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Sunday, November 3, 2019

इलेक्ट्रानिक साक्ष्य की प्रमाणिकता है जरूरी, जिला न्यायाधीश श्री रमाशंकर प्रसाद Fair Trial & Investigation पर कार्यशाला आयोजित

जिला न्यायाधीश, श्री रमाशंकर प्रसाद , Fair Trial & Investigation , कार्यशाला  , ANI NEWS INDIA

TOC NEWS @ www.tocnews.org
जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
जिले के समस्त न्यायाधीश व पुलिस अधिकारी रहे उपस्थित
रायगढ़, जिला न्यायाधीश श्री रमाशंकर प्रसाद के दिशा-निर्देशन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ के तत्वाधान में Fair Trial & Investigation कार्यशाला कलेक्टोरेट परिसर स्थित सृजन सभाकक्ष में आयोजित की गई। जिसमें अतिथि के रूप में कलेक्टर श्री यशवंत कुमार एवं पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह भी सम्मिलित हुए।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री रमाशंकर प्रसाद ने साक्ष्य अधिनियम की धारा 65-बी पर जानकारी दी तथा यह बताया कि इलेक्ट्रानिक साक्ष्य एक ऐसा विषय है जो हमें एक नई सोच और नई खोज के लिए प्रेरित कर हमें जागृत करता है। पुलिस अन्वेषण पश्चात न्यायालय के समक्ष पेश किए जाने वाले दस्तावेजों की विधि अनुरूप होने की अनिवार्यत: एवं दस्तावेजों की प्रमाणिकता पर बल दिया। साथ ही इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के संकलन एवं उनके साबित करने की प्रक्रिया एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्य में प्रमाण-पत्र की उपयोगिता को रेखांकित किया।
जिला न्यायाधीश द्वारा रिमाण्ड के विषय पर बताया गया कि किसी मामले के अभियुक्त को रिमाण्ड में लेना है और चौबीस घंटे के समयावधि पूरी हो रही हो तो मजिस्ट्रेट अपने बंगले में भी रिमाण्ड दे सकता है, इसके लिए आवश्यक है कि समय का इंद्राज किया जावे। आगे उन्होंने पुलिस मामले में विवेचना की गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी तथा अन्वेषण एवं न्यायालयीन साक्ष्य के दौरान आने वाले समस्याओं पर चर्चा करते हुए पुलिस व न्यायालयीन अधिकारियों के मध्य के सहयोग व समन्वय के पहलुओं पर भी प्रकाश डाला।
जिला न्यायाधीश, श्री रमाशंकर प्रसाद , Fair Trial & Investigation , कार्यशाला  , ANI NEWS INDIA

उपस्थित पुलिस अधिकारियों से अपील की गयी कि वे मामले की गंभीरता से जांच करें, किसी भी स्थिति में निर्दोष व्यक्ति प्रताडि़त नहीं होना चाहिए। यदि कोई मामला झूठा प्रतीत हो रहा हो तो ऐसे मामलों को विस्तार से जांच कर उसकी खात्मा एवं खारिजी की जानी चाहिए और उसका न्यायालय की सेन्ट्रल फाईलिंग में इंद्राज कराना चाहिए। एक अपराध के कई मामले दर्ज होने की स्थिति में अपनायी जाने वाली प्रक्रिया पर भी विस्तार से जानकारी जिला न्यायाधीश द्वारा दी गई।
इस अवसर पर उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों को न्यायालय के साथ सहयोग व समन्वय बनाये रखने का निर्देश दिया। कार्यशाला में जिला एवं तहसील के समस्त न्यायाधीशगण, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, समस्त थाना प्रभारी, क्राईम ब्रांच के अधिकारीगण, लोक अभियोजक एवं उप संचालक अभियोजन सहित अन्य अधिकारीगण, कोर्ट मैनेजर, जिला न्यायालय एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण एवं पैरालीगल वालिंटियर्स उपस्थित रहे।

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