Pages

click new

Wednesday, April 11, 2012

सरेआम जालसाजी कर रहे हैं निर्मल बाबा

बाबा कहते हैं कि पूजा में भावना होनी चाहिए, लेकिन जब बिहार की एक महिला को देखते ही उन्होंने कहा : तुम छठ पूजा करती हो. वह बोली, हां बाबा करती हूं. बाबा ने पूछा, कितने रुपये का सूप इस्तेमाल करती हो. वह बोली 10-12 रुपये का. बाबा ने कहा : बताओ 10-12 रुपये के सूप से भला कृपा कैसे आयेगी, तुम 30 रु पये का सूप इस्तेमाल करो. कृपा आनी शुरू हो जायेगी.
बात यहीं खत्म नहीं हुई. एक महिला भक्त को उन्होंने पहले समागम में बताया था कि शिव मंदिर में दर्शन करना और कुछ चढ़ावा जरूर चढ़ाना. अब दोबारा समागम में आयी उस महिला ने कहा : मैंने मंदिर में चढ़ावा भी चढ़ाया, लेकिन मेरी दिक्कत दूर नहीं हुई. बाबा बोले, कितने पैसे चढ़ाये, उसने कहा कि 10 रुपये. बाबा ने फिर हंसते हुए कहा कि 10 रुपये में कृपा कहां मिलती है, अब 40 रुपये चढ़ाना, देखना कृपा आनी शुरू हो जायेगी.

अब देखिए, इस महिला को बाबा ने ज्यादा पैसे चढ़ाने का ज्ञान दिया, जबकि एक दूसरी महिला दिल्ली से उनके पास पहुंची, बाबा उसे देखते ही पहचान गये और पूछे, शिव मंदिर में चढ़ावा चढ़ाया या नहीं. बोली, हां बाबा चढ़ा दिया. बाबा ने पूछा, कितना चढ़ाया, वह बोली, आपने 50 रुपये कहा था, वो मैंने चढ़ा दिया. और मंदिर परिसर में ही जो छोटे-छोटे मंदिर थे, वहां 10- पांच रुपये चढ़ा दिये. बस बाबा को मौका मिल गया, बोले, फिर कैसे कृपा आनी शुरू होगी, 50 कहा, तो 50 ही चढ़ाना था ना, दूसरे मंदिर में क्यों चली गयी. बस फिर जाओ और 50 ही चढ़ाना.

क्या मुश्किल है, ज्यादा चढ़ा दो, तो भी कृपा रुक जाती है, कम चढ़ाओ, तो कृपा शुरू ही नहीं होती है. निर्मल बाबा ऐसा आप ही कर सकते हो, आपके चरणों में पूरे परिवार का कोटि-कोटि प्रणाम. एक भक्त को बाबा ने भैरो बाबा का दर्शन करने को कहा. वह भक्त माता वैष्णो देवी पहुंचा और वहां माता के दर्शन के बाद और ऊपर चढ़ाई करके बाबा भैरोनाथ का दर्शन कर आया. बाद में फिर बाबा के पास पहुंचा और बताया कि मैंने भैरो बाबा के दर्शन कर लिये, लेकिन कृपा तो फिर भी शुरू नहीं हुई. बाबा ने पूछा, कहां दर्शन किये, वह बोला, माता वैष्णो देवीवाले भैरो बाबा का. बाबा ने कहा : यही गड़बड़ है, तुम्हें तो दिल्ली वाले भैरो बाबा का दर्शन करना था. अब बताओ, जिस बाबा ने कृपा रोक रखी है, उनके दर्शन न करके, इधर-उधर भटकते रहोगे, तो कृपा कैसे चालू होगी. भक्त बेचारा खामोश हो गया. यह सब जालसाली नहीं, तो क्या है?

sabhar - visfot.com

सीरिज की अन्य खबरें, आलेख व खुलासे पढ़ने के लिए क्लिक करें-

No comments:

Post a Comment