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Thursday, June 23, 2011

इलाज किया नहीं ले लिया चार्ज मनमानी कर रहे बेलगाम निजी चिकित्सालय

सिटी चीफ // आनंद कुमार नेमा (अन्नू भैया)
(नरसिंहपुर // टाइम्स ऑफ क्राइम) प्रतिनिधि से संपर्क:- 94246 44958
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नरसिंहपुर।नरसिंहपुर सरकारी अस्पताल में नौकरी करके निजी नर्सिंग होम का संचालन कर रहे शहर के कुछ लूटखोर चिकित्सकों ने इस पेशे को बदनाम कर दिया है। नियम कायदों को ताक पर रखकर संचालित किये जा रहे ऐसे निजी चिकित्सालयों की तादाद बढ़ती ही जा रही है।
बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर तुच्छ मानसिकता के साथ अपनी बहुमंजिला दुकान चला रहे इन डॉक्टरों ने लोगों की उस सोच को खत्म कर दिया है जिसमें चिकित्सक को भगवान का दर्जा दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इन्हें खुला संरक्षण दिये हुए है वरना कोई भी निजी अस्पताल मेडीकल कौंसिल के नियमों को तार-तार करने से पहले सौ बार सोचता। शहर के बीचो-बीच एक तंग गली में स्थित नवनिर्मित निजी अस्पताल में दो-दिन पूर्व अपना इलाज कराने पहुंची एक बीमार गर्भवती महिला के समक्ष अस्पताल के कर्मियों व चिकित्सकों ने ऐसा दृश्य प्रस्तुत किया कि तकलीफ के बावजूद महिला के परिजन उसे इलाज हेतु अन्य चिकित्सालय ले गये।
यह नर्सिंग होम जिला चिकित्सालय में स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ एक महिला चिकित्सक का है। उक्त गर्भवती महिला को दोपहर में भर्ती किया गया किंतु देर रात्रि तक महिला चिकित्सक ने अस्पताल में मौजूद रहने के बावजूद भी उसे नहीं देखा। इस दौरान लूट-पाट लिये दक्ष कर दी गयीं अस्पताल की नर्से महिला के परिजनों को दवा के बड़े-बड़े पुर्जे पकड़ाती रही जो उन्हें चिकित्सालय में स्थित मेडिकल स्टोर्स से ही खरीदने थे। जब महिला के परिजनों ने विरोध जताया तो डॉक्टर मैडम ने रहम खाकर मरीज के कमरे का रूख किया और केवल कलाई पकडक़र कह दिया कि सब ठीक है।
कुछ देर बाद डॉक्टर के कहने पर एक कर्मचारी आया और उसने गर्भवती महिला का तापमान लेकर बताया कि उसे १०६ डिग्री बुखार है जबकि हकीकत यह थी कि उक्त कर्मचारी ने जिस थर्मामीटर का उपयोग किया था उसमें पहले से ही पारा १०६ पर चढ़ा था। यह बात महिला के परिजनों ने पकड़ ली और वे समझ गये कि यहां सेवा नही केवल मरीजों का खून चूसा जा रहा है। असंतुष्ट मरीज को रिलीव करते वक्त ७०० रूपये का बिल पकड़ाने वाले इस अस्पताल प्रबंधन ने बिल में कूलर-पंखे तक का चार्ज जोड़ा था। महिला चिकित्सक अपने कर्मचारियों की गलती के लिए सॉरी भी बोलती जा रही थी, और पैसे लेने में भी संकोच नहीं कर रही थी। उसने कहा कि आप असंतुष्ट है इसलिए आधा चार्ज ही ले रहे है।

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