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Thursday, August 26, 2010

अम्बिकापुर में आंगनबाड़ी केन्द्रों में अव्यवस्था

पोषण आहार वितरण पर जनप्रतिनिधियों ने उठाए सवाल
ब्यूरो प्रमुख // राजेन्द्र कुमार जैन - (अम्बिकापुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 98265 40182 -
राजपुर ब्लाक में महिला एवं बाल विकास विभाग की लचर व्यवस्था एवं खाद्यान्न योजना, पोषण आहर योजना के उचित संचालन न होने से जहां आंगनबाड़ी केंद्रों की उपस्थिति प्रभावित हुई है, वहीं गर्भवती, धात्री महिलाओं के पोषण एवं स्वास्थ्य सुविधा पर भी प्रश्नचिन्ह है, पालक एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने विभागीय लापरवाही पर असंतोष जाहिर कर महिला परियोजना अधिकारी के कार्यों की जांच की मांग की है, राजपुर ब्लाक में पिछले दो वर्षों में महिला बाल विकास विभाग की आंतरिक व्यवस्था गुटबंदी और अधिकारी के तानाशाहीपूर्ण व्यवहार से पूरी तरह बिगड़ चुकी है, अब ये आलम है कि राजपुर क्षेत्र के कई ग्रामों में पोषण आहार वितरण, रेडी टू ईट फुट सप्लीमेंट का वितरण, नियमित रूप से गर्भवती, धात्री, किशोरी के लिए उपलब्ध पूरक पोषण आहार नियमित न होने या एकदम बंद होने की स्थिति है, राजपुर के करीब ही सरनापारा, छीरोपारा, ओंकरा, डीगननगर, पतरापारा, अमहरी कोरगी, बगाड़ी एवं परती, चिलमा, करवां गोपालपुर, सेवारी, डांडख़ड़आ, परसवार, तोनी भेंड्री, कोदौरा, लतकुड़, कौडू मांकड़, उफिया उलिया, आरा, घटगांव, सिधमा, बदौली, खोडरो, धंधापुर क्षेत्र में पोषण आहार रेडी टू ईट-(सत्तू) पैकेट न मिलने की शिकायत ग्रामीण महिलाओं ने की है। इधर कई आंगन बाड़ी केंन्द्रों में प्रत्येक मंगलवार के शिशु संरक्षण माह के दवा वितरण में कार्यकर्ताओं की खास रूचि नहीं और कई शिशु एवं माताओं को विटामिन ए कृमिनाशक, आयरन फोलिक एसिड, मच्छरदानियों का उपचारित नहीं किया गया है, नियमित टीकाकरण हेतु भी प्रचार प्रसार न होने से आदिवासी अंचलों में पात्र महिलाओं को नियमित पोषण एवं स्वास्थ्य सुविधाऐं सुलभ नहीं हो पा रही हैं, दूर दराज एवं पास के कुछ केन्द्रों में बगाों के लिए निर्धारित गतिविधियां नहीं होतीं, गर्मियों में कई केंन्द्र बंद पड़े हैं कई केंद्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की जगह सहायिका केन्द्र चला रही है। ग्रामीणों ने बताया कि रेडी टू ईट पोषण आहार का स्वाद और क्वालिटी अ'छी नहीं है और सतत मानीटरिंग न होने परियोजना अधिकारी के अम्बिकापुर निवास करने से केन्द्रों की व्यवस्था लचर है, और सुधार की जरूरत है।

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