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Monday, April 2, 2012

सरकारी जमीन पर कब्जा करके गुरुद्वारा बनाने की साजिश

भोपाल// आलोक सिघंई
 toc news internet channal

आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस का निर्माण जैसे जैसे पूरा होने के नजदीक आ रहा है कई षडय़ंत्रकारी उसके आसपास की जमीनों पर धर्म की आड़ में अतिक्रमण करने लगे हैं। कुछ सिख ठेकेदारों ने एम्स के पहुंच मार्ग पर तार की फेंसिंग खींचकर गुरुद्वारा बनाना शुरु कर दिया है। प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि इन अतिक्रमण कारियों को भारतीय जनता पार्टी के कुछ छुटभैये नेताओं का संरक्षण है जिसके कारण वे इस अवैध कब्जे को हटाने में असहाय महसूस कर रहे हैं। नए मास्टर प्लान में ये विवादित स्थान लिंक रोड का हिस्सा है। यहां प्रस्तावित 180 फीट की रोड हबीबगंज से रायसेन रोड को जोड़ेगी। इस मार्ग का उपयोग लगभग पचास से अधिक बड़ी कालोनियों के रहवासी तो करेंगे ही साथ में एम्स आने वाले हजारों मरीजों के लिए भी यह सडक़ जीवन रेखा साबित होने वाली है। सडक़ से गुजरने वाले हजारों यात्रियों और मरीजों से चंदा उगाही के लिए ही इस धार्मिक स्थल का निर्माण कराया जा रहा है। 

पिछले दो दिनों से चल रहे इस अवैध निर्माण की शिकायत स्थानीय नागरिकों ने भोपाल संभाग के प्रभारी मंत्री जयंत मलैया को की है। देश के सम्मानीय न्यायालयों के फैसलों का हवाला देते हुए नागरिकों ने अनुरोध किया है कि सार्वजनिक स्थलों पर बनाए जाने वाले अवैध धार्मिक स्थलों को हटाए जाने के स्थायी आदेश के बावजूद ये अवैध निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है। निर्माण कर्ताओं ने इस अवैध कार्य को करने के लिए तीन दिनों के शासकीय अवकाश की आड़ ली है। स्थानीय नागरिकों ने जिला कलेक्टर निकुंज श्रीवास्तव से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्हें बताया गया कि वे 7 अप्रैल तक छुट्टी पर हैं। इसे देखते हुए स्थानीय नागरिकों ने पुलिस थाने में आवेदन दिया है। अलकापुरी निवासी सर्व श्री योगेन्द्र पाठक, श्रीमती सालोमन, और श्री विजय तारण, श्री औरंगाबादकर, श्री पी.के.डे, श्री आर.एस.तिवारी ने पुलिस थाने में दिए गए आवेदन में गैरकानूनी तरीके से किए जा रहे इस निर्माण कार्य को अविलंब रुकवाने का निवेदन किया है। नागरिकों का कहना है कि अवैध तरीके से किया जा रहा ये अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए।

गौरतलब है कि एम्स के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के काaरण स्थानीय आबादी पर अतिरिक्त दबाव बढऩे की संभावना के कारण जिला प्रशासन वैसे भी आसपास के अतिक्रमण हटाता रहा है।नगर निगम ने आबादी के बेहतर प्रबंधन के लिए जोनल प्लान भी बनाया है जिसमें आगे चलकर आसपास की आबादी को पुर्ननियोजित किया जाएगा। भविष्य में अस्पताल आने जाने वाले भारी वाहनों और आसपास की बसाहटों में आने वाली स्कूल बसों, और कार्यालयों की बसों के आवागमन के लिए ये निर्माण बड़ी समस्या बन सकता है। भोपाल में बनने वाले एम्स असप्ताल को गुणवत्ता के लिहाज से उत्कृष्ठ बनाने के लिए जरूरी है कि इस अवैध निर्माण को तत्काल हटाया जाए और इसके लिए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

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