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Thursday, March 25, 2010

इलाहाबाद और रीवा बार्डर के आरक्षित वनों में अवैध खनन से अरबों की क्षति

अवैध खनन लाभ सनन

इलाहाबाद और रीवा बार्डर के आरक्षित वनों में अवैध खनन से अरबों की क्षति
ब्यूरो प्रमुख उ. प्र.// सूर्य नारायण शुक्ल

(इलाहाबाद // टाइम्स ऑफ क्राइम)

सामजिक वानिकी वन प्रभाग इलाहाबाद में भारतीय वन सेवा की कसमें खा कर नौकरी प्राप्त कर अधिकारी अपने वन सम्पदा की सुरक्षा न करके सिर्फ मालामाल होने में व्यस्त नजर आ रहे है। जिससे करोड़ों अरबों की वन सम्पदा नष्ट हुई, प्राकृतिक संरचना नष्ट हुयी। उल्लेखनीय है कि जनपद के कोरांव वन रेंज जो यू.पी., एम.पी. सीमा के कैमूर एरिया का हनुमना जनपद रीवा ड्रमण्डगंज जिला मिर्जापुर तथा कोरांव वन रेंज इलाहाबाद तथा मऊगंज जिला रीवा के पर्वतीय वन आरक्षित वन है। इसमें सबसे मंहगी वन सम्पदा वृक्ष व ईमारती पत्थर पटीआ है। मिर्जापुर के वन अधिकारी तो सुप्रीम कोर्ट की डर से अवैध खनन बन्द कराये 5-6 वर्ष से अधिक हो रहा है। लेकिन कोरंाव व हनुमना वन रेंज के पर्वतों में पत्थर माफियाओं ने वन विभाग पुलिस और तहसील के कुछ अधिकारियों को पटा कर खनन कार्य होता रहा। सबसे अधिक यू.पी. इलाहाबाद के ही लोगों ने हनुमना वन रेंज के पहाड़ों का पत्थर पटीआ खनन लगवा कर फर्जी ढंग से प्रपत्र एम एम 11 के जरिये कोरंाव के वन अधिकारी कर्मी पुलिस वाले ट्रकों और ठेकेदारों से सुविधा शुल्क लेकर गैर प्रान्त बिहार आदि व गैर जनपदों तक आपूर्ति की जाती रही।हनुमना वन परिक्षेत्र के रेंज अधिकारी आर.के. जायसवाल ने देखा कि एम.पी. के आरक्षित वनों पर्वतों की ईमारती पत्थर पटीआ यू.पी. के खास तौर से कोरंाव के पत्थर पटीआ के माफिया खनन कराकर गैर प्रान्तों तक जब सप्लाई करने लगे तो उन्होंने एक अभियान चालू किया और पत्थर माफिया व सप्लायरों की धर पकड़ शुरू कर दी। जिसमें थाना कोरंाव इलाहाबाद क्षेत्र के ग्राम पियरी निवासी राम बहादुर सिंह पटेल व बलापुर थाना कोरांव निवासी अमर बहादुर सिंह पटेल सप्लायर के विरूद्ध केस दर्ज कर दिया व ट्रकों को भी निरूद्ध कर दिया जिसमें एक ट्रक क्क 70 ्रञ्ज 1266 अमर बहादुर सिंह पटेल की 3 मार्च 2010 को मह ईमारती पत्थर पटीआ से लदी ट्रक को फर्जी प्रपत्र एम एम 11 सहित पकड़ कर हनुमना वन रेंज में जब्त कर दिया। और राज सात की कार्यवाही सुनिश्चित हो रही है। ट्रक नं. क्क 070 ्रञ्ज 372 को मह ट्रक मालिक राम बहादुर सिंह पटेल निवासी पियरी कोरांव इलाहाबाद को अवैध परिवहन अधि. व भारतीय वन अधि. के तहत् 06/11/09को निरूद्ध किया। ट्रक मालिक ट्रक सहित गिरफ्त के बाहर है। जिसके लिए डी.एफ.ओ. रीवा अजय कुमार यादव तथा अन्य प्रशासनिक अफसरों ने उक्त ट्रक व मालिको की गिरफ्तारी हेतु डी.आई.जी. इलाहाबाद जिलाधिकारी इलाहाबाद तथा पुलिस अधीक्षक यमुनापार इलाहाबाद को अर्धषासकीय पत्र भी 15 मार्च 2010 को लिखा है।इसके पूर्व एक वन अपराधी राम कृपाल आदिवासी ग्राम नेवढिय़ा पाल कोरंाव इलाहाबाद जो उप वन रेंजर हनुमना राम सुमन मिश्रा पर वन की डियूटी करते समय प्राण घातक हमला किया था जिसमें वाछित अभियुक्त राम बहादुर पटेल का ही हाथ बताया जा रहा है। जो हनुमना थाना रीवा में वर्ष 2007 में धारा 307 व 120 बी आई.पी.सी. आदि के केस दर्ज है। षेश अभिुक्तों की तलाष पुलिस कर रही है। लेकिन कोरंाव पुलिस ने उक्त पांच हजार की ईनामी मुल्जिम राम कृपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिस पर वनक्षेत्राधिकारी हनुमना के प्रयास से वन विभाग रीवा शासन की और से 05 हजार का पुरश्कार थानाध्यक्ष कोरांव अजय सिंह को प्रेषित कर दिया गया है। श्री जायसवाल वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि अवशेष वन अपराधियों का भी ईनाम घोषित करने जा रहा है, ताकि यू.