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Wednesday, February 16, 2011

प्रतिनिधि//अहद अहमद सिद्दीकी (शहजादे)
(इलाहाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम) प्रतिनिधि से सम्पर्क 99362 २९४०१

इलाहाबाद मंडल में दो निलम्बित, कई को मिली फटकार,
सी.ओ. मेजा का तबादला, थानों की नकेल न कसने का मिला खामियाजा
भ्रमण क्षेत्रों में मैडम से जनता व मिडिया वालों को न मिलने का रहा बहुत मलाल

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की वजीर ए आला मोहतरमा मायावती जी ने इस समय पूरे यू.पी. रियासत में लूट, कत्ल, डकैती, रेप, भ्रश्टाचार, में बृद्धि से ही हो रही विपक्षियों के विरोधी स्वरों से खिन्न होकर नियंत्रण स्वरूप अब बारी बारी से यू.पी. के सभी मंडलों जनपदों का तूफानी दौरा शुरू कर दिया है। इसके पूर्व इनके जिम्मेदार अधिकारियों ने समीक्षाएं की थी, इसके बाद मुख्यमंत्री ने स्वयं सर्वेच्छण द्वारा उडऩ खटोला, बाई कार अम्बेडकर ग्रामों, से लेकर तहसील थाना कचहरी तक का भ्रमण षुरू कर दिया है। हालांकि इसके पर्व जब मुख्यमंत्री बना करती थीं तो ज्यादा जलव ए अफरोज नजर आती थी अबकि बार पूरी तरह से जब सत्ता इनके हाथ में है तो पहले की तरह ज्यादा कड़ाई कार्यवाही नहीं कर रहीं है।

13 फरवरी 2011 को इलाहाबाद मंडल का दौरा किया, उस दिन इतवार था छुट्यिां थी लेकिन जहां जहां मुख्यमंत्री को जाना था वहां के स्कूल भी खुले थे। मायावती जी ने इलाहाबाद के उरूवा विकास खण्ड तहसील मेजा के अम्बेडकर ग्राम सराय खुर्द में सवा ग्यारह बजे दिन हेलीकाफ्टर से उतरी। सराय खुर्द के प्राईमरी स्कूल में बच्चों से चन्द मिनट के लिए पंूछ तांछ की। पहले से सिखाये पढ़ाए बच्चों ने मैडम से कहा सब ठीक ठाक है। उन्होंने डी.एम. आलोक कुमार को सड़के नाली ठीक करवाने का हुक्म दिया तथा फटकार भी लगायी। विकास कार्यों का जल्दी जल्दी जायजा लिया। स्कूल का मुआएना किया। वहीं उन्होंने तहसील थाना दिवस, कृषि आवंटन, दलित उत्पीडऩ के मामलों की समीक्षा कर डाली। मैडम ने डिप्टी एस. पी. मेजा आर. बी. चौरसिया की कार्यषैली न पसन्द आने पर तत्काल हटाने का आदेष जारी कर दिया। उन्होने अपने साथ ले आयीं कैविनेट सचिव शसांक शेखर सिंह प्रमुख सचिव गृह फतेह बहादुर सिंह को सरायखुर्द गांव में दुबारा प्रोगाम बनवाने को कह डाला। इसके बाद मैडम फूलपूर तहसील कोतवाली सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र का भी अचानक निरीक्षण कर डाला। इसके बाद इलाहाबाद शहर के बेली अस्पताल का मुआएना किया भर्ती मरीजों से मुलाकात की। मेहदौरी स्थित काशीराम शहरी आवास योजना का स्थलीय निरीक्षण किया।

