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Tuesday, January 17, 2012

पशुओं को प्रताडि़त कर निकाल रहे गन्ने का रस

तहसील प्रमुख// राजीव ऋ षि कुमार जैन  (गाडरवारा // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 9926650850
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गाडरवारा. म.प्र. पशु पालन विभाग द्वारा गौवंश संरक्षण एवं गौ पालन को प्रोत्साहित करने हेतु दो लाख इनाम देने हेतु घोषणा की जाती है। पंचवटी फाउडेंशन तथा गौशाला द्वारा उन्नत नस्ल के नंदी ग्रामीण अचलों में स्थापित करने की कवायदे चला रहे। वही दूसरी तरफ नर्मदा शुगर मिल सालीचौका में बैलगाड़ी पर गन्ना ढुलाई की जा रही है। जिसमें 80 क्वि. तक गन्ना ढोया जाता है। बैलो को मार-मार कर बोझा ढोया जा रहा है ज्यादा से ज्यादा गन्ना ढोने वाली बैलगाड़ी को पुरूस्कृत करने का प्रावधान है। इतना ही नहीं प्रतिभागी बनने के लालसा में 100 क्वि. तक गन्ना ढोने के लिए बैलों की आंखों में मिर्ची भरकर पीटा जाता है जो कि अमानवीय कृत है। तथा पशु प्रताडऩा के अंतरर्गत आता है। कुछ लोगों के द्वारा लकड़ी के डंडे में उल्टी कील फंसाकर पशुओं को कील चुभाकर पूछो के आजू-बाजू घाव बना दिये गये है। जिसमें से खून का रिसाव शुरू हो गया है उसी जगह पर बार- बार कील लगाने से जानवरों में जो घाव होता है उस पर सैकड़ों मक्खी बैठ जाती है। जिससे उन्हें रात -दिन दर्द होता है मानव पैसे कमाने के चक्कर में दानव बन चूका है वह अपने ऐशो-आराम के लिए किसी का भी ऐशो-आराम खत्म करने पर तुला हुआ है। एक ओर सरकार पशुओं को बचाने का दावा करती है वही इन ग्रामीण क्षेत्रों में मिल मालिक व कृषकों द्वारा पशुओं को प्रताडि़त कर उनकी जान की दुश्मन बन गई है। आदमी स्वयं अपने गौवंश को नाश करने पर तुला हुआ है। ऐसे कृषक व गाड़ी मालिकों को कड़ी से कड़ी सजा देकर गौवंश की रक्षा करनी चाहिए। पहले तो गाड़ी मालिक अपने जानवर को बोझा लादकर कम खाना देकर मार डालता है और फिर बैलों का मुआवजा सरकार से मांगा जाता है। जबकि उसकी मौत का जिम्मेदार गाड़ी मालिक खुद होता है न की सरकार। कम खाना व अनुचित देख-रेख के कारण पशु की मृत्यु हो जाती है और मुआवजा सरकार देती है।

 
 
 

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