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Wednesday, May 12, 2010

अनुदान की जमीन पर भोज की खेती

रिपोर्टर // उमेश पाण्डेय (भोपाल // टाइम्स ऑफ क्राइम)

रिपोर्टर उमेश पाण्डेय से सम्पर्क 95895 29987


पत्रकारिता की डिग्री देने वाले माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय ने अनुदान की जमीन पर खेती कर डाली है। इतना ही नहीं बिना रिकार्ड की जा रही इस खेती का हाल ही में सौ क्विंटल चना बाजार में बेचकर राशि का बंदरबांट भी कर लिया गया है। यह मामला उजागर होने के बाद विवि प्रबंधन इस मामले में पर्दा डालने में लगा हुआ है। सरकार द्वारा करीब दस साल पहले विवि को पचास एकड़ जमीन राजधानी में दी गई थी। माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय को तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सन् 1999 में विशनखेड़ी में पचास एकड़ जमीन आवंटित की थी। इस जमीन पर दो साल पहले विवि द्वारा फेंसिंग कराई गई और वहां अजान सिंह नामक एक व्यक्ति को चौकीदार के रूप में रखा गया और उसका वेतन विवि द्वारा हर महीने भुगतान किया जाता था। जमीन की देख-रेख और चौकीदार को दिशा-निर्देश देने का जिम्मा सहायक रजिस्ट्रार विवेक सावरीकर के जिम्मे था। बताया जाता है कि 26 जनवरी को कुलपति और रजिस्ट्रार द्वारा उक्त भवन में दालबाटी का कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें कुलपति और जिस्ट्रार सहित कई अधिकारी अपने परिवार सहित उक्त कार्यक्रम में शामिल थे। इसके बाद 18 मार्च को कुलपति रस्ट्रिार खेत का निरीक्षण करने उक्त परिसर में गए थे। इसी दौरान कुलपति वीके कुठियाला आए तो उन्होंने नए कैंपस में भवन निर्माण की रूपरेखा तैयार की और जमीन का मुआयना करने गए। चिन्हित जमीन पर चने की लहलहाती खेती देखकर वे चौंक गए, क्योंकि उनके साथ कुछ बाहर के भी अधिकारी थे। उन्होंने जब गार्ड अजान सिंह से पूछा तो उसने स्वीकार किया कि यहां चने की खेती होती है। कुलपति के साथ रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारी भी थे। कुलपति ने रजिस्ट्रार से कहा कि यहां खेती की जा रही है, इस संबंध में विवि के पास कोई रिकार्ड नहीं है, यह तो अपराध की श्रेणी में आता है। चौकीदार और संबंधित अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना चाहिए। विवि प्रबंधन द्वारा एफआईआर की तैयारी भी कर ली गई। इसी दौरान चौकीदार और संबंधित अधिकारियों ने कटाई-गहाई करा कर करीब सौ क्विंटल चना बाजार में बेच दिया। अब इस मामले में प्रबंधन लीपा-पोती करने में लगा हुआ है। बताया जाता है कि उक्त चोकीदार की नियुक्ति सहायक रजिस्ट्रार विवेक सावरीकर ने की थी। जमीन का निरीक्षण भी समय-समय पर श्री सावरीकर ही करने जाते थे। चौकीदार अजान सिंह वहीं का रहने वाला है और इस जमीन पर वर्षों से खेती कर रहा है। इसके साथ ही सब्जियां भी लगाकर बेचता है। इस मामले में कुलपति अचानक चुप हो गए जो विवि से जुड़े हुए लोगों के गले नहीं उतर रही है। बताया जाता है कि कुलपति ने सभी अधिकारियों के बैंक एकाउंट में पता लगाने में जुटे हुए हैं।

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इनका कहना है:- ''वर्षों से वहां अवैध खेती हो रही है। दो साल पहले से विवि की जमीन में अजान सिंह खेती कर रहा है। इसके पहले रामभरोसे नामक व्यक्ति वहां खेती कर रहा था।

( विवेक सावरीकर, सहायक रजिस्ट्रार, प्रशासन)

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''अवैध खेती हो रही है। मैं जब निरीक्षण करने गया था तो वहां चना लगा हुआ था। मैंने संबंधित अधिकारी और चौकीदार के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है।

(वीके कुठियाला, कुलपति, माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय)

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