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Wednesday, December 16, 2020

पत्रकार साथियों और आइसना सदस्यों के लिए विशेष सूचना, सावधान... सावधान... सावधान... ?


फजी आइसना 

TOC NEWS @ www.tocnews.org

भोपाल // विनय जी. डेविड 9893221036 

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फर्जी आइसना का 17 दिसंबर को गरम मसाला एमपी नगर में होने वाला आयोजन से सावधान, हमारे ओरिजिनल संगठन आइसना का कोई वास्ता नहीं...?

भोपाल। ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन ( आइसना ) के नाम पर संगठन में फर्जीवाड़ा, घोटालेबाजी, प्रदेश अध्यक्ष रहते 🤦‍♀️कॉलगर्ल के साथ पकड़े जाने, संगठन के साथ लाखों रुपए की हेरफेर करने, फर्जी बैंक अकाउंट खोलकर संगठन को चीटिंगबाजी करने के दोषी को संगठन से धकियाने के बाद इस के #नटवरलाल के द्वारा संगठन के नाम ( आइसना ) का दुरुपयोग किया जा रहा है

जनता को गुमराह करने और संगठन के नाम से धोखाधड़ी करने के कोशिश लगातार जारी है, इस फर्जीवाड़ा और साजिश में कई लोग शामिल हो गये है। इन संबंधित लोगों के खिलाफ भी शिकायतें हो गई हैं और जल्द ही 420 का मुकदमा दर्ज होने वाला है.

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अभी-अभी इस फर्जी संगठन के शामिल लोगों के द्वारा हमारे संगठन के #जनसंपर्क विभाग के ( आइसना ) के खाते में जनसंपर्क अधिकारियों से मिलकर साजिश कर के खाते से ₹200000 ( 2 लाख रुपये ) फर्जी दस्तावेज फर्जी बैंक खातों की एंट्री कराकर निकलवा लिए गए हैं जिसकी जांच पुलिस विभाग, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा की जा रही है।
यह वही लोग हैं जो संगठन को चूना लगाने 420सी की है और अब गिरोह बनाकर षड्यंत्र कर रहे हैं संगठन के नाम का दुरुपयोग करते हुए अवैध लाभ लेने की साजिश में लगे हुए हैं।

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ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन ( #आइसना ) अपने सभी सदस्यगणों को सूचित करता है इस कार्यक्रम से हमारा कोई लेना देना वास्ता नहीं है 19 दिसंबर को भोपाल में होने वाला आयोजन संगठन के विरुद्ध गतिविधियों करने वालों का एक गिरोह है जिससे सावधान रहें इस कार्यक्रम में किसी को भी पहुंचने की आवश्यकता नहीं है। अगर कोई आपको गुमराह करता है तो प्रदेश अध्यक्ष विनय जी डेविड के मोबाइल व्हाट्सएप नंबर 9893221036 पर जानकारी तुरंत उपलब्ध कराएं । अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें।

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नोट : इन लोगों की कारगुजारी के लिए दिए गए लिंक को लिंक को क्लिक कर अवलोकन जरूर करें ।

इसे भी पढ़ें :- अड़ीबाज फर्जी कथित पत्रकार नरेंद्र गहलोत एवं लोकेन्द्र फतनानी को ज़बरदस्ती वसूली करने के दोषी को 2 साल की जेल और 1000 रुपये जुर्माना

प्रदेश महासचिव
विनोद मिश्रा
ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन ( #आइसना )

Saturday, December 12, 2020

शासकीय अस्पताल में डिलीवरी के लिये रिश्वत मांगने वाली रिश्वतखोर डॉ. प्रिया इंदौरिया निलम्बित, पुरे मध्यप्रदेश के चिकित्सालय का यही हाल



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शासकीय अस्पताल में रोगी से राशि मांगने पर दोषी चिकित्सक निलंबित

भोपाल। संभागायुक्त भोपाल कवीन्द्र कियावत ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैरसिया में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रिया इंदौरिया (मण्डल) को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। उन्होंने जानकारी दी है कि डॉ. प्रिया द्वारा प्रसूता श्रीमती निशा-परसराम गुर्जर से प्रसव के लिये रिश्वत की शिकायत प्राप्त हुई।

भोपाल जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैरसिया में एक महिला रोगी के उपचार के मामले में चिकित्सक द्वारा राशि की मांग पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए कमिश्नर भोपाल को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके पालन में कमिश्नर श्री कवीन्द्र कियावत ने चिकित्सक डॉ. प्रिया इन्दौरिया का निलंबन आदेश जारी कर दिया है। निलंबन अवधि में डॉ. इंदौरिया का मुख्यालय कार्यालय सिविल सर्जन मुख्य अस्पताल अधीक्षक जयप्रकाश चिकित्सालय भोपाल रहेगा।

एक समाचार पत्र में 10 दिसम्बर को प्रकाशित खबर में बताया गया था बैरसिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव के लिए आयी महिला को परीक्षण के उपरांत सीजेरियन ऑपरेशन का परामर्श दिया गया। इसकी सहमति परिवार द्वारा दी गई। रोगी के ऑपरेशन थियेटर पहुंचने पर चिकित्सक डॉ. इंदौरिया ऑपरेशन के लिए छह हजार रूपए की राशि की मांग की गई। 

