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Saturday, February 5, 2011

शिवराज का आखिर कैसा आया सुराज

बैतूल // रामकिशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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जनसुनवाई में हाथ जोड़ कर खड़े हैं विधायक आज
बैतूल, मध्यप्रदेश में भाजपा के सुराज में भाजपा के विधायको की हालत दिन - प्रतिदिन बद से बदतर होती चली जा रही हैं। सत्ता पक्ष के नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों की आपसी गुटबाजी का जिले के प्रशासनिक अफसर खुल कर फायदा उठाने से नहीं चुक रहे हैं। दाने डाल कर मुर्गो को लड़ाने की बैतूल जिले के प्रशासनिक अफसरो के बीच जैसे प्रतियोगिता चल रही है। पहले संगठन की ओर से प्रशासन को सूचित किया गया था कि पहले जनप्रतिनिधि बाद में विधायक की बातों को प्राथमिकता दे लेकिन कुछ दिनो बाद पार्टी संगठन की ओर से इस बात के संकेत दिए गये क विधायक को बाद में पहले संगठन की बातों को प्राथमिकता दी जाए। अचानक नई गाइड लाइन आ गई कि संगठन से पहले प्रभारी मंत्री की बातों को महत्व दिया जाए। अब भोपाल से मिली नई तथाकथित गाइड लाइन ने तो जनप्रतिनिधि , संगठन , विधायक ,प्रभारी मंत्री सबको दरकिनार कर दिया है। सीएम हाऊस का नाम लेकर कहा जा रहा है कि जिले के अफसरो को यह निर्देश मिल गए कि सीएम हाऊस से पुछे बिना कोई भी कार्य न करे। इस गाइड लाइन का यह नतीजा निकला कि अब जिले के सत्ता पक्ष के विधायको को भी आम आदमी की तरह कलैक्टर के दरबार में प्रत्येक मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में हुई हाथ जोड़ कर आवेदन लेकर खड़ा रहना पड़ रहा हैं। सत्ता पक्ष के विधायकों की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनका जिले के अफसरो पर कितना शिंकजा कसा हुआ हंै।
अभी तक जिले के ग्रामीण क्षेत्रो से आम जनता की समस्याओं को लेकर आती थी तथा घंटो खड़े रहने के बाद केवल आश्वासन का रसगुल्ला लेकर बैरंग लौट जाते हंै। इस बार हुई कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जनसुनवाई के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों के अलावा सत्तापक्ष के दो विधायक भी मौजूद थे। जनसुनवाई में लोगों की समस्याओं को लेकर पहुंचे बैतूल विधायक अलकेश आर्य एवं आमला विधायक चैतराम मानेकर को भी लाइन में खड़े रहने के साथ - साथ समस्या के समाधान के अर्जी लगाना पड़ी। बैतूल विधानसभा क्षेत्र के विधायक अलकेश आर्य अपने विधानसभा क्षेत्र के आठनेर विकासखंड के ग्राम जामपाठी में पीने के पानी के संकट का दर्द लेकर से आए ग्रामीणों के साथ पहुंचे। विधायक आर्य ने बताया कि गांव में पेयजल का भीषण संकट उत्पन्न हो गया हैं। मजबूरी में लोगों को झिरी का पानी पीना पड़ रहा है। विधायक ने ग्रामीणों की समस्या को पीएचई अधिकारी खान के समक्ष रखा और जल्द से जल्द हैंडपंप खनन कराए जाने का अनुरोध किया। इसी कड़ी में आमला से भाजपा विधायक चैतराम मानेकर ने भी अनाथ बच्चों को सहायता राशि दिलाए जाने की मांग रखी। जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अधिवक्ता प्रशांत गर्ग ने इस शर्मसार स्थिति पर कहा कि कांग्रेस के राज में पार्टी के एक छोटे से कार्यकत्र्ता की इतनी पहुंच थी कि अधिकारी उठ खड़े होते थे। अब तो विधायकों को जनसुनवाई में खड़ा होना पड़ रहा हैं। ऐसे में जिले के दुरस्थ ग्रामीण अचंलो से आने वाले आम आदमी क्या होता होगा।

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