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Tuesday, February 4, 2020

प्रिंट / मीडिया के पंजीबध्द संस्थानों के प्रतिनिधि पर षड़यंत्र पूर्वक अपराध दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों की अब खैर नही, होगी विभागीय जांच

प्रिंट / मीडिया के पंजीबध्द संस्थानों के प्रतिनिधि पर षड़यंत्र पूर्वक अपराध दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों की अब खैर नही, होगी विभागीय जांच

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देश का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार जो बिना किसी पगार के ही निष्वार्थभाव से देश मे ब्याप्त बुराइयों को उजागर करने अपने जान की बाजी तक लगाने वाले को समाज व पुलिस विभाग के अधिकारी - कर्मचारियों द्वारा द्वेष की भावना से देखना आम बात होता जा रहा हैं |
देश का पत्रकार अगर क्षेत्र में ब्याप्त बुराइयों को आइना दिखाए तो उसके विरुद्ध या तो जानलेवा हमला किया जाता हैं | या उसके विरुद्ध फर्जी मामला दर्ज कर लिया जाता हैं | जिससे अब कुछ पत्रकार भी तीसरा रास्ता अपनाने लगे या कहे तो चाटुकारिता पर उतारू होने को मजबूर होते जा रहे| जिसकी सुरक्षा हेतु गृह मंत्रालय मध्य प्रदेश द्वारा कानून में संशोधन कर पत्रकारों पर षड़यंत्र पूर्वक अपराध दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच कर कार्यवाही करवाने का आदेश जारी किया गया |
अनिल कुमार अपर सचिव मध्य प्रदेश शासन गृह विभाग मंत्रालय मध्य प्रदेश, पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा दिनांक 20/01/2010 को जारी पत्र, पत्र क्रमांक पु.गृ./शिका/साअसे./263/2010 में निर्देशित किया गया हैं कि पत्र क्रमांक 7353/14114/05/बी-1/दो दिनांक 27/12/05 को एतद द्वारा तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता हैं | साथ ही इस संबंध में विभाग के पत्र क्रमांक 5811/8079/06/बी-1/दो दिनांक 24/09/06 में दिए गए निर्देशों में आंशिक संशोधन नियमानुसार कर कार्यवाही किये जाने आदेशित किया गया |
जंहा तक पत्रकारों के विरुद्ध कोई भी प्रकरण कायम किये जाने के प्रश्न हैं इस संबंध में दण्ड प्रक्रिया सहिंता की धारा 154 के अंतर्गत प्रथम सूचना पत्र नियमानुसार दर्ज किए जाएंगे | परन्तु अपराध के पंजीयन के बाद चालान किये जाने के पूर्व प्रकरणों में उपलब्ध साक्ष्य की समीक्षा पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस उप महानिरीक्षक रेंज द्वारा ही किये जाने आदेशित किया गया |
उक्त पत्र द्वारा यह भी आदेशित किया गया हैं कि समीक्षा में यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि संबंधित पत्रकार / मीडिया के ब्यक्ति को दुर्भावना या तकनीकी किस्म के प्रकरण कर परेशान तो नही किंग जा रहा | यही कोई प्रकरण दुर्भावनावश विवेचना करना पाया जाए, तो तत्काल उसमें न्यायालय से ख़ात्मा / खारमी स्वीकृत करने की कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये जाए | तथा संबंधित पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित की जाए आदेशित किया गया |
इस प्रकार की समीक्षा की सुविधा वैसे पत्रकार / मीडिया को प्राप्त होगी जो प्रिंट / विजुअल मीडिया संबंधित किसी पंजीबद्ध संस्थान के अभिस्वीकृत प्रतिनिधि हो | इस संबंध में प्रमाणित साक्ष्य के लिए जिला स्तरीय जनसंपर्क अधिकारी अधिकृत होंगे |
पुलिस उप महानिरीक्षक रेंज तैमाशिक स्तर पर जनवरी, अप्रेल, जुलाई एवं अक्टूबर माह में पत्रकारों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों की समीक्षा कर प्रतिवेदन अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक की ओर प्रेषित किया जाना बताया गया | और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तैमाशिक प्रतिवेदन की समीक्षा कर पुलिस महानिदेशक को प्रस्तुत किया जाना बताया गया
पत्रकार पर ज्यादती होने की शिकायत प्राप्त होने पर संचालन जनसंपर्क द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया जाएगा | और प्राप्त शिकायत में पुलिस मुख्यालय द्वारा आवश्यक कार्यवाही किये जाने के पश्चात की कार्यवाही में संचालक जनसंपर्क को अवगत कराया जाए आदेशित किया गया |

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