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Wednesday, February 2, 2011

नीलगाय व पाला का कहर, पीडि़त किसान परिवार सहित कर रहे पलायन

ब्यूरो प्रमुख // डा. मकबूल खान (छतरपुर //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 9926003805
छतरपुर। जिले के चंदला के क्षेत्र के किसान विगत कई माह से नीलगायों के कहर से जूझ रहे है। उनक ी सुनने वाला कोई नजर नही आ रहा है। नीलगायों के झुण्ड़ के झुण्ड़ खेतों में गुसकर फसलों को खा लेते है साथ ही उजाड़ कर भाग जाते है। बेचारे किसान हांथ पर हांथ धरे बैठे रहते है। फसलों से हांथ धो बैठे किसानों के पास आय का दूसरा साधन न होने के कारण वे शासन की योजनाओं के होते हुए भी काम की तलाश में महानगरों की ओर पलायन कर चुके हैै। क्षेत्र में जिन किसानों ने इस बार अच्छी फ सल की आस में खेतों में बुबाई की थी। भीषण सर्दी से फसलों में लगे पाले ने किसानों की फसलों का सूखा कर रख दिया है। वर्तमान सर्वेक्षण के मुताबिक क्षेत्र के 60-70 प्रतिशत फसलों को पाला ने चौपट करके रख दिया है। दोनों भीषण समस्याओं के चलते अब किसानों के पास अपने परिवार का भरण-पोषण करने का कोई दूसरा रास्ता नही दिखाई दे रहा है।
जिसके चलते किसान मय परिवार के बड़े शहरों की ओर पलायन कर रहे है। कृषि समिति के जिलाध्यक्ष आर.डी. प्रजापति ने प्रदेश के महामहिम राज्यपाल महोदय को शिकायती आवेदन भेज कर किसानो के लिए पारित आदेशों पर सख्ती से पालन कराये जाने की मांग की है। श्री प्रजापति ने आवेदन में बताया कि वर्ष 2008 जारी आदेश के मुताबिक नीलगायों से पीडि़त किसानों को मुआवजा राशि दी जाये साथ ही मंत्रिमंडल की बैठक नीलगायों को मारने का आदेश पारित किया गया था। साथ ही यही आदेश वर्ष 2000 में भी दिये गये थे। लेकिन आज तक आदेशों का पालन नही हुुआ है।


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