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Sunday, May 8, 2011

नेट पर सजा रखा था जिस्म का बाजार, सुधांशु गुप्ता गिरफ्तार

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नई दिल्ली।। इंटरनेट के जरिए एक हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में क्राइम ब्रांच ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान जोधपुर के रहने वाले सुधांशु गुप्ता (32) के रूप में हुई। पुलिस का कहना है कि वह एक साइबर पिंप (दलाल) और इस रैकेट का मास्टरमाइंड था।

उसने दावा किया है कि उसके रैकेट में देश के अलग अलग शहरों में रहने वाली एयर होस्टेस और मॉडल्स ही नहीं, बल्कि टीवी सीरियल्स की कई जानीमानी अभिनेत्रियां और कुछ उभरती हुईं या फ्लॉप अभिनेत्रियां शामिल हैं।

इनके क्लाइंट भी कितने हाई प्रोफाइल थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्लाइंट को लड़की मुहैया करवाने की एवज में उससे 1 से 10 लाख रुपये तक लिए जाते थे।

डीसीपी (क्राइम ब्रांच) अशोक चांद के मुताबिक शुक्रवार को हेड कॉन्स्टेबल अमित तोमर को सूचना मिली थी कि एक हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाने वाला शख्स शालीमार बाग इलाके में आने वाला है।

इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने ट्रैप लगाकर सुधांशु को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें पता चलीं। एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुधांशु ने 2003 में गाजियाबाद के एक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की थी। एक साल तक दिल्ली स्थित एक मल्टी नैशनल बैंक मंे बतौर रीजनल मैनेजर नौकरी करने के बाद उसने एक शेयर ब्रोकर कंपनी में जॉब हासिल कर लिया और फिर 2005 में वह जोधपुर चला गया। वहां उसने टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस शुरू किया।

डीसीपी के मुताबिक पिछले साल जब वह बिजनेस के सिलसिले में दिल्ली आया था, उसी दौरान उसकी मुलाकात एक कॉलगर्ल से हुई और दोनों ने मिलकर वेब पोर्टल के जरिए एस्कॉर्ट सर्विसेज मुहैया करवाने का प्लान बनाया। सुधांशु ने इंटरनेट पर एक वेबसाइट तैयार की और इसके जरिए उसने देशभर में अपना नेटवर्क फैलाया, जिसमें कॉलगर्ल्स के साथ साथ उसके क्लाइंट्स भी शामिल थे।

इंटरनेट के जरिए ही एस्कॉर्ट सर्विस देने की इच्छुक लड़कियों को अपने रैकेट में शामिल करता था और जरूरत के मुताबिक उन्हें अलग अलग शहरों में अपने क्लाइंट्स के पास भेजता था। क्लाइंट्स भी पोर्टल के जरिए ही संपर्क करते थे और बाद में फोन पर डील फाइनल होती थी। सुधांशु का चेहरा न तो कभी किसी क्लाइंट ने देखा और न कभी वह रैकेट में शामिल लड़कियों से मिला।

सारा काम बस मोबाइल और इंटरनेट के जरिए ही हो जाता था। रैकेट के लिए काम करने वाली सभी लड़कियों को एक बैंक अकाउंट नंबर दिया गया था। क्लाइंट से कैश पेमेंट लेने के बाद लड़कियां पेमेंट का 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा खुद उस बैंक अकाउंट में जमा करवा देती थीं, जिसका नंबर सुधांशु उन्हें देता था। बाद में सुधांशु डेबिट कार्ड से रकम निकाल लेता था। बाकी रकम लड़की खुद रख लेती थी।

पुलिस के मुताबिक मार्च में भोपाल पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एमपी नगर स्थित एक होटल में छापा मारकर वेश्यावृत्ति के आरोप में दिल्ली की एक हाई प्रोफाइल लड़की को गिरफ्तार किया था।

पूछताछ में लड़की ने बताया था कि वह सुधांशु के लिए काम करती है और उसी के कहने पर वह दिल्ली से फ्लाइट पकड़कर भोपाल आई थी। उसने सुधांशु द्वारा बताए गए तीन बैंक अकाउंटों में 1 लाख 48 हजार रुपये भी जमा करवाए थे। भोपाल क्राइम ब्रांच ने ये तीनों बैंक अकाउंट सीज कर दिए थे और सरगर्मी से उसे तलाश रही थी। भोपाल पुलिस की धरपकड़ के बाद सुधांशु अपने पोर्टल को बेचने की तैयारी भी कर रहा था।