पी. पुलिस से मदद मिल सके।उधर पत्थर वन माफिया डान अवैध खनन सप्लाई पर प्रतिबन्ध लगा दिये जाने से बौखला कर वन क्षेत्राधिकारी हनुमना व यू.पी. के सहयोगी वन कर्मियों तथा अवैध खनन की खबरें प्रकाशित करने व शिकायत करने वालों के भी विरूद्ध षडय़ंत्र रच रहे है। जिसकी सूचना वन क्षेत्राधिकारी ने कोरांव पुलिस सी. ओ. मेजा इलाहाबाद आर.बी. चौरसिया से लेकर एस.एस.पी. इलाहाबाद आदि तक व खबरें लिख कर खनन बन्द करवाने वाले वन पर्यावरण प्रेमी एक पत्रकार को भी धमकिया देने पर डी.जी.पी. पुलिस उ.प्र. लखनऊ डी.आई.जी. इलाहाबाद को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने व विधिक कार्यवाही हेतुु पत्र दिया है। जिससे पत्थर माफिया बौखला गये है अन्दर ही अन्दर कमाई ठप होने से स्थानीय पुलिस वन विभाग के अफसर कर्मी भी वन क्षेत्राधिकारी हनुमना रीवा व पत्रकार ए.ए. सिद्दीकी कोरांव इलाहाबाद से खार खाये हुए है। वांछित वन अपराधी क्षेत्र में घूम घूम कर कहते फिर रहे है कि पुलिस हम लोगो के पक्ष में है जब जंगल या क्षेत्र में पकड़ धकड़ करने आयेगें तो जान लेवा हमला बोल दिया जायेगा। वन क्षेत्राधिकारी हनुमना आर.के. जायसवाल ने संवाददाता को बताया कि अपराधी चाहे जितना बड़ा क्यों न हो, चाहे जितनी पैरवी कराले लेकिन उसे कानून के शिकंजे में आना ही है चाहे आज पकड़ा जाये चाहे बाद में, उन्हे गिरफ्त में आना ही है। और खनन कटान वन्य जीवो का पलायन रोकना मेरी प्राथमिकता है। जनपद रीवा के डी. एफ. ओ. अजय यादव ने कहा कि यू. पी. के ही वन अपराधी एम. पी. के जंगलों को क्षति पहुंचा रहे है। यू. पी. के शासन से सहयोग लेकर अवैध खनन बन्द कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल खनन तो बन्द है लेकिन आगे कड़ी कार्यवाही से कोई हिम्मत भी नहीं करेगा कि खनन व सप्लाई करें। इधर जिला इलाहाबाद में कोरांव वन रेंज की आरक्षित वनों में खनन किये जाने अवैध कटानों फर्जी लीज़ संस्तुति किये जाने मनमाने ढंग से कई साल से एक ही स्थान व जिले में तैनात रहकर मनमानी कर रहे वन कर्मियों अफसरों के विरूद्ध जांच कार्यवाही शुरू होने से पूरे वन महकमें में हड़कम्प मचा है।शासन स्तर तक वन सम्पदा दोहन की शिकायतों की जांच हेतु कई बार वन अफसरों ने जब निष्पक्ष जांच नहीं किया तो पुन: शिकायतें हुयी और पुन: जांच काम्बिंग के आदेश दिये गये है। और आर.टी.आई. के तहत् कई प्रमुख सूचनाएं मांगे जाने से भी अफरा तकरी का माहौल है। शिकायतों परान्त मुख्यमंत्री कार्यालय लखनऊ अनुभाग 02 पत्रांक 05/सू.अ./सी.एम.-02/2010-4 सू.अ./10 दिनांक 07 जनवरी 2010 द्वारा जारी शासनादेश जो प्रमुख सचिव वन लखनऊ व जिलाधिकारी इलाहाबाद को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। इससे पूरे माईन्स विभाग तथा वन विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। खुन्नस खाये वनाधिकारी पुलिस पत्थर माफिआ शिकायत करने वालों के ही पिछे पड़ गये है जिसकी सूचनाएं सक्षम तंत्र को दे दी गयी है। परन्तु काबिले गोर बात है कि वन सुरक्षा वन्य जीवों के हित में राजस्व की हो रही अपूर्णनीय क्षति पर क्या प्रशासन शासन संवेदनशील नहीं है? जिससे देश, क्षेत्र, समाज, को वन से जल और जल से अन्न मिलता है?

ब्यूरो प्रमुख उ. प्र. से सम्पर्क 99362 29401

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