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Wednesday, February 16, 2011

वसंत के पहले ही बौराया यौवन, हत्या-आत्महत्या-अपहरण

बैतूल से रामकिशोर पंवार
toc news internet channel (टाइम्स ऑफ क्राइम)

अपनी प्रियतमा के परिजनो के इंकार के बाद रोहित का इस तरह से बदला

लेने की किसी को सपने में भी उम्मीद नहीं थी। झल्लार के पास तामसार गांव के एक युवक ने रोहित की तरह एक तरफा प्रेम में खुद की बलि देनी की कोशिस की थी। संजू नामक युवक ढोंढ़वाड़ा के मंदिर की दिवारो से सिर पटक - पटक कर जान देनी की कोशिस की साथ ही अपना गला भी मंदिर में देवी के साथ धारधर हथियार से रेत कर बलि देने का प्रयास किया। 25 साल के संजू का यह दिवाना पन भी वसंत के पूर्व यौवन के बौराए जाने का प्रतिक है। घोड़ाडोंगरी बस स्टैण्ड पर मिली गर्भवति युवती की लाश के पीछे की कहानी भी कुछ कम दर्दनाक नहीं है। युवती के प्रेमी ने ही अपनी प्रेमिका की जान ले ली। इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही पिंकी यादव और बब्बू के आनर कीलिंग के मामले की स्याही सुख भी नहीं पाई है। इस बहुचर्चित आनर कीलिंग के मामले में पिंकी यादव के भाई का बदला कम चौकान्ने वाला नहीं है। अपनी बहन पिंकी के द्वारा जाति समाज से बाहर किसी अन्य युवक से बैतूल आकर शादी कर लेने के बाद विक्की यादव ने बहन और उसके प्रेमी की बेरहमी से हत्या कर दी। इंतकाम की आग की बलि चढ़े दोनो युगल प्रेमी की कहानी आज भी बैतूल के जनमानस में कई सवालों को पैदा करती हैं। बैतूल जैसे आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में वैसे तो कोई भी एतिहासिक या पौराणिक प्रेमी - प्रेमिका के किस्से नहीं है लेकिन इस जिले में नफरत, घृणा , तिस्कार ,अपमान , एक तरफा प्यार , इंकार , बदले की भावना और हताशा में डूबे प्रेमी और प्रेमिकाओं की सदिंग्ध मौतों के किस्से कहानियंा अकसर सुनने को मिलती रहती हैं।
बैतूल
। बैतूल कहते है कि ऋतुराज वसंत में मस्ती छा जाती है जिसके पीछे की कहानी ऋतु परिवर्तन से शुरू होती है। वसंत ऋतु में पांच तत्व अपना प्रकोप छोड़ कर सुहावने रूप में प्रकट होते है। जल , वायु , धरती , आकाश , अग्रि सभी अपने रूप में अमूल परिर्वतन लाते है, जिसके कारण स्वच्छ आकाश , सुहावनी पवन , अग्रि का तेज भी कम हो जाता है। जहां एक ओर बहता जल पीयूष के समान होता है। वही दुसरी ओर इन सबसे हट कर यदि किसी में बदलावा आता है तो वह धरती होती है। खेतो मे लहलहाती फसलों में सरसो के फूल और पलाश पर भी धीरे - धीरे मस्ती छाने लगती है। सब कुछ होता है समय पर , उससे न तो पहले और न बाद में लेकिन वंसत के आने से पहले ही यदि यौवन मदमस्त होकर बौरा जाए तो क्या होगा...? बैतूल जिले में पिछले डेढ़ माह पूर्व ही जिले के युवक - युवतियों यहां तक पौढ़ यौवन पर जुनून का वसंत छा जाने से कई घटनाओं ने जन्म ले लिया। वसंत के पहले एवं वसंत के दिन तक पूरे जिले में एक दर्जन से अधिक बहुचर्चित घटनाए जिसमें प्यार - तकरार - नफरत के चलते हत्या , आत्महत्या , अपहरण जैसी संगीन वारदातों को अजंाम दे दिया गया। आज वसंत पंचमी के दिन भरी दोपहर के ठीक पहले फिल्मी स्टाइल से एक आदिवासी व्यस्क महिला का अपहरण हो गया जिसमें शामिल लोगो में उसका तथाकथित पति के नाम की भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। वैसे भी कहा जाता है कि आदिवासी