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Thursday, June 25, 2020

रास्ते के मामूली विवाद पर हत्या करने वाले अभियुक्तगण का जमानत आवेदन निरस्त

रास्ते के मामूली विवाद पर हत्या करने वाले अभियुक्तगण का जमानत आवेदन निरस्त

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
उज्जैन. न्यायालयः श्रीमान एस.सी. पाल, अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, तराना, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा अभियुक्तगण 1. कलाबाई पति करण बागरी 2. संतोषी बाई पति मयाराम समस्त निवासी ग्राम कचनारिया तहसील तराना जिला उज्जैन का जमानत आवेदन पत्र निरस्त किया गया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी ने बताया कि घटना इस प्रकार है कि दिनांक 26.04.2020 फरियादी अर्जुन पिता भगवानसिंह बागरी उम्र 19 साल निवासी ग्राम कचनारिया ने रिपोर्ट लेखबध्द कराई कि मेरे पिताजी ने रतन महाराज की जमीन बटाई पर रखी है इसी जमीन पर जाने के लिए मेरा रास्ता है.
रायसिंह व मायाराम की जमीन से जाने का रास्ता है इसी बात को लेकर हम लोग रायसिंह और मयाराम को समझाते है कि निकलते समय नुकसान मत किया करो आज मेरे पिताजी भगवानसिंह और मेरी माॅ व मेरा भाई रामस्वरूप खेत से आ रहे थे तो मायाराम और रायसिंह व सीताराम व करणसिंह ने मेरे पिताजी का रास्ता रोक कर माॅ-बहन की नंगी-नंगी गालिया देने लगे। मेरे पिताजी, माॅ व भाई ने गालियां देने से मना किया तो अभियुक्त मायाराम ने लकड़ी से मारा ।
मेरे पिता भगवान सिंह को रायसिंह व सीताराम ने मारा जो सिर में व पीठ व शरीर में चोंट आई। मेरा भाई रामस्वरूप बचाने आया तो करण सिह व रमेश ने लकड़ियों से मारा जो सिर व शरीर में चोंट आईं । मैं बीच-बचाव करने गया तो भूलीबाई, कलाबाई व संतोषी आ गई व मेरा रास्ता रोककर थप्पड़ व मुक्कों से मारा, मेरी बहन अनीता व भाभी पूजा बीच-बचाव करने आई तो कलाबाई व संतोषी बाई ने गालियां देने लगी व मारने दौडे। 100 नम्बर लगाया। यह लोग बोले की आज के बाद इस रास्ते से निकलने की बात की तो जान से खत्म कर देगें।
पुलिस थाना तराना द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्व धारा 323,294,506 भादवि की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्व की थी। ईलाज के दौरान भगवानसिंह की मृत्यू होने से प्रकरण में धारा 302 भादवि का इजाफा किया गया। अभियुक्तगण द्वारा जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। अभियोजन की ओर से तर्क दिया गया कि अपराध गंभीर प्रकृति का है। अतः अभियुक्तगण का जमानत आवेदन निरस्त किया जाए।
माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर अभियुक्तगण का जमानत आवेदन निरस्त किया गया। प्रकरण में एजीपी श्री डी.के. नागर द्वारा पैरवी की गयी। प्रकरण में जानकारी एडीपीओ श्री सुनील परमार द्वारा प्रदान की गयी।

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