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Monday, February 10, 2020

पटवारियों के लिये बनेगी आचार संहिता राजस्व वसूली तथा प्रकरणों के निराकरण के लिये लगेंगे शिविर

राजस्व वसूली के लिए इमेज नतीजे
पटवारियों के लिये बनेगी आचार संहिता राजस्व वसूली तथा प्रकरणों के निराकरण के लिये लगेंगे शिविर

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कलेक्‍टर श्री जाटव ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की
इन्दौर | इंदौर जिले में पटवारियों के लिये आचार संहिता बनाई जायेगी। आचार संहिता के माध्यम से पटवारियों की उपस्थिति मुख्यालय में सुनिश्चित किया जायेगा तथा उनके कार्य को प्रभावी बनाया जायेगा। जिले में बकाया राजस्व वसूली तथा बटवारा और अन्य राजस्व प्रकरणों निराकरण के लिये शिविर लगाये जायेंगे।     
यह जानकारी आज यहां कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव द्वारा ली गई राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में अपर कलेक्टर श्री दिनेश कुमार जैन, श्री कैलाश वानखेड़े, श्री पवन जैन, श्री बी बी एस तोमर सहित अन्य राजस्व अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री जाटव ने अधिकारीवार राजस्व प्रकरणों के निराकरण की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि जिले में अभियान चलाकर राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाई जाय।
सभी राजस्व अधिकारी अपने-अपने न्यायालय में ज्यादा समय दें। सितम्बर2019 तक जो प्रकरण दर्ज हुए हैं उन्हें मार्च 2020 तक अनिवार्य रूप से निराकृत किये जाय। नामांतरण तथा बटवारा प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए शिविर लगाये। बटवारा प्रकरणों के निराकरण पर भी विशेष ध्यान देवे। जिले में बकाया राजस्व वसूली के लिए भी शिविर आयोजित किए जाय। उन्होंने बताया कि जिले में पटवारियों के लिये आचार संहिता बनाई जा रही है। इसके तहत पटवारियों की मुख्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी।
पटवारियों से कहा गया है कि वे निर्धारित दिन अपने-अपने मुख्यालयों में उपस्थित रहकर नागरिकों की समस्याओं का निराकरण करे। उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये सार्थक एप से उपस्थिति ली जायेगी। तहसीलदार इनके कार्यों की मानीटर्रिंग करेंगे। ग्रामीण क्षेत्र में पटवारी निर्धारित दिनों में आवंटित पंचायत मुख्यालय और इंदौर में कलेक्ट्रोरेट में उपस्थित रहेंगे।   
बैठक में कलेक्टर श्री जाटव ने गृह निर्माण सहकारी समितियों के संबंध में प्राप्त शिकायतों के निराकरण की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि कम से कम समय में अधिक से अधिक सदस्यों को उनका वास्तविक हक दिलाने का प्रयास करें। लंबित शिकायतों का त्वरित एवं परिणाममूलक निराकरण करवाये। अद्यतन वरियता सूची का पारदर्शिता के साथ प्रकाशन करवाये।

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