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Saturday, April 23, 2011

बड़ी जादूगर निकली बैतूल पुलिस

सुबह पकड़ाया ट्रक दोपहर तक मोटरसाइकिल में बदल गया

बैतूल // राम किशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैतूल जिले की पुलिस पैसे के आगे जो संभव न हो वह कर सकती हैं, तभी तो उसने सुबह गश्त के दौरान पकड़े एक कथित बारूद और डिटोनेटर्स से भरे ट्रक को दोपहर तक मोटर साइकिल में परिवर्तित कर दिया। ट्रक के ड्रायवर और कंडेक्ट्रर भी सीधे ट्रक से मोटर साइकिल पर आ गए। गोंदिया महाराष्ट्र में निर्मित बारूद के कैप्सूल एवं डिटोनेटर्स पाढुर्णा से मुलताई और पटट्न होते हुए आठनेर से भैसदेही की ओर जा रहे थे। इस बीच गश्त पर निकली पुलिस को एक ट्रक संदिग्ध हालत में मिला। पुछताछ की और पुलिस के हथकण्डे अपनाएं तो उसने पूरी कहानी तोते की तरह सुना दी। बताया जाता हैं कि गोंदिया महाराष्ट्र से निर्मित उक्त बारूद एवं डिटोनेटर्स भैसदेही के चिचोली के किसी स्ट्रोन केशर के संचालक के द्वारा खरीदा जाना बताया जा रहा हैं जबकि पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और ही बयां करती हैं। मिली जानकारी के अनुसार चांदू के किसी ब्लासटींग मशीन के संचालक एवं तीन अन्य लोगो के द्वारा एक ट्रक पूरा माल सीधे गोदिंया से एक बिचौलिए के माध्यम से मंगवाया गया था जो कि मनरेगा की कपिलधारा योजना के कूपो के निमार्ण कार्यो के अलावा, भैसदेही, भीमपुर, चिचोली क्षेत्र के स्टोन केशरो के लिए मंगवाया गया था। जिले में वैसे भी बारूद एवं डिटोनेटर्स की जानकारी जिला कलैक्टर कार्यालय तक पहुंच भी नहीं पाती हैं और सीधे नम्बर दो रास्ते से आवक एवं खफत हो रही हैं। पिछले पांच माह से एक आर टी आई कार्यकत्र्ता के द्वारा मांगी गई मनरेगा के कपिलधारा के कूप निमार्ण में वर्ष 2006 से आज दिनांक तक उपयोग में लाई गई बारूद एवं डिटोनेटर्स तथा ब्लास्टींग की जानकारी जिले की 558 ग्राम पंचायते नहीं दे पा रही हैं। ऐसे में बारूद और डिटोनेटर्स का भारी मात्रा में जखीरा पकड़ा जाने के बाद उसकी संख्या कम बता कर पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कवायद से पूरे जिले की आतंरिक सुरक्षा को खतरा पहुंच सकता हैं। जिले की किसी भी गगन चुबंती इमारत या कल कारखाने को धाराशाही करने के लिए दस डिटोनेटर्स काफी हैं। बैतूल जिले में तीन अति संवेदन शील एवं प्रतिबंधित क्षेत्र बोडखी आमला एयरफोर्स क्षेत्र, वेस्टर्न कोल फिल्ड लिमीटेड़ पाथाखेड़ा की कोयला खदाने एवं सतपुड़ा थर्मल पावर स्टेशन की 11 युनिटे काम कर रही हैं। ऐसे में यदि मोटर साइकिल पर बारूद और डिटोनेटर्स का परिवहन हो रहा हैं तब इसका उपयोग देश विरोधी ताकतों द्वारा देश के अहित में भी किया जा सकता हैं।
वैसे भी बैतूल जिले में सिमी और दुसरे कटट्रपंथी संगठन कार्यरत हैं। बैतूल जिले में इसके पूर्व भी एक बंग्लादेशी नागरिक के पास से पाथाखेड़ा पुलिस भारी मात्रा में डिटोनेटर्स पकड़ चुकी हैं। रविवार 17 अप्रेल को सुबह पकडायें बारूद के जखीरे के पीछे की कहानी को भले ही पुलिस कुछ भी रूप या कहानी दे लेकिन सच से मुंह नहीं चुराया जा सकता कि बैतूल जिला आज भी बारूद के ढेर पर बैठा हुआ हैं। जिले में कभी भी कोई हादसा हो सकता हैं ऐसे में आठनेर के पास बारूद एवं डिटोनेटर्स का पकड़ा जाना और सुबह से दोपहर तक पूरे प्रकरण का गोला बन जाना कम चौकान्ने वाली बात नहीं हैं। बैतूल जिला प्रशासन यदि अभी भी सोते से नहीं जागा तो किसी दिन कोई बहुत बड़ी घटना जन्म ले सकती हैं। सबसे बड़ी विचारणीय बात तो यह हैं कि आठनेर पुलिस आरोपियों के माध्यम से जो कहानी सुना रही हैं उसके अनुसार मुलताई के किसी सूर्यवंशी के बारूद गोदाम से माल खरीदा जाना बताया जा रहा हैं जबकि बैतूल जिले में मुलताई में किसी व्यक्ति के पास बारूद संग्रह करने का लायसेंस या भंडारगृह के लिए अनुमति प्राप्त करने का जिला प्रशासन के पास कोई दस्तावेज नहीं हैं। जिले के अन्य लायसेंस धारको ने भी पूरे प्रकरण से अपने हाथ और पांव खीच लिए हैं। प्रतिनिधि से सम्पर्क : 74895 92660

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