सुधांशु गुप्ता के कारनामे

भोपाल में हाई प्रोफाईल सेक्स रेकेट का भन्डाफोड़

भोपाल अंतर्राष्ट्रीय नक्शे में एक प्रसिद्ध नाम है । यहां लिट्टे के द्वारा संचालित कारखाने मिलते हैं वहीं दाऊद ईब्राहीम जैसे अंतराष्ट्रीय अपराधी के ग्रुगों की शरण स्थली भी है। लश्करे तौयेबा से संबंधित सिम्मी के केन्द्र के रूप में इसे जाना जाता है। और अब यह हाई प्रोफाईल सेक्स रेकेट के सदस्य के भोपाल में क्राईम ब्रांच द्वारा गिफ्तारी, दिल्ली की काल गर्ल्स के पकडाने से साफ हो गया है की भोपाल के जिस्म फरोशी का कारोबार हाई प्रोफाईल ढंग से आ रहा है। दिल्ली बम्बई कलकत्ता और मद्रास की तरह भोपाल भी अब गरम गोश्त के सोदागरों का केन्द्र बनता जा रहा है। गत वर्षों से

भोपाल के खोजी पत्रकारों को संकेत मिल रहे थे कि दिल्ली, मुबंई की कालगर्ल्स का भोपाल में आना जारी हो गया है। दो नंबरी अमीर अय्याश व्यापारी, रिश्व तखोर बेलगाम भ्रष्ट अधिकारीगण बिल्डर्स और ठेकेदारों को चारा के रूप में कालर्गल्स सप्लाई की जा रही है। पिछले 10 वर्षों से भोपाल में प्रदेश की विभिन्न विकास योजनाओं के निर्माण कार्यों के ठेके भारत की विभिन्न कंपनीयों को दिये जाते रहें हें। मध्यप्रदेश के भ्रष्ट राजनेताओं अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की बेल फल-फूल रही है। शराब, शवाब, और कवाब के साथ प्रदेश के बडे होटलों में कालेधन के सोदागर अपने सोदों को पक्का कर रहें हैं । जिस्मफरोशी का धन्धा भी अब हाईटेक रूप से चलाये जा रहा है और अनेक पोर्टल पर विज्ञापन देकर ग्राहक बंटोरे जाते हैं। भोपाल में एक तीन सितारा होटल में पकड़ाई सिमरन नाम (कल्पित नाम) की कालगर्ल का विज्ञापन एक एयर होस्टेस के रूप में दिया जा रहा था।
इस रेकैट का समचार ’’प्रतिवाद’’ डॉट कॉम न्यूज बेवसाईट ने दिया, ’’प्रतिवाद’’ न्यूज वेबसाईट के रूप में गत 6 वर्षों से कार्य कर रही है। जब इस के संपादक दीपक शर्मा को एक मेल द्वारा सूचना मिलने पर उन्होनें अपनी साइट द्वारा इस काल गर्ल्स व इस रेकेट का भन्डाफोड़ करने के लिये 9 मार्च को निर्णय कर लिया गया था कि 10 मार्च को 11 बजे ही इस समाचार को पहले प्रसारित कर, तथा मध्य प्रदेश की विधानसभा प्रेस कक्ष में सप्रमाण विज्ञापन की फोटोकापी वितरित कर दी और उन की साईट और ईमेल से मीडिया के लोगों को लग गई, जिसमें काल गर्ल्स सिमरन उनके दिल्ली स्थित दलाल गुप्ता का मोबाईल नंबर भी था। दीपक शर्मा के माध्यम से सारी जानकारी मिलने पर पत्रकारों ने पुलिस को सुचित किया और दीपक शर्मा और भरत पमनानी के साथ क्राईम ब्रांच ने होटल पर स्टिंग आपरेशन कर छापा मार कर सिमरन को गिरफ्तार कर लिया। दीपक शर्मा और भरत पमनानी को पुलिस ने पूर्ण सहयोग करते हुए सफल छापामार कर्रवाई को अंजाम दिया दिया। पुलिस ने हाई प्रोफाईल सेक्स रेकेट का एक मोहरा को गिरफ्तार कर लिया यह कालगर्ल इन्दौर में दिन एक होटल में रही और 10 तारीख को भोपाल सुबह ही पहुंची थी।