रोगी के परिजन ने इस संबंध में शिकायत भी की। इस मामले का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें राशि की मांग करने के प्रमाण थे। रोगी की स्थिति को गंभीर बताते हुए राशि की मांग की गई थी और राशि न देने पर सुलतानिया अस्पताल भोपाल रैफर करने की बात की गई थी। प्रकरण के लिए जाँच दल गठित किया गया। जाँच में चिकित्सक को दोषी पाया गया, जिसके फलस्वरूप उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

शिकायत जाँच दल द्वारा प्रथम दृष्ट्या सही पाई गई। संभागायुक्त श्री कियावत ने डॉ. प्रिया के उक्त कृत्य को पदेन दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही मानते हुए निलम्बित कर दिया है। निलम्बन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने की पात्रता रहेगी।

Tuesday, December 1, 2020

नीलामी में घोटाला : पति रंजीत कर्नाल की शाजिस पर 41 लाख की जमीन 12 लाख में नीलाम करने वाली तहसीलदार दीपाली निलंबित

नीलामी में घोटाला : पति रंजीत कर्नाल की शाजिस पर 41 लाख की जमीन 12 लाख में नीलाम करने वाली तहसीलदार दीपाली निलंबित

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  • तत्कालीन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव
  • बिल्डर पति के ड्राइवर के पक्ष में की थी 3.21 हे. जमीन की नीलामी
  • लोकायुक्त जांच में पकड़ी गई धांधली

कलेक्टर गाइड लाइन को धता बताते हुए 41 लाख की जमीन को मात्र 12 लाख में अपने पति रंजीत कर्नाल के ड्राइवर प्रेमकुमार दांगी को नीलाम करना तत्कालीन उज्जैन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव (वर्तमान में देवास में तहसीलदार) को महंगा पड़ गया। लोकायुक्त पुलिस की चार्जशीट के बाद शासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। रजिस्ट्रार ने जब आपत्ति जताई तो दीपाली ने अपने ओहदे का प्रभाव दिखाते हुए रजिस्ट्रार पर दबाव बनाकर रजिस्ट्री करा दी थी।

यह है मामला

दरअसल, उज्जैन तहसील के बमौरा निवासी नाथूलाल ने अपनी 3.21 हे. जमीन को बंधक रखकर बैंक से पांच लाख का लोन लिया था। लोन नहीं चुका पाने पर वर्ष 2014 में नाथूलाल की जमीन नीलाम हो गई। तत्कालीन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव ने उक्त भूमि को अपने पति रंजीत कर्नाल के ड्राइवर प्रेमकुमार दांगी के पक्ष में महज 12 लाख 11 हजार रुपए में नीलाम कर दी। जबकि उस समय कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार उस भूमि की कीमत 41 लाख 60 हजार रुपए थी। शिकायत होने पर लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने पूरे मामले की जांच की।

पति के साथ सांठगांठ कर की थी नीलामी

लोकायुक्त पुलिस इंसपेक्टर बंसत श्रीवास्तव ने बताया कि नियमों को ताक पर रखकर नायब तहसीलदार दीपाली ने जमीन की नीलामी की थी। इसमें उसके पति रंजीत कर्नाल ने भी साथ दिया। जांच में पता चला कि नीलामी में प्रेमकुमार दांगी के साथ उज्जैन के अशोक नगर निवासी सहदेव और नीमनवासा के रहने वाले रमेश गुर्जर ने बोली लगाई थी। प्रेमकुमार की बोली 12.11 लाख पर छूटी। प्रेमकुमार ने नीलामी राशि को जमा करने के लिए चेक दिया था लेकिन उसने उसी समय आवेदन देकर चेक वापस ले लिया और उसी दिन तीन बजे तक सरकारी खाते में 12.11 लाख रुपए कैश जमा कर दिया। जांच में पता चला कि प्रेमकुमार के खाते में उस समय इतनी धनराशि नहीं थी तो वह इतना कैश कहां से लाया। लोकायुक्त पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि यह सब मैडम (दीपाली) और साहब (रंजीत) का करा-धरा है। साहब ने ही पैसों की इंतजाम किया था। इंसपेक्टर बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि रंजीत ने अपने इंदौर के पते पर प्रेमकुमार को किराएदार दिखाया था। उसी पते पर प्रेमकुमार का बैंक खाता भी खुलवाया था। प्रेमकुमार के पक्ष में नीलामी करवाने के बाद जमीन की रजिस्ट्री में रंजीत गवाह भी बना। जबकि यह नियमों के विरुद्ध था। नीलामी में पीठासीन अधिकारी का कोई सगा-संबंधी शामिल नहीं हो सकता है।

रजिस्ट्रार ने की थी आपत्ति

जांच अधिकारी बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि मात्र 12 लाख में नीलामी करने को लेकर तत्कालीन रजिस्ट्रार ने प्रेमकुमार के पक्ष में जमीन की रजिस्ट्री करने से मना कर दिया था। तब दीपाली जाधव ने रजिस्ट्रार काे पत्र लिखकर रजिस्ट्री करने का दबाव बनाया।

