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Monday, December 30, 2019

मुख्यमंत्री ने शीतलहर से बचाव के संबंध में जिला कलेक्टर एवं नगरीय निकायों को दिए विशेष निर्देश

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मुख्यमंत्री ने शीतलहर से बचाव के संबंध में जिला कलेक्टर एवं नगरीय निकायों को दिए विशेष निर्देश
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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
रायगढ़, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शीत लहर की स्थिति को देखते हुए सभी जिला कलेक्टरों एवं नगरीय निकायों को विशेष निर्देश दिए है, ताकि प्रदेश की जनता को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टर को यह निर्देश दिया है कि वे स्वयं महत्वपूर्ण स्थलों में अलावा जलाने की व्यवस्था का निरीक्षण करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि रैन बसेरा एवं नाईट शेल्टर में पर्याप्त मात्रा में कंबल, चादर एवं अन्य सामग्री उपलब्ध रहे। प्रदेश में शीतलहर के कारण किसी प्रकार की जनहानि न हो, आवश्यकता पडऩे पर नये रैन बसेरा की व्यवस्था की जाए।     
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ शासन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण विभाग द्वारा प्रदेश में शीतलहर एवं पाला की स्थिति उत्पन्न होने पर उसके बचाव व उपाय के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। माह दिसम्बर से जनवरी के बीच ठंड की अधिकता होने पर शीतलहर का प्रभाव रहता है। ऐसे समय में नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में बसे नि:सहाय, आवासहीन, गरीब, वृद्ध एवं स्कूल जाने वाले विद्यार्थी आदि लोग ठंड से प्रभावित हो सकते है। शीतलहर के समय जनसामान्य जितना संभव हो घर के अंदर रहें, अति आवश्यक कार्य होने पर बाहर निकले।
मौसम से संबंधित समाचार व आपातकाल के संबंध में जारी समाचारों को ध्यान से सुने और उनका पालन करें। वृद्ध व्यक्तियों का ध्यान रखे तथा उन्हें अकेला न छोड़े। ऐसे आवास का उपयोग करें जहां तापमान सही रहता हो, आवश्यकतानुसार गर्म पेय पीते रहे। बिजली का प्रवाह अवरूद्ध होने की स्थिति में फ्रीज में खाने के सामान को 48 घंटे से अधिक न रखे। शीतलहर से बचाव हेतु टोपी या मफलर का भी उपयोग करें एवं अथवा सिर व कान ढककर रखे। यदि कोई व्यक्ति केरोसिन व कोल के हीटर का उपयोग करते है तो गैस व धुंए निकलने के लिए रोशनदान की व्यवस्था रखे। स्वास्थ्यवद्र्धक खाने का उपयोग करें।
यदि सर्दी से संबंधित कोई प्रभाव शरीर पर दिखाई दे जैसे नाक, कान, पैर व हाथ की उंगलियां आदि लाल हो तो तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें। असामान्य तापमान की स्थिति, अत्यधिक कांपना, सुस्ती, कमजोरी, सांस लेने में परेशानी हो तो तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें। रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूरों, आवास विहीन व सदृश्य श्रेणी के नि:सहाय व्यक्तियों को रैन बसेरा व अस्थायी शरण स्थलों में ठहराने हेतु समुचित व्यवस्था की जाए।

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