इसके बाद कौशाम्बी जिले के ब्लाक सिराथू में स्थित अम्बेडकर ग्राम ऐमवारी का भ्रमण किया। जनपद के कई थानो, अस्पतालों आदि कई सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण किया। इसी प्रकार फतेहपुर जिले का भी निरीक्षण किया। मैडम ने वहां के नगर पालिका परिशद के अधिशासी अधिकारी को व कोतवाली फतेहपुर के थाना प्राभारी को नियंत्रण में कमी पाये जाने पर निलंबित कर दिया। और अन्य अफसरों को चेतावनी भी दी। मुख्यमंत्री ने इलाहाबाद कौषाम्बी फतेहपुर आदि जिलों की भ्रमण में समीक्षा करते समय विकास योजनाओं कानून व्यवस्था की स्थित की गहन समीक्षा की। राज्य सरकार द्वारा गरीबों के जनकल्याण कारी योजनाओं को क्रियान्वयन पात्रों को लाभ से वंचित न होने की हिदायतें भी दी। उन्होंने जनहित गारन्टी कानून को प्रभावी क्रियान्वयन का विशेष तौर से निर्देश दिया। मैडम की सख्त हिदायत यह रही कि जब मैने कानून के दायरे में सभी कार्य की छूट अधिकारियों दे देखीं है तो लापरवाही व क्रियान्यवन में कमी कत्तई वर्दास्त नहीं होगी। मुख्यमंत्री इलाहाबाद सहित कई जिलों के कलेक्टरों केा व अन्य अफसरों को कई मामलों में फटकारा भी।

इलाहाबाद के वेली अस्पताल में निरीक्षण के समय थाना थरवर्द क्षेत्र की कोरसरा ग्राम की निवासनी श्रीमती लीलावती ने मैडम का पैर पकड़ कर रोते हुए फरियाद करने में कामयाब हो गयी। उसने रोना रोया कि वर्श 2..4 में मेरे साथ बलात्कार हुआ था, आज तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं किया इसके बाद उन्हीं दबंगों ने मेरी भूमि को कब्जा कर लिया। मायावती जी ने डी.एम. इलाहाबाद आलोक कुमार व डी.आई.जी. राम कुमार को तुरन्त लीलावती की पूरी कहानी सुनकर कार्यवाही कर के लखनऊ सूचित करने का आदेश दिया।

मजेदार बात तो यह रही कि इलाहाबाद जिले के कोरांव ब्लाक अन्तर्गत बदौआ पाल, टौंगा, खिवली, चैलारी, अम्बेडकर ग्रामों का मुख्यमंत्री के भ्रमण का जिक्र था। जिसे लेकर साथ प्रशासनिक अमला उक्त गावों की विकास कार्य को अंजाम देने में लगा रहा। 12 फरवरी 2011 को प्रोग्राम जब उरूवा ब्लाक मेजा तहसील हो गया तब अफसरों को कुछ राहत मिली। अम्बेडकर ग्राम बदौआ चैलारी आदि कई गांवों के महिलाओं ने कहा कहो भईयऊ हरेन, ई बतावई कि एह गांव में बहिन जी के न आवई बदे केऊ अफसरवन, नेतए ठिकेदरएन, पूजा पाठ कराएन का।
फिलहाल जहां जहां मैडम का दौरा था सभी उक्त क्षेत्र की जनता को मलाल था कि अधिकारी कर्मी बहिन जी से मिलकर अपना दु:खदा नहीं सुना सके। मुख्यमंत्री हम लोगो ने बनाया है अफसरों ने नहीं। वैसे मुख्यमंत्री को तो मीडिया से भी परहेज दिखा। वे किसी की प्रेस वर्ता में शरीक नही हुयी। इलाहाबाद में मिडिया अधिकारियों से सी.एम. से वार्ता करने को लेकर काफी नोंक झोक भी हुयी। हालांकि मुख्यमंत्री जब जनता से या मीडिया से मुखातिब ही होना चाहती तो कोई रोक का फर्क ही न पड़ता! लेकिन ........।

यह ऐसा सी.एम. का पहला दौरा रहा कि जिसमें विपक्षी राज नैतिक दलों ने काले झण्डे दिखाये और उनके पुतले भी फंूके।
इलाहाबाद के सी.ओ. मेजा आर.बी. चौरसिया तो इसलिए हटा दिये गये कि अपराध नियंत्रण पर अपने सर्किल में असफल रहे। वैसे भी कोरांव मेजा खीरी, माण्डा में कई प्रकरणों में इनकी कार्यशैली जैसे सी.ओ. की होनी चाहिए, नहीं नजर आयी। इनसे ज्यादा तेज थाने का एक सिपाही भी नजर आता था। जो दरोगा थानों का कहें या गुमराह कर दें वही काम सी.ओ. साहब ओ.के. कर देते थे। न्याय अन्याय इनके कार्यकाल में नहीं देखे गये। कई जांचो में पुलिस की कार्यवाही को ही इन्होने वैध ठहराया आज सबक उस लापरवाही की मिली। ऐसी क्षेत्र में लोगो द्वारा चर्चाएं है।

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