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Wednesday, June 10, 2020

ग्रेसिम उद्योग द्वारा पूर्व में किए गए अवैध उत्खनन, अवैध निर्माण एवं भारी मात्रा में प्रदूषित मिट्टी शासकीय भूमि व चंबल किनारे डालने की शिकायत पर शासन द्वारा जांच के आदेश

ग्रेसिम उद्योग द्वारा पूर्व में किए गए अवैध उत्खनन, अवैध निर्माण एवं भारी मात्रा में प्रदूषित मिट्टी शासकीय भूमि व चंबल किनारे डालने की शिकायत पर शासन द्वारा जांच के आदेश
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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा- असंगठित मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक अभिषेक चौरसिया द्वारा पूर्व में नागदा, जिला उज्जैन, मध्यप्रदेश में स्थित मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) द्वारा बंद हुई भारत कामर्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड की विवादित भूमि पर भारी मात्रा में अवैध रूप से मिट्टी डालने, अपने प्लांट के भीतर व्यापक स्तर पर बिना अनुमति अवैध उत्खनन कार्य करने एवं बिना नक्शा पास करवाए व्यापक निर्माण कार्य करने की शिकायत के संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, उज्जैन संभाग के संयुक्त संचालक श्री एस.के. रेवाल द्वारा जांच के आदेश जारी कर दिए गए है।
जिस संबंध में कार्यालय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, उज्जैन तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद नागदा को जांच कर एवं तथ्यात्मक जांच प्रतिवेदन यथाशीघ्र उपलब्ध करवाने का आदेश दिनांक 26/05/2020 को जारी किया है । जिसकी जानकारी पत्र के माध्यम से शिकायतकर्ता को प्रेषित की गई हैं ।
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि उन्होंने इस मामले में में ग्रेसिम उद्योग द्वारा की गई नियम विरूद्ध धांधलियों एवं अनियमितताओं की शिकायत उनके द्वारा मार्च माह में की गई थी लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से शासन स्तर पर कार्यवाही रुक गई थी । इस मामले में 8 विभागों को शिकायत की गई थी क्योंकि इस मामले में हर विभाग की अलग अलग भूमिका हैं ।
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि जिस भूमि पर उद्योग द्वारा भारी मात्रा में पीली मिट्टी फेकी गई थी वह एक शासकीय भूमि हैं जिसका मामला वर्तमान में माननीय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं । यही नहीं यह प्रदूषित पीली मिट्टी आगामी बारिश के दिनों में चंबल नदी में बहकर चंबल नदी किनारे स्थित गावों को प्रभावित करने का कार्य करेगी । इस पूरे प्रकरण के वीडियो फुटेज और फ़ोटो शिकायतकर्ता के पास उपलब्ध हैं ।
इसके अतिरिक्त उद्योग द्वारा अपने प्लांट के भीतर भारी मात्रा में मिट्टी का उत्खनन कार्य किया गया हैं और बिना नक्शा पास करवाए ही व्यापक स्तर पर निर्माण कार्य करवाया जा रहा हैं । जबकि नियमानुसार किसी भी भवन या अन्य निर्माण कार्य हेतु शासन से प्रथमदृष्टया नक्शा पास करवाया जाता है और फिर मिली अनुमति के आधार पर निर्माण कार्य करवाया जाता हैं । उद्योग प्रबंधन ने नियमों को ताक पर रखकर वर्षों से यही कार्य किया हैं । जिस पर अब कार्यवाही होना अतिआवश्यक हैं ।

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