Pages

click new

Thursday, August 26, 2010

वाहन पंजीयन में लाखों का घपला

कार्यालय के बाबूओं का कमाल, दलालों की मिलीभगत से किया फर्जी रजिस्ट्रेशन
उज्जैन // डॉ। अरुण जैन(टाइम्स ऑफ क्राइम)
भ्रष्टाचार एवं घोटाले करने में अव्वल परिवहन कार्यालय के बाबुओं ने एक बार फिर वाहन पंजीयन में लाखों का खेल कर दिया। दलालों से मिलीभगत कर आरटीओ के बाबू व कप्यूटर आपरेटर से फर्जी तरीके से वाहन पंजीकृञ्त कर दिया और सबूत छिपाने के लिए कप्यूटर के रिकार्ड में एंट्री भी कर दी। संभावना है ऐसे कारनामों को अंजाम देने क ेपीछे एक अंतरराज्यीय गिरोह काम कर रहा है। मामला प्रकाश में आते ही आरटीओ कार्यालय में हडक़ंञ्प मचा हुआ है और संबंधितों से जवाब तलब किए गए हैं। वाहनों का अवैध पंजीयन इतनी चालाकी से किया गया है कि इसे पकडऩा आसान नहीं है। जब मामले की शिकायत हुई तो आरटीओ एचआर रोहित ने ततीश की, जिसमें बड़े घोटाले की संभावना जताई जा रही है। आरटीओ दतर से एक ट्राला पंजीयन किया गया है, जिसका नंबर एसपी 13 जीए 1207 है। मामले में शिकायत होने पर जब इसका रिकार्ड तलब किया गया तो पता चला इसकी फाइल ही नहीं बनी लेकिन जब इसका कप्यटर रिकार्ड जांचा गया तो रजिस्ट्रेशन की एंट्री मिली। गत 28 जुलाई को बिना टै?स चुकाए वाहन की फर्जी एनओसी भी जारी कर दी गई। जिस पर आरटीओ के फर्जी हस्ताक्षर कर सील लगा दी गई। आशंका है कि इस पूरे घोटाले में आरटीओ के बाबू के साथ शहर के ही एक दलाल ने मोटा लाभ कमाया है। अब जब एकलृएक कर मामले की परते खुल रही है तो मिलीभगत में शामिल लोग प्रकरण दबाने में लगे हुए है। एक बाबू और आपरेटर पर शकमामले में आरटीओ के रजिस्ट्रेशन शाखा के प्रभारी रमेश चौधरी व कप्यूटर आपरेटर मनीष सूर्यवंशी पर शक जाहिर किया जा रहा है। मामले में चौधरी को नोटिस दिया गया है और सूर्यवंशी पिछले चार दिनों से गायब है। आरटीओ में कप्यूटर सेक्शन में निजी ठेकेदार के कर्मचारी कार्य करते है वे आरटीओ के कर्मचारी नहीं होते। च

No comments:

Post a Comment