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Saturday, February 5, 2011

गांवो के गरीबो तक नहीं पहुंच सकी बिजली विभाग की समाधान योजना

बैतूल // रामकिशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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30 सितंबर 2010 से 31 मार्च 2011 तक यह योजना
बैतूल, गरीबों के घर रोशन रखने के लिए मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की लेकिन जब इसका क्रियाव्यन का समय आया तो यह योजना मैदानी स्तर पर बिजली के टूयुब लाइट की तरह फ्यूज हो गई। बिजली विभाग के अधिकारी अपनी खामिया छुपाने के लिए इस स्थिति के लिए ग्रामीणो को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। राज्य सरकार की इस योजना जिसका लाभ हजारों लोगों को मिलना था वह कुछ ही लोग तक ही पहुंच पाया। यह स्थिति है विद्युत कंपनी की समाधान योजना की जो कि अपना मूल लक्ष्य ही हासिल नहीं कर पाई। सरकारी जानकारी के अनुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए समाधान योजना लागू की थी। जिसमें बिजली बिल बकाया होने पर भी बिजली सप्लाई यथावत रखने के लिए गरीब उपभोक्ताओं को यह मौका दिया गया था कि वे बकाया राशि में से 25 प्रतिशत राशि जमा कर दें। शेष 75 प्रतिशत राशि सरचार्ज सहित माफ कर दी जाएगी। 30 सितंबर 2010 से 31 मार्च 2011 तक यह योजना रहेगी।
इस योजना के लिए पूरे जिले भर में मात्र 1600 ही गरीब परिवार मिल सके। बीते वर्ष 30 सितंबर 2010 से लागू इस योजना में तीन माह गुजर जाने के बाद भी महज 1656 उपभोक्ताओं को ही योजना का लाभ ले रहे है उनकी जानकारी बैतूल उत्तर 585,बैतूल दक्षिण 743,मुलताई 328 बताई गई। इस बारे में सच कुछ इस प्रकार है कि आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में जिले में बीपीएल उपभोक्ताओं की संख्या 98756 है और इन पर मूल बकाया राशि 443.15 लाख, सरचार्ज 57.96 लाख रूपए है। इस स्थिति में 1656 उपभोक्ताओं को लाभ देते हुए 8.91 लाख मूल राशि और 0.81 लाख सरचार्ज विद्युत वितरण कंपनी वसूल कर पाई है। इतना ही नहीं सबसे चौकान्ने वाली बात तो यह है कि मात्र 26 लाख रूपए माफ किया गया है। इस महत्वपूर्ण योजना का सही प्रचार-प्रसार नहीं होने से यह गरीब उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाई।

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