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Thursday, July 10, 2025

पाँच उर्वरक विक्रय प्रतिष्ठानों का निरीक्षण, अनियमितताएं पाए जाने पर तीन को कारण बताओ नोटिस


पाँच उर्वरक विक्रय प्रतिष्ठानों का निरीक्षण, अनियमितताएं पाए जाने पर तीन को कारण बताओ नोटिस


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जबलपुर. खरीफ के मौसम में किसानों को गुणवत्ता युक्त उर्वरकों एवं कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से कृषि अधिकारियों ने आज गुरुवार को पाटन विकासखण्ड के अंतर्गत पाँच विक्रय प्रतिष्ठानों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इन प्रतिष्ठानों में बेनीखेड़ा स्थित खुशी ट्रेडर्स एवं मंगल ट्रेडर्स, उड़ना स्थित श्री जगदम्बा कृषि केंद्र एवं जय माता एग्रो तथा उड़ना सड़क स्थित श्रीराम फर्टिलाइजर शामिल हैं।

अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन के नेतृत्व में किये गये निरीक्षण के दौरान ख़ुशी ट्रेडर्स में पीओएस मशीन कार्यरत नहीं पाई गई। पीओएस मशीन में 23 टन यूरिया दर्ज है जबकि प्रतिष्ठान में भौतिक रूप से यह निरंक है। इस प्रतिष्ठान द्वारा स्टॉक बुक, बिल बुक एवं लायसेंस प्रदर्शन फलक भी प्रस्तुत नहीं किया गया। इन अनियमितताओं के कारण उर्वरक विक्रेता को कारण बताओ नोटिस जारी किया तथा उप संचालक कृषि से प्रतिष्ठान का उर्वरक लायसेंस निलंबित करने की अनुशंसा की गई। 

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इसी प्रकार श्री जगदम्बा कृषि केंद्र में सभी दस्तावेज व्यवस्थित पाए गए लेकिन पीओएस मशीन में उर्वरक की मात्रा एवं भौतिक स्टॉक में अंतर पाए जाने की वजह से विक्रेता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उर्वरक विक्रेता ने कृषि अधिकारियों को पीओएस में सर्वर की समस्या से अवगत कराया तथा वितरित उर्वरकों एवं कृषकों के आधार कार्ड की सूची दिखाई। कृषि अधिकारियों ने पीओएस में स्टॉक में मिलानकर जवाब के साथ पीओएस की पर्ची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

कृषि अधिकारियों द्वारा जय माता एग्रो के किये गये निरीक्षण में प्रतिष्ठान में कई कंपनियों की एक्सपायरी दिनांक की कीटनाशक दवाइयाँ पाई गईं। प्रतिष्ठान द्वारा जोजिल (एमिडक्लोरोपिड) 150 ग्राम की 12 बोतलों में एक्सपायरी वर्ष 2024 को पेन से बदलकर 2028 किया गया था। इन अनियमिताओं के कारण उप संचालक कृषि से इस प्रतिष्ठान के लायसेंस निलंबन की अनुशंसा की गई तथा एक्सपायरी कीटनाशकों को अलग करने का निर्देश दिये गये। मंगल ट्रेडर्स एवं श्रीराम फर्टिलाइजर के निरीक्षण के दौरान उर्वरक-कीटनाशक का मिलान पूरा पाया गया एवं समस्त दस्तावेज सुव्यवस्थित एवं पूर्ण पाए गए।

निरीक्षण में उर्वरक निरीक्षक एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पाटन पंकज श्रीवास्तव भी मौजूद थे।अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ. इंदिरा त्रिपाठी ने किसानों से एक्सपायरी दिनांक देखकर ही कीटनाशक खरीदने, रजिस्टर्ड विक्रेताओं से आदान क्रय कर पक्का बिल लेने एवं किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर कृषि विभाग को तत्काल सूचना देने की अपील की है, ताकि दोषी व्यक्तियों के त्वरित कार्यवाही की जा सके।

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