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Saturday, March 5, 2011

प्रियनंदनी पारधी के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने दी 15 दिन की मोहलत

बैतूल// रामकिशोर पंवार ( टाइम्स ऑफ क्राइम)
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तीतर बटेर के बहाने उठा ले गए किशोरी बालिका को वन विभाग के कर्मचाारी
बैतूल, बैतूल जिला मुख्यालय पर स्थित शरणार्थी का जीवन जी रहे बहुचर्चित चौथिया कांड के पारधी ढाने से गायब हुई एक किशोरी बालिका को पेश करने के लिए प्रशासन को जबलपुर हाइकोर्ट ने 15 दिन का समय दिया है। पारधियों के वकील राघवेन्द्र झा ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने जो अपना जवाब प्रस्तुत किया है वह संतोष जनक नहीं है। हाईकोर्ट ने पुलिस प्रशासन को चेताया है कि वह हर हाल में रहस्यमय ढंग से गायब किशोरी बालिका प्रियनंदनी के मामले में ताजा जानकारी को 15 मार्च को हर हाल में पेश करने करे।
उल्लेखनीय है कि बीते माह बैतूल जिले में धुमन्तु जनजातियों में शामिल पारधियों के कैम्प में सरंक्षित वन्य पक्षियों में शामिल तितर-बटेर को बेचे जाने की शिकायत मिलने पर उन्हे पकडऩे गए वन विभाग के अमले एवं पारधियों के बीच जमकर संघर्ष हुआ था। वन विभाग ने पारिधयों पर मारपीट एवं शासकीय कार्यो में बाधा डालने का आरोप लगाया तो उपलटवार करते हुए पारधियों ने भी अपने समाज की एक किशोर बालिका प्रियनंदनी के कथित अपहरण को लेकर बैतूल थाने में रिर्पोट दर्ज करवाई लेकिन पुलिस द्वारा उक्त रिर्पोट पर कोई कार्यवाही न किए जएाने पर पारधियों ने इस संवेदनशील मामले में हाईकोर्ट जबलपुर में एक जनहित याचिका दायर कर वन विभाग पर उक्त किशोरी बालिका के बलात पूर्वक अपहरण करने का संगीन आरोप लगाया है। जिस पर पुलिस को फटकार लगाते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने पुलिस को तलब किया है।

जानकारी न देने पर एफआईआर
बैतूल , पिछले एक पखवाड़े से चल रही जनगणना में जहां लाखों लोगों ने मांगी गई हर जानकारी उपलब्ध कराई है। वहीं दो ऐसे भी व्यक्ति भी सामने आए हैं जो पढ़े-लिखे होने के बावजूद किसी भी हालत में जानकारी देने के लिए तैयार नहीं हैं। राष्ट्रीय महत्व के इस काम में जानकारी नहीं देने का खामियाजा अब उन्हे भुगतना होगा। इनके खिलाफ अब जिला प्रशासन द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा रहा है। नगर के चंद्रशेखर वार्ड में रहने वाले बीआर भूमरकर और कमलेश पंडोले नामक व्यक्ति ने प्रगणक के बार-बार घर पहुंचकर जानकारी मांगने पर भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। जिसमें भूमरकर ने तो जातिगत आधार पर जनगणना होने पर ही जानकारी उपलब्ध कराने की जिद पकड़ ली। उनका यह अडियल रवैया आखरी तक बरकरार रहने पर प्रशासन ने पंचनामा बनवाया। राष्ट्रीय महत्व के इस काम में सहयोग न देने की स्थिति में एफआईआर दर्ज कराए जाने की जानकारी देते हुए डिप्टी कलेक्टर वरदमूर्ति मिश्रा ने बताया कि उक्त दोनों व्यक्तियों के विरूद्ध जनगणना अधिनियम 1948 की धारा 11 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जाने की अनुमति कलेक्टर द्वारा दी जा चुकी है। जल्द ही इनके खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया गया है।

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