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Thursday, September 20, 2012

जिसकी भईया नियत बुरई वो आकर रहे भईया खुरई


जिसकी भईया नियत बुरई वो आकर रहे भईया खुरई

तहसील प्रमुख // सत्य प्रकाश शर्मा  (खुरई // टाइम्स ऑफ क्राइम) 

तहसील प्रमुख से संपर्क:-98268 55356

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खुरई. हमारे खुरई शहर का हर काम निराला है, आजकल हमारा खुरई शहर नगर सेठ श्रीधर्मेन्द्र सेठ जिनके पास अकूत सुख संपदायें पूर्वजों के समय से रहीं हैं।

आज भी हमारे नगर सेठ की नजर दौलत हैं किन्तु माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी के खास सिपहसलाहकारों में शामिल होकर शहर की बागडोर अपने हाथों छीन ली है, जो विगत माहों से भारी राजनीतिक गतिविधियों में बढ़चढ़ कर हिस्सा खुलेआम ले रहें हैं जिनको कि कभी पूर्व में ऐसा करते नहीं देखा अपने अधिकारों का दुरूपयोग गरीब जनता के खिलाफ खुलेआम कर रहे हैं, पूरे शहर का माहौल सरकार की योजनाओं को क्रियानिवत कर अपने नाम का वर्चस्व लूट रहे हैं। आम गरीब आदमी को अंधा समझ रहे हैं खुलेआम शासकीय व गरीबों की आने-जाने वाली रास्ताओं व उनकी जमीनों पर खुलेआम अतिक्रमण कर रहा हैं ,श्रीमंत का आतंक शहर में काफी सिरचढक़र तुगलकी आदेशों के रूप में काम करना प्रारम्भ कर दिया हैं।

 शहर के पूरे अधिकारी मानो उसने खरीद ही लिए हैं कोई भी श्रीमंत के बीच में पडक़र क्या गरीब किसी को इस संसार से ही जाना हैं लेकिन माननीय श्रीमंत को भी मिले अधिकारों से व माननीय मुख्यमंत्री महोदय की योजनाओं का क्रियान्वयन उनके व केवल उनके ही ग्रुप के लोगों के द्वारा आम जनता को गांव गांव जाकर केम्प लगाकर चस्मा तो वितरण किये ही जा रहे हैं और भी अन्य योजनाओं के अन्र्तगत लाभ देने की खुलेआम घोषणाए हो रहीं हैं, बोट की राजनीति स्पष्ट दिखाई दे रही हैं।

अपनी भूमि शहर के आदिवासियों को रहने के लिए दे दी है व कुछ और को देने के आश्वासन देने से इनके भी होंसलें बुलंद हो गये हैं तथा शहर का भा.जा.पा. समूह अपने आपको शहर में साबित करने के लिए तरह - तरह के हथकंडे अपनाना शुरू कर दिया है, यहां तक किसी गरीब को अपने अधिकारियों एवं अपने समूह के सदस्यों चापलूसों से पिटवाना तक शुरू करवा दिया है,जगह-जगह अपमानित बेेइज्जत कराना शुरू कर दिया हैं इसलिए इस नगर के महासेठ श्रीमंत की नजर में कोई न कोई खोट तो स्पष्ट सभी गरीबों को सार्वजनिक रूप से दिखाई देने लगी हैं और जगह-जगह चर्चाऐं भी सुनने में आ रही हैं कि श्रीमंत सेठ अब बदलकर भगवान बन गये है इसलिए अहंकारियों झूठा दिखावा करने वाले नगर सेठ अब क्या करिश्मा कर रहे हैं इनकी नियत में आ रही तरह -तरह की खोंटें क्या करवायेंगी यह तो समय ही बतायेंगा और में आप लोगों को बताता रहूंगा खुलेआम नियतखोर लोगों को आतंक शहर में दिन प्रतिदिन हावी होता जा रहा हैं।

यहां तक कि भा.जा.पा. द्वारा बनाये जा रहे इस भावी पुतले की नियत तो अभी से ही खराब हो गई हैं अब इस पुतले के द्वारा किये जाने वाले क्रिया कलापों को क्रमश: उजागर ही करता रहूंगा और श्रीमंत के आतंक को बताता ही रहूंगा क्योंकि जिसे मनुष्य की पहचान किये बिना ही दण्डित कराने का अधिकार माननीय मुख्यमंत्री ने देकर एक बहुत बड़े क्षेत्र की ग्रामीण आम गरीब जनता गरीबों को हैरान प्रताडि़त तथा खुलेआम लुटवाने के लिए एक शहर का ही पूर्वजों के समय से राजनीति दूर रहकर ही अपना वर्चस्व स्थापित रखने वाले इस नगर सेठ के मन में खुले आम नियत में खोट झलकने लगी है,

