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Saturday, February 5, 2011

बैतूल,सर्वे रिर्पोट पर ही उठने लगे सवाल

बैतूल // रामकिशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैतूल, बैतूल जिला प्रशासन द्वारा राहत आयोग को भेजी गई नुकसान फसलों की सर्वे रिपोर्ट पर लोगो ने अभी से सवाल उठने शुरू कर दिये हैं। जब इस रिपोर्ट का फसलों के आधार पर नुकसानी का आंकलन रिपोर्ट को संदेहास्पद बन गई हैं। बैतूल में की गई राजस्व राज्यमंत्री की घोषणा को भी झूठा साबित करने का काम इस रिर्पोट में किया गया हैं। सबसे चौकान्ने वाली बात यह है कि रिर्पोट में सिर्फ आमला विकासखण्ड हैं जहां पर सभी तरह की फसलों को नुकसान हुआ हैं। राहत आयोग को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार बैतूल तहसील में जिन फसलों का नुकसान बताया गया है उसमें गन्ने और गेहूं की फसल को शामिल नहीं किया गया है। चिचोली तहसील में भी गेहंू और गन्ने को शामिल ही नहीं किया गया। घोड़ाडोंगरी में मसूर और मटर को शामिल नहीं किया गया है। शाहपुर तहसील की फसल नुकसानी रिपोर्ट में सिर्फ अरहर की फसल को ही नुकसानी में शामिल किया गया है और करीब 1700 हेक्टेयर में यह नुकसानी बताई गई है।
वहीं मुलताई में भी अरहर व गन्ने दोनों को नुकसानी में नहीं लिया। जिले के राहत विभाग द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में सबसे ज्यादा गांव 260 मुलताई तहसील के है। वहीं भैंसदेही के 201, बैतूल के 188, चिचोली के 71, शाहपुर के 122, आमला के 156, घोड़ाडोंगरी के 70, आठनेर के 92 ग्रामों को शामिल किया गया है। कुल 1160 गांव में 76 हजार 602 हेक्टेयर में नुकसान बताते हुए 90861 किसानों को प्रभावित बताया गया है। जिसमें 237635 टन उत्पादन का नुकसान बताया गया है। बीते सप्ताह राजस्व मंत्री ने गेहंू और गन्ने को सर्वे में शामिल करने के लिए कहा था लेकिन इसके बाद भी यदि शामिल नहीं किया गया, तो इस मामले में प्रशासन से चर्चा की जाएगी और जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री से भी इस मामले में बात होगी। वैसे यह रिपोर्ट इस आधार पर तो विश्वसनीय नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि राजस्व विभाग का अमला किसानों के खेतों तक ही नहीं पहुंचा है और यह रिपोर्ट किसी भी स्थिति में विश्वास के काबिल नहीं है। गेहंू की फसल को भी हर जगह नुकसान हुआ है। इसलिए पूरे जिले में इसे नुकसानी में शामिल किया जाना चाहिए था।
यहीं हालत गन्ने सहित अन्य फसलों की भी है। किसानों को समय पर राहत राशि मिले इसके लिए सचिव राजस्व एवं अपर राहत आयुक्त ने जिले के समस्त तहसीलदारों को 31 मार्च तक बैंकों में खाते खोलने के निर्देश जारी किए हैं। ताकि कोषालय में बगैर ज्यादा लिखा-पढ़ी की कार्रवाई के राहत की राशि सीधे तहसीलदारों के खातों से होकर किसानों तक पहुंच सके। जिला कोषालय अधिकारी एसके राय ने बताया कि सचिव राजस्व एवं अपर राहत आयुक्त सीमा शर्मा ने प्रदेश के समस्त जिलों में एक लेटर जारी कर यह निर्देश दिए है कि बैतूल जिले जहां पाला व शीतलहर के प्रभाव से फसलों को नुकसान पहुंचा है। वहां त्वरित राहत राशि के वितरण के लिए तहसीलदारों के बैंकों में 31 मार्च तक खाते खुलवाए जाएं। ताकि राहत राशि का सीध भुगतान तहसीलदारों के खातों में किया जा सके। राय ने बताया कि इस प्रक्रिया से जहां ट्रेजरी में बिल लगाने और कागजी कार्रवाई से छुटकारा मिलेगा। वहीं किसानों को जल्द से जल्द राहत राशि का वितरण भी हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी बैंक खातों का विशेष आडिट अप्रैल माह में वित्त विभाग द्वारा कराया जाएगा।

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