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Wednesday, March 2, 2011

सागर में बेसमेंट निर्माण में धांधली

रिपोर्टर// सरिता त्रिवेदी (छतरपुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
रिपोर्टर से सम्पर्क 9981816515
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छतरपुर।बेसमेंट निर्माण के लिए वैसे तो कायदों की लंबी फेहरिस्त है लेकिन इसके बावजूद सिर्फ संबंधित महकमों की फाईलों मे ही है। शहर के लगभग हर व्यवसायिक काम्प्लेक्स मे जिस तरह से तलघर बनाए जा रहे है, वह निगम के इंजीनियरों की नीयत और कार्यशैली दोनों पर सवाल खड़े कर रहा है। नियमानुसार बेसमेंट का प्रयोग केवल पार्किग और गोडाउन के लिए किया जा सकता है लेकिन इनका घड़ल्ले से व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। बिल्डरों की व्यवसायिक मानसिकता का ही नतीजा है कि शहर में इक्का दुक्का काम्प्लेक्सों को छोड़कर बाकी सभी जगह बेसमेंट करने व उसके उपयोग को लेकर शासन निर्धारित मापदण्डों को खुटी पर टांग दिया गया है। बीच में एक दर्जन से अधिक ऐसे काम्प्लेक्स बने है जिसमें नक्शा पास कराते समय बेसमेंट की अनुमति जो ली और बेसमेंट बनाया गया, लेकिन उपयोग गोदामों के लिए किया जाता है। किसी भी भवन और काम्प्लेक्स निर्माण को भी नगर निगम से नक्शा पास कराना अनिवार्य होता है और नियामानुसार इसी नक्शे के आधार पर इन्हें तैयार कराया जाता है। किन्तु बिल्डर्स और निगम की सांठगांठ के चलते शहर के अधिकांश भवन नक्शे के अनुसार बनाए ही नहीं जाते। बेसमेंट बनाने के लिए अनुमति लेना आवश्यक है इसके लिए कई तरह की अनिवार्यताओं एवं सुरक्षा मापदण्डों का ख्याल रखा जाता है। नियमानुसार बेसमेंट का व्यवसायिक उपयोग तो कतई नहीं किया जा सकता, लेकिन सागर में सारे नियम ताक पर रख दिए गए है।

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