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Wednesday, April 6, 2011

पुलिस अधिक्षक रामलाल की सेना के दो सदस्यों के नाम: कभी भी दर्ज हो सकता हैं साक्ष्य मिटाने का मामला : मामले ने तूल

बैतूल // राम किशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैतूल, बाजार स्थित नेशनल हाइवे 69 पर स्थित विवादीत रूक्मिणी बालाजी मंदिर के मैनेजर की कथित संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत को लेकर बैतूल के पुलिस अधिक्षक रामलाल प्रजापति के चाटुकारो एवं सिपाहसलाहकारों की सेना के दो सदस्यों को लेकर पूरे कार्यकाल भर विवादो से घिरे रहे पुलिस अ धिक्षक पर कभी कोई अनुशासन की या कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेकर आरोपियो को बचाने के मामले में गाज गिर सकती हैं।

बैतूल में इसी सेना के चक्कर में हिन्दु - मुस्लीम फसाद होते - होते बचा जिस प्रकरण में पहले एडीएम और बाद में एसडीएम को बलि का बकरा बनाना चाहा लेकिन जन आक्रोष के चलते दोनो अधिकारी तो बअच गए लेकिन पुलिस प्रशासन की किरकिरी हो गई। इसी सेना के चक्कर में बैतूल कलैक्टर तक विवादो में बुरी तरह फंस जाने के बाद वे किसी तरह से पीआरओ के मामले में बच निकले लेकिन ढेर सारी हिदायतों के बाद लेकिन बैतूल बाजार के बहु संख्यक पंवार समाज के एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले में पुलिस अधिक्षक की छबि पर जल्द ही कालिख पुतने वाली हैं क्योकि पुलिस अधिक्षक की सेना में शामिल दो लोगो पर ही मैनेजर की कथित हत्या की शक की सुई घुम - फिर कर आ रही हैं। ऐसे मामले में कथित आरोपियो के साथ पुलिस अधिक्षक की मेल मुलाकात को लेकर मैनेजर की संदिग्ध मौत को लेकर होने वाली अटकलो पर विराम लगने के बजाय मामले के तूल पकडऩे की संभावनाए बढ़ती जा रही हैं।

बताया जाता हैं कि पुलिस अधिक्षक रामलाल की सेना में शामिल दो व्यक्तियों को बालाजी सेवा समिति का कथित पदाधिकारी घोषित करके मंदिर संस्थान ने पुलिस को ही खरीदने के लिए बोली लगानी शुरू कर दी हैं। पुलिस बिकने को भी तैयार हैं लेकिन सारा मामला घटना स्थल से साक्ष्य को मिटाने को लेकर ठंडा पड़ा हुआ हैं। इधर मृतक के कुछ परिजन भोपाल में पुलिस विभाग के साथ - साथ सीबीआई से भी मिलने के लिए पिछले दो दिनो से डेरा डाले हुए हैं। तीन डाक्टरो की टीम द्वारा की गई पीएम रिर्पोट की वीडियो रिकाडिंग के साथ घटना स्थल से साक्ष्य को मिटाने के लिए मंदिर परिसर की धर्मशाला के रूम नम्बर आठ की फिनाइल से धुलाई के मामले में भाजपा एवं कांग्रेस के कुछ विधायको से मिले मृतक के परिजनो के अनुसार पूरे मामले को लेकर विधानसभा में मामले को उठाने का प्रयास किया जाएगा। इधर भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने बैतूल के एक भाजपा नेता द्वारा दी गई घटना की पूरी जानकारी के बाद पुलिस की गतिविधियों पर अपनी ओर से पूरे मामले पर नज़र रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

