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Tuesday, January 5, 2021

काला धन मामले में दो मंत्रियों की बढ़ी मुश्किल एफ आई आर की तैयारी

 

काला धन मामले में दो मंत्रियों की बढ़ी मुश्किल एफ आई आर की तैयारी


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भोपाल: विगत लोकसभा चुनाव में काला धन मामले के अंतर्गत मध्य प्रदेश सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही । आज नोटिस के जवाब में भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष मध्य प्रदेश सरकार के अवसर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाजिर हुए और इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की ।

जानकारी के अनुसार संपूर्ण जानकारी देते हुए 2 सप्ताह का समय मध्य प्रदेश सरकार ने और मांगा है। जिसमें मध्य प्रदेश सरकार की ओर से  में संबंधित विषय में f.i.r. की तैयारी के मामले आर्थिक अपराध अन्वेक्षण ब्यूरो में जानकारी प्रस्तुत की गई है । जानकारी के अनुसार कांग्रेस की सरकार के दौरान 64 कांग्रेस के विधायकों सहित पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं आठ सिंधिया के समर्थक , जिनमें वर्तमान में दो मंत्री शामिल है , आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार एफ आई आर की तैयारी अब लगभग पूरी हो चुकी है ।

स्टेटस रिपोर्ट के लिए 2 हफ्ते का समय मांगा ।

संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत होने के बाद मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के साथ-साथ अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा आज दोपहर को 12:00 बजे के लगभग चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत हुए दोनों अफसरों ने इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट पर शोध करने के लिए 2 सप्ताह का समय मांगा है ।राज्य शासन ने केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट आर्थिक अपराध अन्वेक्षण ब्यूरो (EOW) को सौंप कर जांच करने के निर्देश दे दिए हैं। EOW ने प् प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। राज्य शासन की तरफ से आयोग को बताया गया कि EOW जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, उसकी रिपोर्ट से अवगत कराया जाएगा। इसके लिए दोनों अफसरों ने स्टेटस रिपोर्ट के लिए 2 सप्ताह का आयोग से समय लिया है।बता दें कि मप्र में लोकसभा चुनाव-2019 से पहले आयकर छापों के बाद कालेधन के लेन-देन मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग के उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने मप्र सरकार के मुख्य सचिव और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को 5 जनवरी को दिल्ली तलब किया था।

 दिग्विजय सिंह पर लोकसभा चुनाव में 90 लाख रुपए मिलने के आरोप 

सीबीडीटी की रिपोर्ट में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के मंत्री सहित 64 विधायकों के नाम हैं। इनमें से 13 विधायक रिपोर्ट आने से पहले बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। बीजेपी के 13 में से 8 विधायक (इसमें से दो प्रद्युमन सिंह तोमर और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव मंत्री भी हैं) सिंधिया समर्थक हैं। रिपोर्ट में सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम नहीं है, लेकिन दिग्विजय सिंह पर लोकसभा चुनाव में 90 लाख रुपए मिलने के आरोप हैं।आयकर विभाग दिल्ली की इंवेस्टिगेशन विंग ने 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, मोजेर बियर कंपनी के मालिक भांजे रतुल पुरी और एक अन्य कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे। 8 अप्रैल को आयकर विभाग ने 14.6 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी बरामद की थी। इसके साथ बड़े पैमाने पर डायरियां और कंप्यूटर फाइल जब्त की थीं। इनमें सैकड़ों करोड़ रुपए के लेनदेन के हिसाब थे। बाद में आयकर विभाग ने बताया था कि दस्तावेजों में यह प्रमाण मिले हैं कि 20 करोड़ रुपए की राशि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के दिल्ली स्थित मुख्यालय भेजा गया। इन छापों में कुल 281 करोड़ रुपए के लेनदेन के पुख्ता प्रमाण मिले थे। यह पैसा विभिन्न कारोबारियों, राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों से एकत्र किया गया था। यह 20 करोड़ रुपए की नकदी हवाला के माध्यम से तुगलक रोड स्थित एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय को भेजी गई थी।


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