनाव आयोग  के खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ 24 घंटे में फैसला लेने के लिए आयोग को निर्देश जारी की जाये.
कांग्रेस ने इस मामले में कहा है कि 23 अप्रैल को मतदान के दिन गुजरात में रैली करके प्रधानमंत्री की ओर से आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से प्रधानमंत्री और अमित शाह की शिकायत दर्ज करायी है.
लेकिन तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी चुनाव आयोग द्वारा इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. आमतौर पर इस तरह के मामलों में चुनाव आयोग प्रायः उल्लंघन करने वालों पर 72 घंटे तक प्रचार पर बैन लगाता है.

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