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Tuesday, August 16, 2011

व्यापारियों से लाखों की धोखाधड़ी



बैतूल ,(रामकिशोर पंवार):

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बैतूल जिले में घर - घर तक पैठ बनाने वाली अमर शापर्स आखिर सबको चूना लगाने के बाद मर ही गई। नेटवर्किंग के माध्यम से कृपाशंकर सिंह एण्ड कंपनी बैतूल जिले में छै करोड़ रूपए का लम्बा चौड़ा चूना लगाते रही और प्रशासन और पुलिस विभाग शिकायत का इंतजार करते रहे। आखिर वे ही लोग सामने आए जो कल तक अमर शापर्स को जिंदा रखे हुए थे। शहर के भाजपा समर्थक एवं सत्तापक्ष के विभिन्न संगठनो से जुड़े एक दर्जन से अधिक थोक व्यापारियों ने अमर शापर्स के संचालक पर लाखों रूपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। व्यापारियों ने बकायदा इसकी शिकायत एसपी से कर संचालक पर मामला दर्ज करने की मांग की है। बैतूल वितरक एवं थोक व्यापारी संघ के पदाधिकारियों धर्मेन्द्र मेहता, धीरज हिराणी आदि के नेतृत्व में व्यापारियों ने एसपी को दिए ज्ञापन में बताया कि कृपाशंकर सिंह द्वारा अमर शापर्स के नाम से दुकान संचालित की जा रही है। शहर के व्यापारियों से लाखों रूपए का माल उधार लिया है। बदले में चेक दिए गए हैं।

संचालक द्वारा अब व्यापारियों को पैसे वापस नहीं किए जा रहे हैं। उनके द्वारा दिए गए चेक भी बाउंस हो गए हंैं। व्यापारियों द्वारा पैसे मांगने पर लूट के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी जाती है। इसके पूर्व में भी संचालक कृपाशंकर सिंह ने पुलिस मे व्यापारियों की झूठी शिकायत की थी। संचालक ने शहर के बीस व्यापारियों से बीस लाख रूपए की धोखाधड़ी की है। व्यापारियों ने एसपी से धोखाधड़ी करने वाले पर मामला दर्ज करने की मांग की है। सवाल यह उठता है कि पूरे मामले में केवल व्यापारी ही सामने आये है लेकिन नेटवर्कींग के माध्यम से गांव - गांव में छै हजार रूपए प्रति सदस्य के माध्यम से लूट खसोट करने वाले अमर शापर्स के एजेंटो के खिलाफ अभी गांव से शिकायते आना शुरू नहीं हुई है। पूरी लूट खसोट में कई कल के सड़क छाप भीखारी आज शहर के लखपति बन चुके है जिसमें एक तथाकथित पत्रकार महोदय एवं उनकी जीवन संगनी भी है जिनका आर डी पब्लिक स्कूल के पास भव्य आलीशान मकान भी बन रहा है। बताया जाता है कि किसी प्रायवेट बैंक में काम करने वाली एक युवती भी कृपा शंकर सिंह के कथित प्रेमजाल का शिकार बनी है जिसके पास कृपा शंकर सिंह के हस्ताक्षर के लाखो रूपए के चेक जमा है। अपनी पत्नि के होते हुए भी रंगीन तबीयत के बताए जाने वाले कृपा शंकर पर पता नहीं किसकी कुदृष्टि पड़ गई कि वह सड़क पर आ गया। बताया जाता है कि दैहिक शोषण का शिकार बनी लड़की की हाय कृपा शंकर को जेल की चौखट पर ले आई है। अब पुलिस को चकमा देकर भाग जाने को तैयार अमर शापर्स के संचालक को पकडऩे से पहले पुलिस को उन दो दर्जन से अधिक अमर शापर्स के दुकानदारो को पकड़ कर अपनी हिरासत में लेना चाहिए जो कि अपने नेटवर्क के माध्यम से प्रति सदस्य छै हजार रूपए जमा कर करोड़ो रूपैया अपने - अपने एजेंटो के माध्यम से जमा कर हड़प चुके है। सारनी - पाथाखेड़ा से लेकर मुलताई तक ऐसी दर्जनो दुकानो पर पुलिस ने ताला लगा कर उन लोगो को धर दबोचा चाहिए जो अब तक लाखो - करोड़ो का चुना लगा चुके है। यह बात समझ के परे की है कि बार - बार छापामार एसडीएम संजीव श्रीवास्तव अमर शापर्स के संचालक सहित फर्जी कंपनियों के संचालको को नैतिकता का पाढ पढ़ाते चले आ रहे थे ऐसे में अब तो लिखित दस्तावेजो के साथ शिकवा - शिकायते हो रही है तब वे मौन क्यों साधे हुए है। सवाल यह उठता है कि नेटवर्कींग के माध्यम से करोड़ो का चुना लगा चुकी फर्जी कपंनियों पर कब तक नकेल कसी जाएगी।

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