मामले के संदिग्ध आरोपियो में एक अमेरिकी नागरिक एवं उसके भाई तथा चार अन्या लोगो को केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ द्वारा कथित संरक्षण देने के मामले की भनक लगते ही बैतूल से कमलनाथ विरोधियो ने नई दिल्ली की ओर कुच करने का मन बना लिया हैं। बताया जाता हैं कि सपा के पूर्व विधायक डा सुनीलम़् अपनी पंखा पर अमेरिकी नागरिक के गुण्डो द्वारा टायर फैक्टरी के आन्दोलन के समय की गई जानलेवा पिटाई के जख्मो को याद करके बैतूल बाजार पहुंच कर एक बड़े आन्दोलन का शंखनाद करेगें। इस संदर्भ में उन्होने बैतूल बाजार के सपा नेता डा राधिका वर्मा से भी चर्चा कर पूरे मामले की बारीकी से विवेचना की हैं। $खबरो के अनुसार बैतूल से जबलपुर हाईकोर्ट में पुलिस एवं प्रशासन के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले श्रमिक संगठन के नेता अनुराग मोदी भी पूरे मामले पर अपनी पैनी नजऱ रखे हुए हैं। जानकार सूत्रो ने बताया कि पुलिस अधिक्षक से एफएसएल टीम के प्रमुख डा बाथम पर दबाव डाला जा रहा हैं कि वे पूरे मामले को उनके अनुसार ही बना कर रिर्पोट तैयार करे लेकिन एफएसएल टीम के एक्सपर्ट डां बाथम पूरे मामले को जानते हुए बिना किसी दबाव के घटना स्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य मिटाने के मामले को लेकर तटस्थ हैं जिसके चलते पुलिस को मंदिर संस्थान के सुरक्षा गार्ड गोलू , राम वर्मा , सहित चार अन्य लोगो के खिलाफ साक्ष्य मिटाने का हर हाल में मामला दर्ज करना पड़ सकता हैं। बालाजीपुरम् के मैनेजर की संदिग्ध मौत का मामला बेहद गंभीर होता जा रहा है।

इस मामले में पुलिस द्वारा अभी तक तथाकथित रिकवरी को लेकर कोई जांच नहीं किए जाने पर सवालिया निशान लग रहे हैं। भरोसेमंद सूत्रो ने बताया कि मंदिर से जुड़े दो विवादीत व्यक्ति पूरे दिन पुलिस के आला अधिकारियों के आगे पीछे घुमते रहे। इस बात को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई और लोगों का मानना है कि मैनेजर की मौत के मामले में मौत का कारण अज्ञात बताकर पुलिस अपना पल्ला झाड़ लेगी।

वैसे पुलिस यह कह रही है कि मामले में जांच जारी है। पूरे मामले को लेकर बैतूलबाजार थाना प्रभारी बीएल धाड़से ने बताया कि रिकवरी के मुद्दे पर परिजनों से बयान नहीं लिए हैं लेकिन साक्ष्य मिटाने के मामले में कुछ लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा हैं। जिन लोगो के नाम सामने आ रहे हैं उसमें दैनिक जागरण भोपाल के ब्यूरो सुनील द्विवेदी का नाम प्रमुख रूप से लिया जा रहा हैं। हालाकि अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी हैं लेकिन संदिग्ध लोगो में सुरक्षा गार्ड गोलू , अमेरिकी नागरिक के छोटे भाई राम वर्मा , सुनील द्विवेदी , तथा दो अन्य लोगो के नाम बताये जा रहे हैं। इधर भोपाल के पुलिस विभाग के आला अफसरो ने चर्चा के दौरान बताया कि जरूरत पड़ी तो अमेरिकी नागरिक से भी पुछताछ की जा सकती हैं। पुलिस पूरे मामले पर अपनी पैनी नज़र रखी हुई हैं।

जहां तक आत्महत्या या हत्या के कारणो के बारे में तो पूरी तरह नहीं कहा जा सकता लेकिन घटना स्थल से साक्ष्य को मिटाना भी अजमानतीय अपराध हैं इस मामले में पुलिस भी यदि आरोपियो को बचाती हैं तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। घटना स्थल से साक्ष्य को मिटाना के कोई कुछ भी तर्क दे लेकिन जब तक पुलिस घटना स्थल का बरीकी से निरीक्षण नहीं कर सकती कोई भी व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो घटना स्थल से साक्ष्य को नहीं मिटा सकता। साक्ष्य मिटाने के मामले में जरूरी नही हैं कि मृतक के परिजन ही शिकायत करे यदि पुलिस विवेचना में साक्ष्य को मिटाने की बात आ चुकी हैं तो आप निश्चींत रहे आरोपियों को बक्शा नहीं जाएगा।

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