बाला वसंत के मौसम में पलाश के फूलो पर छाने वाली मस्ती में मदमस्त हो जाती है लेकिन बैतूल में तो कुछ उल्टा ही होना था। इस बार आदिवासी बाला के बदले एक शादीशुदा तीन बच्चों की मां के प्यार ,तकरार, नफरत और तिस्कार ने एक ऐसी वारदात को जन्म दे दिया जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। मंगलवार को लगभग 11 बजे जिला पंचायत कार्यालय बैतूल पहुंचते ही महिला लेखाधिकारी श्रीमति हीरावती उइके का फिल्मी स्टाइल से अपहरण हो गया। उसे एक मारूति वैन में सवार चार - पांच लोग बलात पूर्वक बैठाल कर ले जाने लगते है ऐसे में कुछ लोग बीच - बचाव करने आते उसके पहले ही मारूति वैन जाने लगती है। इस बीच एक युवक पत्थर फेक कर मारता है और वैन के कांच टूट जाते है। पूरे दिन पुलिस उस वैन और महिला अधिकारी को तलाशती है लेकिन सुराग कुछ भी नहीं मिलता है। पुलिस महिला के कथित प्रेमी प्रकाश खातरकर नामक युवक जो कि स्वंय को दैनिक जागरण का पत्रकार बताता है उससे भी पुछताछ करती है लेकिन नतीजा शुन्य रहता है। दिन दहाड़े वह भी जिला पंचायत कार्यालय परिसर से सेकण्ड क्लास महिला अधिकारी का अपहरण हो जाता है। अपहरणकत्र्ता कलैक्टर एवं पुलिस अधिक्षक कार्यालय से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित कार्यालय में इस घटना को अजंाम देने के बाद गधे के सिंग की तरह लापता हो जाते है। वसंत के दिन यह फिल्मी ड्रामा लोगो को देखने को कम सुनने को ज्यादा मिला। राज्य वित्त सेवा से आई जिला पंचायत बैतूल में लेखाधिकारी के पद पर कार्यरत श्रीमति हीरावति उइके का अपने शिक्षक पति मारूति उइके से कुछ महिने से अनबन चल रही थी। तीन बच्चो की मां हीरावति बीते चार माह में कई बार अपने कार्यस्थल से अनुउपस्थित भी रही। जिसको लेकर महिला का प्रभुढाना में पदस्थ शिक्षक पति शिकवा - शिकायते करने जिला पंचायत से लेकर सभी दरवाजो पर दस्तक देने गया। अपने तीन बच्चों का पालन पोषण करने वाले इस आदिवासी शिक्षक को अपनी अपनी पत्नि की कथित बेवफाई कुछ रास नहीं आई और आज घटना के दिन अपने कार्यस्थल शिक्षण संस्थान से एक दिन की छुटट्ी लेकर वह भी लापता गंज की तरह लापता हो जाता है। महिला अधिकारी के शिक्षक पति मारूति उइके कई बार अपनी पत्नि और उसके कथित प्रेमी को लेकर जिला पंचायत से लेकर सरेराह भी उन दोनो से उलझ चुका है। इस बार भी जब आदिवासी महिला अधिकारी का अचानक फिल्मी स्टाइल से अपहरण हो जाता है तो सभी से पुछताछ होती है लेकिन महिला अधिकारी के पति से पुछताछ नहीं हो पाती है।

बैतूल जिले में वसंत के बौराने के इस बहुचर्चित मामले से पहले दो दिन पूर्व पत्नि पर शक करने वाले शंकालु पति को अपनी पत्नि की अग्रि परीक्षा लेने के पूर्व ही पूरे परिवार का मरा मुंह देखना पड़ा। पाढऱ की महिला कलावति ने अपने चार बच्चों के साथ अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। घटना के कुछ दिन पहले रोहित पंवार ने अपने एक तरफा प्यार के लिए अपनी प्रेमिका की जान लेनी चाही और साथ ही स्वंय की भी जान दे दी। प्रेमिका जिदंगी और मौत के बीच की लड़ाई तो जीत गई लेकिन रोहित जिदंगी से हार गया और मौत जीत गई। बिन्देश्वरी उर्फ बिन्दु के प्यार में ''ओ मेरी प्यारी बिंदू ......! ÓÓ के अफसाने गाने वाले रोहित के एक तरफा प्यार के इंकार ने सभी को झकझोर कर डाला।

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