Pages

click new

Wednesday, July 6, 2011

अनियमिता की भेट चढ़े सैकड़ों इंदिरा आवास


प्रतिनिधि // संतोष कुमार गुप्ता
(
शहडोल // टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से सम्पर्क : 94243 30959
toc news internet channal

शहडोल । जिले में गरीबों को सहायता तो दिया जाता है पर उस सहायता का लाभ अधिकारी कर्मचारी उठा रहे है और गरीब देखता व ताकता रह जाता है।

-- बुढ़ार जनपद अंतर्गत गिरे सैकड़ों भवन --

बुढ़ार जनपद अंतर्गत केशवाही गिरवा, मलया आदि गांवों में गरीबों को इंदिरा आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किया गया जो अब सीधा हितग्राही के खाते में भुगतान हेतु सहायता राशि दी जाती है। पंरतु अभी भी कुछ ग्रामों में यह सहायता राशि नहीं देने से कई गरीबों के आवास ध्वस्त हो गए जिससे उन्हें पुन: उतना ही मेहनत करना होगा जो स्वयं करने पर मजबूर है जबकियह राशि जिला पंचायत से दी जाती है परंतु निगरानी पंचायत करती है फिर भी इनकी ओर ध्यान नहीं दियागया जिससे इनके आवास गिरे।

-- हितग्राहियों को नहीं दी गई राशि --

केशवाही में हितग्राहियों का कहना है कि उन्हें एक किस्त दे दी गई जिससे उनके द्वारा ईट खरीदे गए कुछ उधारी लिया गया परंतु दूसरी किस्त न आने से आगे कार्य नही कराया जा सका और पहली बारिश में उनकी मेहनत व घरौंदा देखते ही देखते ध्वस्त हो गए जिससे उन्हें काफी परेशान का सामना करना पड़ रहा है। उनके पास रहने के लिए और कोई दूसरा मकान नही है और जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रही। हितग्राहियों द्वारा यह भी बताया गया कि हम लोग सरपंच सचिव से इस संबंध में चर्चा करते है तो उनके द्वारा कहा जाता है कि जाओं जिले में हम मदद नहीं कर सकते। अगर प्रशासन द्वारा दूसरी व तीसरी किस्त दे दिया जाता तो शायद यह आवास नहीं गिरते और गरीबों को परेशानी न होती। देखने में यह भी आया है कि जिनके आवास बरसात में गिर गए है वे कुछ दूसरों का सहयोग लिए है या फिर मैदान में पन्नी लगाकर रह रहे हैं।

-- सरपंच का कहना है --

ग्राम पंचायत केशवाही के सरपंच राजभान का कहना हैकि हमें किसी ने कोई जानकारी नहीं मिली वैसे भी हम इस संबंध में हम हितग्राहियों की मदद नहीं कर सकते क्योंकि इनका पैसा लिया पंचायत से सीधा खाते में आता है जो स्वयं हितग्राही निकाल कर लेवर व सामान का भुगतान करते हैं इसलिए इस योजना में हम कोई सहायता नहीं कर सकते।

-- ग्रामीणों ने लगाए आरोप --

ग्रामीणों द्वारा बताया गया है कि यहां कोई भी कार्य कराने से पूर्व कमीशन की बात की जाती है जो कमीशन देता है उसका सहयोग कर जल्दी पूर्ण करा दिए जाते है। चाहे उसके लिए कितनी भी उधारी करना पड़े। जो कमीशन नही देते उनके भवनों को देखने तक नही आते और कहते है कि दूसरी किस्त नही दी जायेगी।

No comments:

Post a Comment