योगगुरु बाबा रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की तलाश अब उत्तर प्रदेश में नेपाल से लगी 391 किलोमीटर लम्बी सीमा पर की जा रही है।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आचार्य बालकृष्ण की तलाश शुरू कर दी है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि उत्तर प्रदेश के महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच जिलों की नेपाल से लगी सीमा पर अलर्ट घोषित कर दिया गया है। एसएसबी सीमा से गुजरने वाले हर संदिग्ध व्यक्ति से गहन पूछताछ कर रही है।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आचार्य बालकृष्ण की गिरफ्तारी के लिए ‘लुकआउट’ नोटिस जारी किये जाने के बाद यह अंदेशा है कि वे सीबीआई से बचने के लिए चोरी-छिपे नेपाल जा सकते हैं।
दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के आंदोलन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के दौरान लापता होने और बाद में पासपोर्ट में गड़बड़ी पाये जाने के कारण आचार्य बालकृष्ण सुर्खियों में आये थे।
उधर, योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण के 20 दिन का समय दिए जाने के आग्रह को खारिज करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने फर्जी पासपोर्ट से जुड़े मामले में उन्हें शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया है।
सीबीआई ने बालकृष्ण से पूछताछ के लिए मंगलवार को सम्मन जारी किया था तथा गुरुवार को देहरादून स्थित कार्यालय में उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। बालकृष्ण पर भारतीय पासपोर्ट पाने के लिए नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का आरोप है।
सीबीआई को पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि बालकृष्ण अपने आवास से गायब हैं।
उधर, बालकृष्ण ने सीबीआई को पत्र लिखकर पूछताछ के लिए उपस्थित होने से पहले 20 दिन का समय मांगा था। उन्होंने पत्र में कहा था कि उनका पासपोर्ट नई दिल्ली स्थित एक दूतावास में जमा है।
सीबीआई ने कहा, "ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वे तीन दिन से अपने घर से गायब हैं। यदि आवश्यकता पड़ी तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।"
बालकृष्ण के खिलाफ फर्जी पासपोर्ट के मामले में 25 जुलाई को मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई ने देश के सभी हवाईअड्डों को अलर्ट जारी किया है, ताकि बालकृष्ण देश से बाहर न जा सकें।
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