Pages

click new

Thursday, June 10, 2010

शासकीय सम्पत्ति हलाल डॉ.सुषमा ठाकुर लाल

शासन को चूना लगाने वाली डॉ. श्रीमति सुषमा ठाकुर की विभागीय जांच शुरु, अब दरवाजे, खिड़की खोलकर डिलेवरी कराने वालों की बारी
भोपाल// अनिल शाक्य (टाइम्स ऑफ क्राइम)
देर आये दुरूस्त आये...? कहावत अब जिला प्रशासन होशंगाबाद के लिये सटीक बैठती नजर आ रही है। ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' ने अपने 15 से 21 अप्रैल 2010 के अंक में ''डॉक्टर सुषमा डायन शासन को लगा रही चूना'' शीर्षक से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ डॉ. श्रीमति सुषमा ठाकुर (वर्मा) की काली करतूतों की पोल खोली थी वहीं पिपरिया में शासकीय बंगले पर जबरियां कब्जे का विस्तृत प्रकाशित कर शासन को पहुंचाने वाली छति पर प्रकाश डाला था, जिस पर जिला कलेक्टर होशंगाबाद कार्यालय में सजगता से लिया और प्रकाशित खबर और शिकायत पर जांच के आदेश जारी कर दिये। जांच करने के आदेश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी होशंगाबाद को डॉ. श्रीमति सुषमा वर्मा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरिया की प्रकाशित खबर एवं शिकायत की जांच आवश्यक कार्यवाही 15 दिवस के अन्दर करने हेतु पाबन्द किया गया है। ज्ञात हो कि डॉ. सुषमा वर्मा अपनी काली कमाई के आगे अनोखे षडय़ंत्रों को अन्जाम देती रही है। वहीं शासकीय बंगले पर विगत चार-पांच सालों से कब्जा बनाई बैठी है। वहीं प्रशासनिक व्यवस्था की लापरवाही ने इस चंडाल चौकड़ी को सरकारी सम्पत्ति पर कब्जा जमाने के लिये खुब सहारा और मौका प्रदान किया डॉ. सुषमा वर्षों से विवादों के साये में उलझी हुई है। उनकी षडय़ंत्रकारी नीतियों के आगे क्षेत्रिय प्रशासन की बोलती बन्द रहती है डॉ. सुषमा वर्मा की जच्चा-बच्चा से वसूली आये दिन सुरखियाँ बटोरती रहती हैं। ढेरों फर्जीवाड़ा और शिकायतों के बाद भी यहां के अधिकारी ना जाने क्यों इसके आगे भीगी बिल्ली बने रहते हैं। उल्लेखनीय है कि डॉ. सुषमा वर्मा ने जिला चिकित्सा अधिकारी को एक शिकायत में बयान करवाने के लिये पसीने छुड़ा दिये वहीं चिटिंग बाजी कर किसी न किसी बहाने प्रशासन को बेवाकूफ बनाती रही है। विभाग ने कई बार डॉ. वर्मा को टाईम लिमिट पत्र भी थमाये परन्तु कुछ अधिकारी की मिलीभगत के चलते यह षडय़ंत्रकारी डॉ. ठाकुर अपनी चालों में सफल हो गई। वहीं 2007 में बच्चा गिरने की घटना ने इस डॉक्टर के भेष में डायन की पोल-खोल कर रख दी। पोल खुलने से बौखलाई डॉ. वर्मा ने अपने अधीनिस्त कर्मचारियों को बे वजह परेशान किया। रूपयों की हवस में भूखी डायन ने कभी परवाह नहीं की मानवता भी कोई धर्म है। वहीं भोग विलसता की पूर्ति के लिये सरकारी तंत्र का खुलेआम इस्तेमाल किया अब देखना यह है कि कब तक ये सेटिंग बाज सम्बंधित अधिकारी इस डॉ. सुषमा को बचाकर उसकी हाँ में हाँ करते और जांचों को गुमराह कर क्लीनचिट देते रहेंगे। परन्तु इन अधिकारियों को यह जान लेना चाहिए की पाप का घड़ा भर के जब फूटता है तो कोई हथेली लगाने वाला नहीं रहता।

No comments:

Post a Comment