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Tuesday, April 3, 2012

सांसद ने कहा, मृतका को बुलाओ..!

बैतूल से रामकिशोर पंवार
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ताप्तीचंल में बसे आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले की बद्किस्मती देखिए कि उसे जिले के ऐसे जनप्रतिनिधि मिले है जिन्हे आज भी हवा - हवाई युग में मात्र अढ़ाई कोस चलने में पूरे बारह दिन लग जाते हैं।

जिले की पहली विवादित आदिवासी महिला सासंद श्रीमति ज्योति बेवा प्रेम धुर्वे को अपने चन्द्रशेखर वार्ड स्थित निवास से मात्र अढ़ाई कोस दूर जिला मुख्यालय के ही एक मोहल्ले हमलापुर तक पहुंचने में पूरे बारह दिन लग गए। इस दौरान राज्य महिला आयोग दो सौ किलोमीटर दूर भोपाल से तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली से नौ सौ किलोमीटर की दूरी तय करके पूरे घटनाक्रम पर पुलिस और प्रशासन को फटकार कर चला जाता है लेकिन जिले की सासंद एवं राज्य अनुसूचित जन जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष रह चुकी श्रीमति ज्योति बेवा प्रेम धुर्वे को अपनी ही जाति - बिरादरी की दुराचार की शिकार बनी एक स्कूली छात्रा के दरवाजे तक दस्तक देने में नौ दिन चले अढ़ाई कोस कर कहावत को भी झुठलाना पड़ा। 
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सासंद को उस पीडि़त छात्रा के घर का रास्ता तक नहीं मालूम ..? जहां पर कुछ साल पहले ही वह अपने लिए वोट मांगने गई थी। वैसे तो बैतूल जिले के इस बहुचर्चित अदिवासी स्कूली छात्रा के साथ दुराचार और फिर उसकी मां की गोली मार कर की गई हत्या की खबर जगजाहिर है, लेकिन बीते कल बैतूल पहुंची सांसद ज्योति धु्रवे ने छात्रा से पूछ दिया कि '' तुम्हारी मां कहाँ गई..! उसे बुलाओ! यह बात एक नहीं दो बार सासंद ने उस पीडि़त छात्रा से कही! यह सुनते ही वहां पर मौजूद भाजपा जिला अध्यक्ष एवं पूर्व सासंद ने हास्याप्रय हो चुकी शर्मनाक स्थिति को संभालते हुए उन्हें बताया कि ''इसकी मां को ही गोली मारी थी ...! श्री खण्डेलवाल की बातो को सुनने के बाद अपनी साड़ी और जुबान का पल्लू संभालते हुए सासंद ने एक बार फिर वही शर्मसार कर देने वाला सवाल किया ''मुझे लगा की गोली मारने के बाद बच गई होगी......! जब पूरे प्रकरण में प्रदेश सरकार की असमत लूट गई वह तक नहीं बची तब महिला कैसे बच गई होगी.......! वहां पर मौजूद पत्रकारो ने मौका देखकर चौका मारते हुए जिले की सांसद से पूछा कि ''मृतका का नाम क्या है तो वे नहीं बता पाई। बार - बार नाम पुछने पर सांसद बोली कि ''नाम में क्या रखा है , नाम तो हम लोग रखते है...!


शराब माफिया के दुपहिया वाहनो के शो रूम के लिए बैतूल आए बैतूल जिले के प्रभारी एवं राज्य सरकार के वनमंत्री सरताज सिंह को भी पड़ौसी होशंगाबाद जिले के इटारसी से बैतूल आने में भी बारह दिन लग गए। पीडित परिवार में पहुंचे प्रभारी मंत्री ने बमुश्किल दो मिनट पीडित छात्रा से बस दो चार बातें ही की थी कि अचानक उनके मोबाइल की घंटी बजी और वे अपने मोबाइल पर व्यस्त हो गए। इसके बाद साथ में मौजूद भाजपा जिला अध्यक्ष और बैतूल विधायक ने जरूर पीडित छात्रा से जरूर चर्चाएं की लेकिन जिला मुख्यालय के विधायक और भाजपा जिलाध्यक्ष को भी बारह दिन लग गए उस परिवार तक पहुंचने में जो दुराचार और वहशीपन का शिकार हुआ था। पौढ़ आदिवासी महिला की मौत पर शोक जताने पहुंची सांसद ज्योति धुर्वे के बार - बार पुछे एक सवाल ने भाजपा नेताओं सहित पूरी सरकार को शर्मसार कर दिया। बैतूल की पाश कालोनी चन्द्रशेखर वार्ड में रहने वाली जिले की सासंद श्रीमति ज्योति बेवा प्र्रेम धुर्वे को यह तक नहीं पता की कब कहाँ कैसे क्यों क्या हुआ....!


उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय के हमलापुर की कक्षा आठवी की स्कूली छात्रा के साथ बीते माह 10 फरवरी को घटित दुराचार की घटना के बाद आरोपियों द्वारा समझौता न करने पर पीडि़त छात्रा की मां की 23 मार्च की मध्यरात्री गोली मार कर हत्या कर दी गई। उस पीडि़त स्कूली छात्रा के साथ घटित दुराचार एवं उसकी मां की जघन्य हत्या कर दी गई थी। इस मामले को लेकर पूरे देश - प्रदेश में जबरदस्त हो हल्ला हुआ लेकिन सासंद के कानो में इसकी गूँज तक नहीं हुई। पूरा मामला नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में उठाने के बाद जब हंगामा किया तो विधान सभा तक स्थगित हो गई। मध्यप्रदेश इस शर्मसार कर देने वाली घटना से स्तब्ध रह गया लेकिन जिले की सासंद को उस परिवार की चिंता नहीं हुई आज जब वह जिला मुख्यालय के भाजपा विधायक अलकेश आर्य , जिला भाजपा अध्यक्ष सहित पूरे प्रशासनिक मोहकमे के साथ पहुंची जिले की सासंद ने उस दुराचार की शिकार बनी स्कूली छात्रा से उल्टे सवाल करके सबको चौका डाला कि ''तुम्हारी मां कहाँ गई.....! उसे बुलाओं ...! अब बेचारी उस मां को जिंदा वापस तो ला नहीं सकती इसलिए चुपचाप अपमान के घूँट पीकर रह गई।


कांग्रेस नेता एवं नामचीन अधिवक्ता सुखराम पण्डागरे ने सासंद श्रीमति ज्योति बेवा प्रेमधुर्वे के द्वारा के बेहूदा सवाल को खेद जनक बताते हुए सासंद की अज्ञानता की निंदा की है। श्री पण्डागरे ने सासंद को जनता से तथा जनता की भावना से कोसो दूर बताया है। इधर कांग्रेस नेता एवं विधि प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष अधिवक्ता संजय शुक्ला 'पप्पी' ने भी दुराचार की शिकार स्कूली छात्रा के जख्मो पर मरहम लगाने के बदले उसकी मां के बारे में सवाल करके नमक छिडक़ने का घिनौना शर्मनाक प्रयास बताया है। जिला महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमति राजरानी परिहार ने भी दुराचार की शिकार स्कूली छात्रा के जख्मों पर सासंद द्वारा छिडक़े गए नमक को दुखदाई घटनाक्रम बताया है। 

श्रीमति परिहार का कहना था कि सासंद एक तो देरी से पहुंची दूसरी उसको वहां जाने से पहले पूरी घटना एवं घटना से जुड़े लोगो के नाम एवं पते की पूरी जानकारी ले लेना चाहिए। इस तरह के सबसे बेहूदा शर्मसार सवाल इसलिए है क्योकि जिले की सासंद को जिले के बारे में कुछ पता ही नही रहता है कि जिले में क्या कुछ हो रहा है। बीती बारह फरवरी से आज दिनांक तक पूरे समाचार पत्रो एवं टी वी चैनलो पर हमलापुर का स्कूली छात्रा के साथ दुराचार एवं गोलीकांड का मामला सुर्खियों में छाया रहा। प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक को पूरी घटना और उसका क्रम तक याद हो गया था। राज्य महिला आयोग की अनुशंसा पर पुलिस कप्तान को बदला तक गया और चार लोगो को निलंबित तक कर दिया गया लेकिन जिले की सासंद को कुछ भी नहीं पता..? इस दौरान न तो कोई लोकसभा का ऐसा सत्र चल रहा था कि पूरे टाइम सासंद बैतूल जिले में नहीं रही हो और यदि बाहर भी थी तो उन्हे यह तक तो पता होगा कि उनके जिले में क्या क्या हुआ तथा किसके साथ हुआ..? इधर आरपीआई ने जिले की सासंद से घटनाक्रम के प्रति अनभिज्ञता एवं स्कूली छात्रा को पहुंचाई मानसिक वेदना को लेकर लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा मांगा है।

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