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Monday, April 26, 2021

Covishield vs Covaxin: कोविशील्ड और कोवैक्सीन में क्या है अंतर, टीका लगवाने से पहले इनके बारे में जानें



 ANI NEWS INDIA

देशभर में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए 28 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. 1 मई से टीकाकरण किया जाएगा. टीकाकरण के लिए देश में फिलहाल कोविशील्ड और कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसलिए टीका लगवाने से आपको लिए इन दोनों के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है.

नई दिल्लीः देश में 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण शुरू होने जा रहा है. सरकार ने प्राइवेट प्लेयर्स को भी वैक्सीन बेचने की अनुमति देने घोषणा की है. टीकाकरण के लिए को-विन ऐप पर 28 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा. फिलहाल दो वैक्सीन, कोविशील्ड और कोवैक्सीन ही उपलब्ध हैं।

18 से 45 के साल की उम्र के लोगों को प्राइवेट सेंटर्स या फिर सरकारी सेंटर पर टीके लगवाने होंगे. कुछ राज्यों ने फ्री वैक्सीनेशन की भी घोषणा की है. इससे पहले कि आप यह तय कर लें कि कौनसी वैक्सीन लगवानी है, आपको कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बारे में जानने की जरूरत है.

कोविशील्ड
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की इस वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है. इस वैक्सीन को एडिनोवायरस को निष्क्रिय करके विकसित किया गया है. पहले चिंपैजी में साधारण जुकाम करने वाले निष्क्रिय एडिनोवायरस के ऊपर SARS-CoV-2 की स्पाइन प्रोटीन का जेनेटिक मेटेरियल लगाकर तैयार किया गया है.

यह कैस काम करती है
जब किसी मरीज को वैक्सीन की एक डोज मिलती है, तो यह प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडी का उत्पादन शुरू करने और किसी भी कोरोना वायरस संक्रमण पर अटैक करने के लिए तैयार करती है.

एफिकैसी
कोविशिल्ड की कुल प्रभावकारिता (Efficacy) 70 प्रतिशत है. हालांकि यह 90 प्रतिशत से अधिक हो सकता है, जब एक महीने बाद फुल डोज दे दी जाती है.

स्टोरेज
इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर स्टोर करके सुरक्षित रखा जा सकता है.

कीमत
सीरम इंस्टीट्यूट यह वैक्सीन राज्यों को पर डोज 400 रुपये में और निजी अस्पतालों को पर डोज 600 रुपये में देगी. केंद्र सरकार को एक डोज 150 रुपये में मिलती है.

कोवैक्सीन
यह एक निष्क्रिय वैक्सीन है, जिसका अर्थ है कि यह मृत कोरोना वायरस से बनी है. इसको भारतीय कंपनी भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने विकसित किया है. इसमें इम्युन सेल्स कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने के लिए इम्युन सिस्टम को प्रोम्पट करती हैं.

यह कैसे काम करती है
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, डिलीवरी के समय वैक्सीन SARS-CoV-2 कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को तैयार करता है. एंटीबॉडी वायरल प्रोटीन से जुड़ी होती हैं, जैसे कि स्पाइक प्रोटीन जो इसकी सतह को स्टड करते हैं.

एफिकैसी
कोवैक्सीन ने दूसरे अंतरिम एनालिसिस में 78 प्रतिशत प्रभावकारिता और गंभीर कोविड -19 डिजीज के खिलाफ 100 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है.

स्टोरेज
वैक्सीन को 2- 8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जा सकता है.

कीमत
कोवैक्सीन की कीमत राज्यों के लिए पर डोज 600 रुपये और प्राइवेट अस्पतालों के लिए पर डोज 1,200 रुपये होगी. केंद्र सरकार इस वैक्सीन को 150 रुपये पर डोज पर खरीदती है.

 

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