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Wednesday, April 6, 2011

सरपंच , सचिव, पंचायत इंस्पेक्टर , जनपद सीइओ तक बने करोड़पति

बैतूल // राम किशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैतूल, मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का ग्राम स्वराज , सूराज तथा सरकारी कागजी पंचायती राज यदि किसी जिले में सार्थक सिद्ध हुआ हैं तो निश्चीत तौर पर मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले का नाम अव्वल आता हैं। बैतूल जिले में पंचायती राज के सफल सिद्ध होने में रीढ़ की हडड्ी बने ग्राम पंचायतो के सरपंच , सचिव और पंचायत इंस्पेक्टर जो कि इस समय बैतूल जिले के सबसे तेजी बनने वाले करोडपतियों में शामिल हैं। बैतूल जिले के एक पंचायत इंस्पेक्टर को पंचायती राज ने महज 17 सालों में साइकिल से हेलीकाप्टर खरीदनें की स्थिति में ला दिया हैं। यूं तो बैतूल जिले की 558 पंचायतो को दस जनपदो के अधिनस्थ रखा हैं। लेकिन दो जनपदो का एक मालिक बने हैं

जिले के मात्र 5 पंचायत इंस्पेक्टर जिनकी माली हालत आज की स्थिति में बैतूल के मामाजी ज्वेलर्स और विनोद डागा की स्थिति में लाकर कर खडा कर दिया हैं। बैतूल जिले में इस समय 5 ग्राम पंचायत इंस्पेक्टर के पास औसतन प्रति इंस्पेक्टर सवा सौ पंचायते हैं। जबकि एकसीइओ के पास बमुश्कील 80 भी ग्राम पंचायते नहीं हैं। मिली जानकारी के अनुसार बैतूल जिले के भीमपुर विकासखण्ड के रतनपुर ग्राम के रहने वाले ग्राम पंचायत सहायक के रूप में 17 साल पहले भर्ती हुए पंचायत कर्मी के पास एक टूटी - फूटी साइकिल थी। आज के समय इस पंचायत इंस्पेक्टर के तथाकथित परीश्रम के चलते उनके पास जेसीबी मशीनो , रोड रोलरो , टेक्ट्रर ट्रालियां , जीपे , कारे और न जाने कितने वाहनो का भंडार हैं। पंचायत इंस्पेक्टर के पुत्र की अपनी प्रायवेट कंस्टे्रक्शन कपंनी भी हैं।

यह आरोप कोई और लगता तब तो ठीक था लेकिन भाजपा समर्थक जनपद पंचायत की उपाध्यक्ष श्रीमति परवती बड़ोदे एवं उनके पुत्र भाजपा नेता संतोष बड़ोदे ने उक्त सनसनी खेज मामले को सामने लाकर सनसनी पैदा कर दी हैं। कांग्रेस समर्थक जनपद अध्यक्ष सुनील भलवाी का कहना हैं कि पूरी जनपद में बीस करोड़पति तथा पचास लखपति सचिव मिल जाएगें जिन्होने आज तक अपनी चल एवं अचल सम्पत्ति घोषित नहीं की हैं।

जिले की इस कोरकू बाहुल्य जनपद क्षेत्र में सचिवो एवं पंचायत इंस्पेक्टरो की अपनी एक तरफा दादागिरी चलती हैं। जनपद की अधिकांश ग्राम पंचायतो से अपने लिए विभिन्न मदो के फर्जी कार्यो के अपने परिजनो के नाम पर डंके की चोट भुगतान पर पा रहे इन लोगो का कोई बालबांका नहीं कर पा रहा हैं। अधिकांश सचिवो एवं पंचायत इंस्पेक्टरो की की एक जेब में पंचायती मंत्री गोपाल भार्गव है तो दुसरी जेब में बैतूल से लेकर भोपाल तक की राजनीति हैं। इन सभी पंचायत कर्मियों का जलजला यह हैं कि वे किसी भी नेता , मंत्री , संत्री , अधिकारी का दो मिनट में काम लगा देते हैं। इन सभी धनाढय़ पंचायत कर्मियों की दाद देनी चाहिए कि उनके पास जो कुछ भी हैं वह उनका कुछ भी नहीं हैं सब कुछ उनके बेटे परिवार के सदस्यों एवं अन्य का हैं।



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