नीलामी में शामिल होने से किया इंकार

जांच अधिकारी ने बताया कि नीलामी में तीन लोग आए ही नहीं थे। प्रेमकुमार के साथ बोली लगाने वाले सहदेव और रमेश गुर्जर ने लोकायुक्त पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि उन्हें न तो नीलामी के बारे में पता था और न ही वे बोली लगाने आए थे। पूरी नीलामी सिर्फ कागजों में की गई।

नोटिस के बावजूद बयान देने नहीं आईं थीं दीपाली

लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक जांच के दौरान बयान देने के लिए तत्कालीन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव को नोटिस भेजा गया था, लेकिन वह नहीं आईं। उधर, प्रेमकुमार दांगी भी बयान देने के बाद से फरार है। उसकी फरारी में ही इसी साल 15 जनवरी को कोर्ट में चालान पेश किया गया।

सरकार और किसानों के बीच नहीं बनी सहमति, 3 दिसंबर को फिर होगी बातचीत, जारी रहेगा प्रदर्शन

सरकार और किसानों के बीच नहीं बनी सहमति, 3 दिसंबर को फिर होगी बातचीत, जारी रहेगा प्रदर्शन

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केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में जमे किसानों और सरकार के तीन मंत्रियों के बीच करीब साढ़े तीन घंटे तक बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पाया।

मंगलवार को विज्ञानभवन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित तीन मंत्रियों और किसान संगठनों के 30 से अधिक प्रतिनिधियों में मंथन के बाद केवल इतना तय हो पया है कि 3 दिसंबर को दोनों पक्षों में फिर बातचीत होगी। किसान नेताओं ने यह भी साफ कर दिया है कि धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। सरकार ने किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने की पेशकश की है। 

सूत्रों ने कहा कि किसान प्रतिनिधियों के साथ सरकार की तरफ से रखे गए इस प्रस्ताव का जवाब किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की ओर से नहीं आया है। लेकिन वे सभी किसान प्रतिनिधि नए तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर एकमत हैं। किसान प्रतिनिधियों की राय में ये कानून कृषक समुदाय के हित के खिलाफ हैं।

किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक अच्छी रही और हमने फैसला लिया है कि फिर से 3 दिसंबर को बातचीत होगी। उन्होंने कहा, ''हम चाहते थे कि एक छोटा सा समूह बनाया जाए, लेकिन किसान नेता चाहते हैं कि सभी से बातचीत हो। हमें इससे कोई समस्या नहीं है।'' बीकेयू (एकता उगराहां) अध्यक्ष जोगिंद्र सिंह उगराहां ने कहा कि सरकार की प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ बातचीत बेनतीजा रही है।

केंद्रीय मंत्रियों और 30 से अधिक किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक के बीच सरकार ने विश्वास जताया कि वह आंदोलनकारी किसानों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के बाद किसी समाधान पर पहुंचेगी। विज्ञान भवन में बैठक के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रेल और वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश, जो पंजाब के एक सांसद भी हैं, भी मौजूद थे।

बैठक से कुछ घंटे पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नरेन्द्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन पर लंबी चर्चा की। शुक्रवार को हुई हिंसा की घटना के बाद किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और अधिकतम पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा सिंघू और टिकरी सीमाओं पर शांतिपूर्ण धरना जारी रहा। सोमवार को गाजीपुर की सीमा पर प्रदर्शनकारियों का हुजूम जुट गया था।

विपक्षी दलों ने भी अपना दबाव बढ़ा दिया है और केंद्र सरकार से किसानों के ''लोकतांत्रिक संघर्ष का सम्मान करने और नये कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए कहा है।'' किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों की वजह से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जायेगी जिससे किसान बड़े निगमित घरानों (कॉरपोरेट्स) की 'दया के मोहताज' हो जाएंगे। सरकार निरंतर यह कह रही है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और कृषि में नई प्रौद्योगिकियों का समावेश बढ़ेगा।

पत्रकारों पर हमला करने वाले अपराधियों को जिला बदर करने की मांग, गृह मंत्री को सौंपा ज्ञापन

 

पत्रकारों पर हमला करने वाले अपराधियों को जिला बदर करने की मांग, गृह मंत्री को सौंपा ज्ञापन

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भोपाल ।  इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट मध्य प्रदेश इकाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज प्रदेश के गृहमंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा से उनके निवास पर मुलाकात कर सिंगरौली जिले में विगत दिनों पत्रकार श्री सुनील सोनी व उनके साथी  फणीन्द्र कुमार  पर आदतन अपराधी विवेक वैश्य और उसके सथियों  के द्वारा किए गए जानलेवा हमले के खिलाफ आरोपियों की गिरफ्तारी और उसके खिलाफ जिला बदर की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा ।

चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश अध्यक्ष जी सलमान खान के अलावा भोपाल संम्भाग अध्यक्ष जावेद खान , नवेद अली, सुभान खान, संजय दुबे, दोलत राम साहू, RK श्रीवास्तव, आदि सहित कई पत्रकार मौजूद थे।