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Friday, July 22, 2011

वीरता पदक विजेता थानेदार की हत्या

पंकज त्यागी
नई दिल्ली . पश्चिमी दिल्ली के निहाल विहार थाने में वीरता पदक विजेता सब इंस्पेक्टर कैलाश चंद यादव की गोलियां मार कर हत्या कर दी गई। हत्या का मुलजिम प्रोबेशनरी सब इंस्पेक्टर है। वारदात की वजह मुलजिम का डिप्रेशन है या कोई कहासुनी हुई, इस बात का पता नहीं चल पाया है। पुलिस महकमे के लोग कैलाश चंद यादव को मिलनसार बताते हैं।

वारदात गुरुवार शाम 5:15 बजे पश्चिमी दिल्ली के निहाल विहार थाने में हुई। एसआई कैलाश चंद यादव (40) ग्राउंड फ्लोर पर अपने कमरे में थे। डीसीपी (वेस्ट) वी. रंगनाथन के मुताबिक, प्रोबेशनरी एसआई अमरजीत मीणा सर्विस पिस्टल लेकर वहां पहुंचा और कैलाश पर फायरिंग कर दी। पहली गोली पेट में लगी। इसके तीन मिनट बाद उसने दूसरी गोली चलाई, जो सीने में लगी। इस बीच एक हवलदार ने अमरजीत को दबोच लिया। कैलाश चंद यादव को हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अमरजीत के खिलाफ मर्डर केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वह 2009 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था।


कौन हैं कैलाश चंद यादव: -

1996 बैच के एसआई कैलाश चंद यादव को 26 जनवरी 2008 को राष्ट्रपति की ओर से उप राज्यपाल ने वीरता पदक दिया था।

6 मार्च 2006 को कैलाश यादव ने गुड़गांव में हेमंत सोनू और उसके दो गैंगस्टरों जसवंत और जेपी को एनकाउंटर में मार दिया था, इसीलिए उन्हें वीरता पदक दिया गया था।

2005 से 2007 के बीच कैलाश यादव ने यूपी के बाहुबली मुन्ना बजरंगी और अंडरवर्ल्ड डॉन फजर्लुरहमान को गिरफ्तार किया था।

कैलाश यादव ने सरोजिनी नगर , पहाड़गंज , गोविंदपुरी में हुए बम धमाकों की जांच भी की थी।

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