इसके लिए जबसे यह राजनैतिक पहुंच इस शहर के समस्त सभ्रांत व्यक्ति के हाथों में पहुंची हैं तब से तो इस शहर में तमाम अप्रिय एवं घिनौनी घटनाऐं शहर खुरई को कलंकित करने वाली हो रहीं हैं और रूपया के बल पर गरीब को खरीद लिया जाता हैं। गरीब की भी पूरी तरह इज्जत खराब होने समाज में भी बेइज्जती होने के बाद भी उसके साथ हुए अपराध को बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा क्योंकि इस पार्टी के पास एवं स्वयं सेठ के पास इतना धन है जो कि खुलेआम असमाजिक तत्वों के साथ उसका उपयोग करती हुई नजर आने लगी हैं और एक अपराधिक माहौल शहर में नगरसेठ के द्वारा ही निर्मित कर दिया गया है। हर जगह सेठ जी की चलने लगी है,लोग अपनी-अपनी समस्यायें लेकर नगर सेठ को भगवान मानकर कतार बद्ध होने लगे हैं और मनचाहे गरीब बरदान भगवान से प्राप्त करके उनकी ही गाथा में लीन दिखाई दे रहे हैं, जहां तक आदिवासियों एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को तथा नीच कर्म करने वालों को पूरा समर्थन सेठ का मिल रहा हैं।

शराब पीने को रूपया भी किसी गरीब की छवि खराब करने के लिए दिया जा रहा हैं इसलिए इनके हौंसले बुलंद हो रहे हंै आदमी को डरा धमका रहे हैं ऐंसे कई उदाहरण है जिन्हे समय आने पर प्रकाशित करता रहूंगा। वर्तमान में तो जैन समुदाय भगवान ही मान बैठा हंै और इतना घमंडी हो गया है कि ‘‘जय जिनेन्द्र ’’ की जगह ‘‘ जय धर्मेन्द्र ‘‘ इन कानों में सुनने के लिए आने लगा हैं। आगे क्या-क्या, कैसे-कैसे बदलाव होते हैं बताने में भी आनंद आयेगा। वर्तमान में नगरसेठ जो कभी किसी भागवत कथा आदि नहीं सुनते थे ,वोट के चक्कर में पडक़र सुनने जाने लगे हैं अपने हितेषी गरीबो को पट्टा तक वितरण का प्रलोभन दिया जा रहा हंै कुछ लोगों को दे भी दिये हैं। अब तो जो गरीब नगर सेठ से दूर हैं उसकी चारों तरफ से मौत ही दिखाई दे रही हैं क्योंकि इस नगर सेठ की नियत खराब होने से पूरे शहर की नियत में खोट आने वाली है। जिन गरीबों के सेठ के पूर्वज अनाज का वितरण अपने दरवाजे पर से करते थे।

सैकड़ों बोरा गरीबों को बांटते थे अपने हाथों से जिसे हमारे नगर सेठ ने नियत में खोट आने के कारण सिरे से खारिज करवा दिया हैं व अन्य सेठों से भी करवा दिया अब तो सेठ गरीबों के साथ क्या-क्या हथकंडे अपनाता हैं और कैसे सभ्रान्त लोगों को दिग्भ्रमित कर लुटवा रहा है व आगे लुटवाने के और क्या तरीके होंगे देखना है अभी तो टेलर शुरू हुए हैं कैसी -कैसी फि ल्में रिलीज होना हैं, समय का इन्तजार करना हैं क्योंकि कुछ कहीं भी अच्छा होता नहीं दिख रहा हैं। भा.जा.पा. की लूट नीति के तहत माननीय मुख्यमंत्री ने इस धनाड्य क्षेत्र में एक श्रीमंत धनाड्य को ही चुना जो तो पास हो गये अब धनाड्य श्रीमंत पास होता है कि फेल समय बतायेगा। इसलिए इस गरीब का तो यही कहना है कि जिसकी नियत बुरई हो वही खुरई में आकर रहे तो पास हंै ईमानदार, सीधे, साधे गरीब, भगवान भक्त आदमी का तो जीवन ही बर्बाद करना है इस खुरई में तो भईया सत्य बोलने वाले की तो आफ त हैं ।  

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