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Saturday, May 22, 2010

प्रधान बनकर शासन का लाखों रूपये डकार

ब्यूरो प्रमुख उ. प्र.// सूर्य नारायण शुक्ल (इलाहाबाद // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ग्राम पंचायतों के सर्वेक्षण में 90 प्रतिशत प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी आपस में मिली भगत करके शासन प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने व शासन द्वारा स्वीकृत ग्राम विकासकार्यों की राशि को डकारने में लगे हैं। इलाहाबाद जिले में अधिकांशत: गांवों की स्थिति काफी दयनीय देखने को मिल रही है। गांव में शासन की महत्वपूर्ण योजनायें मनरेगा, मिड-डे-मिल, शौचालय, छात्रवृत्ति, महामाया, इन्दिरा आवास, इत्यादि दम तोड़ती नजर आ रहीं है। प्रधान बनकर शासन का लाखों रूपये डकार जाना एवं शासन प्रशासन द्वारा इस मामले की निष्पक्ष रूप से जांच व कार्यवाही न होना इसे आम जनता क्या समझे? यह बड़ा ही चिन्तनीय विषय है।उल्लेखनीय है कि कोरांव क्षेत्र में लगभग सों ग्राम पंचायतों में अधिकांशत: ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना में आई राशि का 80-90 प्रतिशत भुगतान किया है। जबकि शासन के मानक के अनुसार 60 प्रतिशत राशि मजदूरी में व 40 प्रतिशत राशि का मटेरियल खर्च होना चाहिये क्योंकि मजदूरों की मजदूरी सीधे उनके खाते में समायोजित कर दी जाती है। इसलिए उस राशि में प्रधान व ग्राम विकास ज्यादा से ज्यादा राशि को मटेरिलय खर्च में दर्शाकर फर्जी बिल व्हाउचर बनवाकर अत्याधिक राशि को डकारने में कोताही नही करते। इसी प्रकार मिड-डे-मील में भारी गोलमाल देखने में आया है। महीने में चार छह दिन कभी-कभार मिड-डे-मील बनवाकर बाकी खाद्यान्न प्रधान बिक्री कर देते हैं। अदल-बदल कर भोजन बनाने के बजाय सिर्फ खिचड़ी ही बनवाई जाती है जिसमें भी कभी कीड़े मिलेंगे तो कभी कंकड। इसके अलावा घूस लेकर कार्ड बनाना अपात्रों को बी.पी.एल. कार्ड जारी करना व पात्रों को वंचित रखना, बिना कहीं काम कराये कागजी खानापूर्ति करके स्वीकृत राशि हजम करना, कोटेदारों से मिलकर चीनी, मिट्टी का तेल व अन्य खाद्यान्न को कार्ड धारकों को न बटवाकर सीधे बिक्री करना इत्यादि आपराधिक कार्यों में ग्राम प्रधान लिप्त देखे जा रहे हैं। कुछ जन प्रतिनिधियों से जुड़े होने व थाने पर जाकर दलाली करने के कारण ये सारे अपराधों से बचते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। आम जनता सिर्फ अपनी जी तोड़ मेहनत की कमाई से ही लाभ प्राप्त करती है। शासन की सारी रकम तो सिर्फ ग्राम प्रधानों के लिए ही हो रही है। क्या यह भ्रष्ट तंत्र कभी भी नहीं बदलेगा? इसका उत्तर तो सिर्फ जिले एवं प्रदेश के निष्पक्ष व ईमानदार आला अधिकारी ही देंगे। आम जनता ने हर गांव की विभिन्न उपरोक्त बिन्दुओं पर जांच व कार्यवाही की मांग जिलाधिकारी व मण्डलायुक्त से की है। ब्यूरो प्रमुख उ. प्र. से सम्पर्क 99362 29401

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