दिल्ली की एक साधारण परिवार की युवती देह व्यापार के लिये इन्दौर से पूर्व अन्य बड़े शहरों में भी जा चुकी है। देह व्यापार का एक बहुत बड़ा रेकैट जो बेबसाइट के माध्यम से ग्राहक तलाशता है हर क्षेत्रों को लड़कियां सप्लाई करता है। 10 मार्च को रात्रि को दीपक शर्मा और भरत पमनानी जब महिला थाना के परिसर में थे उसी समय सेक्स रेकेट का सप्लायई गुप्ता को पत्रकार को जान से मारने की धमकी दी, जिसकी सूचना पत्रकारों को मिलने पर उनहोंने रात 12 ही एमपी नगर थाने में इस की शिकायत दर्ज करवा दी थी इस के बाद मध्यप्रदेश के गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता को उनके निवास पर जाकर दी। सेक्स रेकेट की धमकी के बावजूद पत्रकारों की जान की सुरक्षा नहीं की जा रही है। पुलिस को युवती ने बताया कि इन्दौर से डेढ़ लाख रूपये कमाकर भोपाल लाई थी और 1.50 लाख रूपये उसने अपने दलाल के अकाउन्ट में जमा कर दिये । पचास हजार रूपये क्राइम ब्रांच ने उसके पास से नगद बरामद किये हैं। महिला थाना पुलिस ने शुक्रवार 11 मार्च को युवती को जिला अदालत में पेश किया।
विवेक गौर एस.डी.ओ. ने पुलिस की ओर से पेरवी करते हुए दो दिन के रिमान्ड की मांग की जो उसे प्राप्त हे गई। क्राईम ब्रांच की ए.एस.पी मोनिका शुक्ला की पूछताछ में युवती ने अपने एजेन्ट का नाम विनोद गुप्ता बताया है, जो दिलली रेकेट का मुखिया है। अभी तक यह जानकारी नहीं मिली है कि इन्दौर से कालगर्ल किसके माध्यम से भोपाल आई थी और इन्दौर में कहां ठहरी थी। युवती के पास जो मोबाईल जप्त किया है उसमें कई बड़े रसूखदारों हस्तियों के नम्बर मिले हैं। युवती ने इन ग्राहकों के नम्बर गुप्त कोड में सेव किये हैं। दिल्ली से संचालित इस रेकेट की सदस्य से इस व्यापार से जुड़ी एक पोर्टल में सिमरन नाम से जुड़ी हुई है।
’’प्रतिवाद’’ द्वारा जब इस पोर्टल की जानकारी पत्रकारों को मिली तो उन्होने पुलिस को सूचित किया था। सेक्स व्यापार से जुड़ें युवती ने पुलिस को बताया है कि सेक्स रेकेट से जुड़ी पोर्टल का दावा है कि उनके नेटवर्क में 15000 हजार लड़कियां शामिल हैं। जिस पोर्टेल के माध्यम से इस धन्धे में आयी है उसका नेटवर्क इस देश में ही नहीं बल्कि विदेशें में भी है। यह सेक्स रेकेट दुनिया भर में फेला हुआ है। भोपाल और दिल्ली की पुलिस भी पोर्टेल की डीटेल्स हासिल कर इसके संचालकों की तलाश शुरू कर रही हैं। दिल्ली पुलिस भी इस गिरोह की तलाश करने में लग गयी है। भोपाल की पुलिस ने राजस्थान, अहमदाबाद में अपनी टीमें भेजी हैं। पुलिस सुधांषु गुप्ता को लताश कर रही है। जिसने इस युवती को भोपाल भेजा था।
सुधांषु गुप्ता को ने अपना मोबाईल बन्द कर लिया है। हाई प्रोफाईल युवती सिमरन दिल्ली की रहने वाली है। 12 वीं पास यह युवती एक बेरोजगार परिवार से जुड़ी है। उसके माता-पिता बेरोजगार हैं। परिवार के भरा-पोषण के लिए वह इस काम से जुड़ी है। इस सेक्स रेकेट का मुखिया कौन है, क्या विनोद गुप्ता को किसके संरक्षण से यह अन्तर्राष्ट्रीय सेक्स व्यापार चला रहा है मध्य प्रदेश में इसके कौन सहयोगी हैं, भोपाल इन्दौर में इससे पहले कितनी काल गर्लस भेजी गई थी इंदौर में देह व्यापर के लिये ग्राहक और व्यवस्था करने वाले कौन हैं, इंदौर से भोपाल यह युवती किनके माध्यम से आई थी, इन सब सवालों का रहस्यों से पर्दा अभी उठना अभी बाकि है।

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