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Wednesday, August 24, 2022

चर्च ऑफ नार्थ इंडिया में ज़ोरदार धमाका, मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त

 


मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त

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विनय जी. डेविड  9893221036

▪️ नए मॉडरेटर डॉक्टर भांबल ने बिशप दान को डायसिस आफ लखनऊ के बिशप के रूप में दी मान्यता 

▪️ बिशप मनोज चरण उन को शपथ दिलाने वाली रचना सिंह एवं जोसवा  होंगे जल्द गिरफ्तार। याचिका संख्या 4121/2002में पारित आदेश हुआ निष्प्रभावी।

प्रयागराज. चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की राजनीति में भूचाल लाने वाले बिशप मॉरिस दान ने लंबी छलांग लगा दी है तथा पीसी सिंह द्वारा बिछाई गयी बिसात को को तहस-नहस कर दिया है । बिशप मोरिस दान ने अपनी न्यायिक लड़ाई के आड़े आने वाले किसी भी शख्स को नहीं बख्शा और जो भी सामने पड़ा उसे गाजर मूली की तरह काटते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर बिशप दाम के इस नए धमाके से तमाम नए समीकरण बनेंगे बिगड़ चुके हैं । 


मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त


सूत्रों से आ रही बड़ी खबर के अनुसार चर्च आफ नॉर्थ इंडिया के मॉडरेटर डॉक्टर बी भांबल द्वारा जारी पत्र से यह साफ हो गया है कि पीसी सिंह का कार्यकाल समाप्त हो चुका था । और उनको किसी भी प्रकार का कोई अधिकार नहीं रह गया था, फिर भी पूर्व मॉडरेटर पीसी सिंह ने फर्जी, कूटरचित एवं जालसाजी के द्वारा डायसिस आफ लखनऊ में मनोज चरण की नियुक्ति बतौर बिशप कर दिया। और अपनी बेहद करीबी सहयोगी रचना सिंह एवं जोशवा को शपथ दिलाने के लिए प्रयागराज भेज दिया। सूत्रों की माने तो  इन दोनो क़रीबियों के विरुद्ध बिशप दान की टीम एफआईआर दर्ज करा रही है। अब इस पत्र से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पीटर बलदेव द्वारा दाखिल याचिका संख्या 4121/2022 में पारित आदेश निष्प्रभावी हो गया है । 


क्योंकि उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कहा है कि चर्च आफ नॉर्थ इंडिया द्वारा अधिकृत बिशप ही सभी संस्थाओं का संचालन करेगा। अब उसी न्यायालय में डॉक्टर भांबल अपना वकालतनामा प्रस्तुत करके हलफनामा दाखिल कर अधिकारिक रूप से पुष्टि करेंगे कि चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया के एकमात्र अधिकृत चेयरमैन बिशप मोरिस एड्गर दान हैं। जिनकी सूची सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत पंजीकृत है। जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं लगायी गयी है वहीं सूत्रों की माने तो दूसरी ओर चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया के पदाधिकारी डेनिस लाल की तरफ से भी हलफनामा दाखिल हुआ है कि, दान बर्खास्त बिशप है जबकि दान की बहाली का आदेश तत्कालीन कार्यवाहक मॉडरेटर प्रबल दत्ता ने जारी कर रखा है। 


मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त


किसी भी कानूनी जानकार के द्वारा यह बताया जा सकता है कि जब दो-दो चर्च ऑफ नार्थ इंडिया खड़ी होगी तो यह विषय ट्रायल कोर्ट अर्थात सिविल सूट का है। माननीय उच्च न्यायालय यह तय नहीं कर सकता कि किस चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का अस्तित्व है अथवा नहीं। तथा कौन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया अनाधिकृत है। ऐसी स्थिति में एक बार  गेंद पुनः सहायक रजिस्ट्रार सोसाइटीज के पाले में जाएगी जो चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के संविधान के मुताबिक यह तय करेंगे कि किस मॉडरेटर का कार्यकाल खत्म है  तथा कौन सा मॉडरेटर सही है। 

क्या सविधान के मुताबिक  बर्खास्तगी का आदेश नियमानुसार सिनोड  कोर्ट के द्वारा किया गया था अथवा नहीं ? इन सब का फायदा कई अन्य बर्खास्त बिशप को भी होगा, क्योंकि अगर तय प्रक्रिया से कोई भी बिशप  बर्खास्त नहीं किया गया है तथा पीसी सिंह व एग्जीक्यूटिव कमेटी का कार्यकाल समाप्त हो गया था तो ऐसी स्थिति में यदि पी सी सिंह द्वारा कोई भी बिशप बर्खास्त किया गया और दूसरी चर्च ऑफ नार्थ इंडिया ने उस बिशप को बहाल कर दिया तो पुराने बिशप पुनः कार्य करते रहेंगे। 


अन्य डायसिस के बर्खास्त बिशप कैसे और कब तक लड़ेंगे यह तो ऊपर वाला ही जाने लेकिन डायसिस आफ लखनऊ में बिशप दान जल्द ही सभी संस्थाओं के चेयरमैन बनकर बैठेंगे यह सुनिश्चित हो चुका है। और इसमें आड़े आने पी सी सिंह,  मनोज चरण समेत कई लोग जेल की बैंरकों में बैठकर प्रातः भजन व योग करेंगे। जेल के अंदर पीटर बलदेव बेसब्री से अपने आका पीसी सिंह का इंतजार कर रहा है। रही बात बिशप दान की तो यह साफ़ है कि दान को रोकना अब मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। 

वहीं दूसरी ओर शाहगंज में जिस मामले में पीसी सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल है उसमें न्यायालय द्वारा पीसी सिंह के विरुद्ध वारंट जारी करने का प्रार्थना पत्र वादी मुकदमा ने दे दिया है । साथ ही गैंगस्टर मामले में भी अंतर्राष्ट्रीय जालसाज, महाठग तथा धनशोधनकर्ता पीसी सिंह का नाम भी प्रकाश में आ चुका है। 


मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त



मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त

जानकारों की माने तो जिन लोगों ने यह सपना देख रखा है कि वह दान से लड़ेंगे भी और दान हमें छोड़ भी देंगे तो वह अब अपनी इस उत्तेजना पर क़ाबू पा लें। जानकारों ने सलाह दिया है कि ऐसे लोग अपनी अयोग्यता की कुंडली खंगाल कर फ्रंट पर आने का कार्य करें। जल्द ही उनको बड़े परिणाम डायसिस आफ लखनऊ में देखने को मिलेंगे। 

क्योंकि बिशप डॉन का तो बस एक ही कहना है.. 

कबीरा खड़ा बाजार में लिया लुगाठी  हाथ.. 

जो घर फूको आपनो चलो हमारे साथ.. 

ना पाने की खुशी ना खोने का गम.


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