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Saturday, June 22, 2019

प्रतिबंध के बाबजूद भी रेत का पहाड़ बना रहे रेता चोर, सैकडो डंपर के रेत स्टाक पर प्रशासन मौन

प्रतिबंध के बाबजूद भी रेत का पहाड़ बना रहे रेता चोर, सैकडो डंपर के रेत स्टाक पर प्रशासन मौन

TOC NEWS @ www.tocnews.org
जिला ब्यूरो चीफजिला नरसिंहपुर // अरुण श्रीवास्तव : 8120754889
नरसिंहपुर / गाडरवारा. प्रदेश में तथाकथित रेतमाफ़िया या रेताचोरों की हरकतें नही सुधर रही हैं,अनेक वर्षों से नरसिंहपुर जिला अवैध खनन की राजनैतिक बीमारी से ग्रषित है,इसे राजनैतिक बीमारी इसलिए भी कहा जा सकता है कि एक के बाद एक राजनैतिक घरानों के बीच इसी रेत को लेकर विवाद होते रहे हैं,और भयावह खूनी संघर्ष भी देखा गया है।
वर्तमान में प्रदेश सरकार ने सभी रेतखदान पर रोक लगा दी है ,उसके वाबजूद भी जिले मे अवैध उत्तखनन का खेल जारी है, इसी तरह के हलात इन दिनो साईखेडा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत ढिगसरा मे देखने को मिल रहे है, जहाँ हजारो डंपर रेत का स्टाक रखा देखा जा रहा है, जिस पर सरपंच द्वारा कलेक्टर को शिकायत शिकायत कर स्थिति से अवगत कराते हुए, बताया गया कि किसी रितेश सिहं के नाम पर रेत का बहुत बडा स्टाक किया गया है.
प्रदेश सरकार के अादेश अनुसार ग्राम पंचायत रेतखदान की रायल्टी बंद कर दी गई है, ढिगसरा गाँव मे बहुत ही बडा रेत का स्टाक किया गया है जिसमे कुछ बाहरी गुंडातत्व किस्म के लोगों के द्वारा गांवों में दहशत फैलाई जा रही है, जिसके संबंध में ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से लेकर जिला कलेक्टर तक शिकायत की गई है, लेकिन शिकायत के बावजूद भी प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
हैरत की बात तो यह है कि मध्यप्रदेश की सत्ता में काबिज कमलनाथ सरकार सत्ता में भी अवैध उत्खनन के मुद्दे पर ही काबिज हो सकी है, गाडरवारा विधायक सुनीता पटेल ने भी विधानसभा चुनाव के पहले सपथपत्र देकर विधानसभा क्षेत्र में अवैध खनन को पूर्ण रूप से बंद कराने की सपथ ली थी,लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नही आया है,
वही रेतमाफ़िया है वही आधी रात डम्परों की गड़गड़ाहट है,और ओवही लड़ाई झगड़े और खूनी संघर्ष हैं,और अपने अस्तित्व को ढूंढती नर्मदा नदी समेत अन्य छोटी नदियां हैं, जो अवैध खनन से अपने आप को बचाने की मौन गुहार लगा रही हैं।

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