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Wednesday, April 28, 2010

कानपुर में दूधिये ने तीन महिलाओं की हत्या

ब्यूरो प्रमुख उ. प्र.// सूर्य नारायण शुक्ल(टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख उ. प्र. से सम्पर्क 99362 29401
कानपुर, उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में घर में दूध पहुुंचाने वाला दूधिया ही एक व्यापारी परिवार की तीन महिलाओं को मौत के घाट उतारने वाला कातिल निकला। पुलिस के अनुसार दूध वाले ने कुछ दिन पहले व्यापारी परिवार द्वारा किए गए अपमान का बदला लेने के लिए सास, बहू और बेटी की गर्दन काटकर हत्या की। कानपुर के पुलिस उप महानिरीक्षक प्रेम प्रकाश ने आज सुबह बताया कि 13 अप्रैल को किदवईनगर के एच ब्लाक में हुई व्यापारी शांति शरण अग्रवाल की मां, पत्नी और बेटी की हत्या के आरोप में उनके घर दूध देने वाले दूधिए सुशील को तड़के ढाई बजे गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि इस दूधिए ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए पहले इलाके की एक दुकान से लोहे का धारदार हथियार चापड़ खरीदा। उसके बाद 13 अप्रैल को घर में दूध देने आया। दूध देने के बाद उसने सबसे पहले इमरती देवी की गर्दन पर चापड़ मार कर हत्या की। उनकी चीख सुनकर उनकी बहु पुष्पा आई तो हत्यारे ने उसकी गर्दन भी काट दी। इसी बीच दूसरे कमरे में पढ़ रही उनकी बेटी रूचि भी वहां आ गई तो सुशील ने उसकी भी गर्दन काट डाली। रूचि से आरोपी सुशील की थोड़ी छीनाझपटी भी हुई। प्रकाश के अनुसार सुशील ने पूछताछ में बताया कि पन्द्रह दिन पहले वह अग्रवाल परिवार में दूध देने गया था तो घर के मालिक शांति शरण अग्रवाल ने उससे कहा कि आज घर का बाथरूम साफ करने वाला नहीं आया है जरा बाथरूम साफ कर दो। इस पर उसने कहा कि वह दूध देने आता है और यह काम नहीं कर सकता। इस पर अग्रवाल ने उसकी बेइज्जती की और जबरन उससे बाथरूम साफ करवाया। पुलिस उप महानिरीक्षक ने बताया कि इसके बाद से सुशील अपने अपमान का बदला लेने की सोच रहा था और 13 अप्रैल को दोपहर के समय मौका मिलते ही उसने हत्याओं को अंजाम दे डाला। पहले उसने बारदाना और दावा व्यापारी शांति शरण अग्रवाल की मां इमरती देवी, बाद में पत्नी पुष्पा अग्रवाल तथा बेटी रूचि अग्रवाल की बड़ी निर्ममता से गला काटकर हत्या कर दी और फरार हो गया। अग्रवाल की बेटी रूचि एमबीए कर चुकी थी और कम्पनी सेकेटरी प्रथम वर्ष की छात्रा थी। डीआईजी के अनुसार पुलिस ने बुधवार को दूध वाले सुशील सहित चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। पूछताछ में दिखा कि सुशील के कपड़ों पर खून के कुछ निशान लगे हुए हैं तथा उसके हाथ में कुछ छोटे-छोटे कटे के निशान भी हैं। इस बारे में जब उससे पूछा गया तो उसने बताया कि ये खून के निशान मच्छर मारने के हैं। इस पर पुलिस ने उसके कपड़े फोरेसिंक लैब जांच के लिए भेज दिए और सख्ती से पूछताछ की। थोड़ी ही देर में सुशील टूट गया और उसने बता दिया कि इस सनसनीखेज तिहरे हत्याकांड को उसने अंजाम दिया है। डीआईजी ने बताया कि सुशील ने बताया कि उसने हत्या के लिए चापड़ इलाके की एक दुकान से 45 रूपए में खरीदा था और वह उसे अपने साथ ही रखता था। वह इस फिराक में था कि अग्रवाल परिवार में कब महिलायें अकेली हों और कब वह अपने अपमान का बदला ले। प्रकाश ने बताया कि मंगलवार 13 अप्रैल को दूधिए सुशील को यह मौका मिल गया। उसने घर में केवल महिलाओं को देखा तो उसने इस घटना को अंजाम दे दिया। उस दुकानदार की भी पहचान पुलिस ने कर ली है जहां से यह चापड़ खरीदा गया था। हत्या में इस्तेमाल किया हुआ चापड़ घटना वाले दिन ही घटनास्थल से थोड़ी दूर एक खाली पड़े प्लाट से बरामद हो गया था। उन्होंने बताया कि दूध वाले को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उससे पूछताछ की जा रही है। दिनदहाड़े हुए इस हत्याकांड से शहर के व्यापारियों में काफी रोष व्याप्त था। मामला चूंकि एक व्यापारी परिवार का था इसलिए व्यापारियों ने एक बैठक बुलाकर बड़ा आंदोलन करने की योजना तय करने का कार्यक्रम रखा था। बुधवार देर रात केन्द्रीय कोयला राज्य मंत्री और कानपुर के सांसद श्रीप्रकाश जायसवाल भी अग्रवाल परिवर के किदवईनगर स्थित घर गए थे और उन्होंने शौक संतप्त परिवार को सांत्वना दी थी।

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