Pages

click new

Sunday, May 8, 2011

बिकीनी पर देवी की तस्वीर से बवाल, आंदोलन की धमकी


ऑस्ट्रेलिया में एक फैशन वीक के दौरान मॉडलों ने हिंदू देवियों के तस्वीर वाले स्विमसूट पहनकर कैटवॉक किया। फैशन शो में बिकीनी पर इस तरह से देवी-देवताओं की तस्वीर के इस्तेमाल से हिंदू समुदाय के लोग बेहदल नाराज़ हैं।
8185098.jpg
हिंदू देवी की तस्वीरों वाले स्विमवेयर कलेक्शन को पेश करने वालीं डिजाइनर लीसा ब्लू (बाएं)।


ऑस्ट्रेलिया में एक फैशन शो के दौरान हिंदू देवी की तस्वीर वाली बिकीनी पहनकर मॉडल ने किया कैटवॉक।

निर्भय कुमार
नई दिल्ली।। ऑस्ट्रेलिया में फैशन वीक के दौरान एक मॉडल के देवी लक्ष्मी की तस्वीर वाली बिकीनी पर धर्माचार्यों और धार्मिक संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। अयोध्या में संतों का गुस्सा उबाल पर है। यहां के साधु-संतों ने सरकार द्वारा चुप बैठने पर दिल्ली में आंदोलन तक की धमकी दे दी है।

रामजन्मभूमि न्यास परिषद के सदस्य डॉ. राम विलास दास वेदांती ने कहा कि यह हमारी संस्कृति का बहुत बड़ा अपमान है। नग्नता के साथ धर्म और आस्था का खिलवाड़ करने वाले माफी मांगें। सरकार को ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाना चाहिए। देवी-देवताओं के ऐसे अपमान पर सरकार चुप रह सकती है, लेकिन साधु-संत और जनता चुप नहीं बैठेगी। जरूरत पड़ी तो हम दिल्ली में संसद का भी घेराव करेंगे।

सियाराम किला झुनकी घाट के महंत करुणानिधान शरण जी ने कहा कि ईश निंदा सबसे बड़ा अपराध है। यह उनकी अज्ञानता का परिचायक है, लेकिन बार-बार ऐसी घटना होने के बावजूद सरकार की चुप्पी समझ से परे है।

मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि ये सारी घटनाएं हिन्दुओं के धीरुपन के कारण हो रही हैं। ऐसी धारणा बन गई है कि कुछ भी करो, हिन्दू बर्दाश्त करते रहेंगे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हम हिन्दुओं को संगठित कर रहे हैं। जो अभी (नेता) हमारी बात नहीं सुन रहे, कल बखूबी सुनेंगे।

विश्व हिन्दू परिषद के मीडिया प्रभारी, यूपी शरद शर्मा ने कहा कि ऐसी हास्यास्पद घटनाओं की जितनी निंदा की जाए, कम है। बार बार हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान हो रहा है। यह इस देश की विडंबना है अगर ऐसी घटना किसी अन्य समुदाय के साथ हो तो सरकार तुरंत हरकत में आ जाती है। भारतीय छात्रों के साथ मारपीट के मुद्दे पर भी सरकार चुप रही, लेकिन यह उससे भी बड़ा मुद्दा है और संतों के बीच आगे की कार्रवाई पर विचार विमर्श जारी है।

प्रभु वंदन एवं जन सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रभंजनानंद शरण जी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से हमारे रिश्तों पर असर पड़ सकता है। बेहतर होगा कि वे अपनी सीमाओं को समझें। राग-द्वेष और संकीर्ण मानसिकता की जगह अपनी ऊर्जा विकास और सांस्कृतिक समृद्धि में लगाने की सोचें तो बेहतर होगा।

No comments:

Post a Comment