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Tuesday, May 5, 2020

पत्रकार वकील भी निकला, पत्रकार के खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही शुरू, वकालत लाइसेंस रद्द कराने लिखा पत्र, आरक्षकों से धक्का-मुक्की की नई FIR दर्ज

पत्रकार वकील भी निकला, पत्रकार के खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही शुरू, वकालत लाइसेंस रद्द कराने लिखा पत्र, आरक्षकों से धक्का-मुक्की की नई FIR दर्ज

TOC NEWS @ www.tocnews.org
जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
  • भूपेंद्र वैष्णव के वकालत लाइसेंस रद्द कराने बार काउंसिल लिखा गया पत्र
  • फर्जी पत्रकारिता को लेकर राज्य जनसंपर्क विभाग को भी पत्राचार
  • आरोपी के खिलाफ लंबित जिला बदर में भी आदेश आना है बाकी
चौकी खरसिया के अपराध क्रमांक अप.क्र. 220/2020 धारा 451, 384, 387, 506(B), 120(B), 34 IPC + 388, 419, 420 IPC में दिनांक 02.05.2020 को आरोपी भूपेन्द्र वैष्णव को थाना खरसिया लाया गया था । थाना खरसिया में रात्रि में सउनि हुलस राम जायसवाल, आरक्षक जितेन्द्र दुबे और दिग्विजय गोयल को आरोपी की अभिरक्षा में लगाया गया था ।
Fake journalist Bhupendra Vaishnav arrested in blackmailing case ANI NEWS INDIA
पुलिस हिरासत में आरोपी भूपेन्द्र वैष्णव
रात्रि करीब 11:00 बजे भूपेन्द्र वैष्णव थाना से भागने के लिए उठाकर चुपचाप जाने लगा जिसे देख आरक्षक जितेन्द्र दुबे और आरक्षक दिग्विजय गोयल रोके और बिना बताये कैसे जा रहे हो बोले तो भूपेन्द्र वैष्णव उत्तेजित होकर "तुम मेरे को नहीं जानते, तुम लोग नये आये हो, तुम लोगों को मैं कुछ भी कर सकता हूँ " कहकर धमकी देने लगा ।
दोनों आरक्षक उसे रोकने का प्रयास किये तो भूपेन्द्र वैष्णव गुस्से में दोनों आरक्षकों को धक्का मुक्की किया और एक आरक्षक को गिरा दिया । इस संबंध में आरक्षक द्वारा आरोपी भूपेन्द्र वैष्णव पर कार्यवाही के लिए आवेदन दिया गया था जिस पर आरक्षक का मुलाहिजा कराया गया और आरोपी भूपेन्द्र वैष्णव पर अप.क्र. 232/2020 धारा 186, 189, 353, 332, 324 IPC दर्ज किया गया है। आरोपी को ब्लैकमेलिंग के अपराध में पूर्व ही जेल दाखिल कराया जा चुका है।
खरसिया पुलिस द्वारा आरोपी भूपेंद्र वैष्णव के विरूद्ध जिला बदर करने हेतु प्रतिवेदन जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में पूर्व में प्रेषित किया गया है, जहां प्रकरण विचाराधीन है ।
आरोपी भूपेंद्र वैष्णव की अपराधों में संलिप्तता एवं अवैधानिक गतिविधियों को देखते हुए खरसिया पुलिस द्वारा स्टेट एवं जिला बार काउंसिल को पत्र लिखा गया है कि ऐसे व्यक्ति किसी भी पीड़ित व्यक्ति को माननीय न्यायालय से यथोचित न्याय नहीं दिला सकता इसलिए इसका लाइसेंस रद्द किया जावे इसके साथ ही राज्य जनसंपर्क विभाग को भी पत्राचार किया गया है कि भविष्य में ऐसे अपराधिक किस्म के व्यक्तियों को प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पत्रकारिता की अनुमति न देवें ।

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