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Sunday, October 28, 2012

मप्र में 670 करोड़ रुपये के उद्योगों के लिए 113 करार


इंदौर | मध्य प्रदेश में 670 करोड़ रुपये की लागत से 113 औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी, इसके लिए सरकार और औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने वाले घरानों के बीच करार हुआ। यह करार इंदौर में रविवार को शुरु हुई तीन दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले दिन हुए। इन उद्योगों में छह हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। समिट का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में बनने वाले नए औद्योगिक क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों के लिए भूमि आरक्षित की जाएगी। नगरीय निकायों द्वारा लगाए जाने वाले निर्यात कर को समाप्त कर दिया है।

चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की प्रगति में लघु उद्यमी अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता से योगदान दें। हर गांव के नए उद्यमी आगे आएं। जल्दी ही आयोजित होने वाली युवा पंचायत में युवा उद्यमियों के लिये ऋण गारंटी योजना लाई जाएगी। लघु उद्योग लगाने पर अब पूरे प्रदेश में सी श्रेणी के जिलों में मिलने वाली सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि थ्रस्ट उद्योग लगाने पर विशेष अनुदान की सीमा अब 30 लाख रुपये कर दी गई है। उद्योगों के लिये 20 हजार हेक्टेयर भूमि का लैंड बैंक बनाया गया है। अब चम्बल की बीहड़ों में भी उद्योगों के लिये भूमि आरक्षित की जा रही है। चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों को 24 घंटे सतत बिजली दी जाएगी। लघु उद्योगों के लिये ब्याज अनुदान की योजना बनाई जाएगी। रिवर्स बायर्स सेलर्स मीट ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर में आयोजित होगी। फीडर सेपरेशन का लाभ लघु और कुटीर उद्योगों को भी दिया जाएगा। इस अवसर पर उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि संभाग स्तर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के सम्मेलन किए जाएंगे। इनमें उनकी समस्याओं के समाधान के साथ-साथ उन्हें मजबूत बनाने के कदम उठाए जाएंगे। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए बेहतर अधोसंरचना विकास के लिये 3000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। 
भारत के मुख्य सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्रा ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों का विकास ही मध्यप्रदेश के विकास को तेज करेगा। छत्तीसगढ और झारखण्ड में बड़े उद्योगों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि केवल बड़े उद्योगों से ही मानव संसाधन का आर्थिक विकास नहीं होता। छोटे उद्योगों का विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों में निवेश ज्यादा और रोजगार कम होता है जबकि इसके विपरीत छोटे उद्योगों में ज्यादा निवेश भी होता है और ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है।

भारतीय उद्योग परिसंघ के मध्यप्रदेश राज्य परिषद के अध्यक्ष आऱ एस़ गोस्वामी ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिये विशेष सत्र आयोजित करने की सराहना की और कहा कि आज इस वर्ग के उद्योगों को पूरे समय बिजली मिल रही है। वित्तीय संस्थाओं का विश्वास बढ़ा है और साख सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हुई है।  मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के सहयोग से निगम इस साल एक हजार करोड रुपये का व्यवसाय करेगा।  मध्य प्रदेश चैंबर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री के अध्यक्ष रमेश अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास की संभावनाओं को पूरे विश्व में प्रचारित-प्रसारित किया है। मध्य प्रदेश की टेक्सटाइल नीति की सराहना करते हुए कहा कि इसके साथ ही गारमेंट उद्योग को भी पर्याप्त सहायता और सुविधा मिलना चाहिये। इस मौके पर गाइड टू इंडस्ट्रीज, जिलावार औद्योगिक परिदृश्य और जिलावार भूमि उपलब्धता की पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया। मुख्यमंत्री ने एम़ पी़ ग्लोबल फाउंडेशन का विमोचन किया।  तीन दिवसीय समिट के दूसरे व तीसरे दिन भी करार होंगे। समिट के दूसरे दिन 29 अक्टूबर को देश-विदेश के उद्योगपति और निवेशक करारनामों पर दस्तखत करेंगे। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज विशेष उद्बोधन देंगी।  अपरान्ह में इंजीनियरिंग और अटोमोबाइल, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवाएं एवं औषधि निर्माण उद्योग, कृषि व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण, अधोसंरचना और शहरी विकास जैसे विषयों पर सेमिनार होगा। समिट के अंतिम दिन 30 अक्टूबर को सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास, वेयरहाउसिंग एण्ड लजिस्टिक्स, टेक्सटाइल्स एण्ड ऐपरल्स और पर्यटन विषय पर सेक्टोरल सेमीनार होंगी। समापन कार्यक्रम को वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी संबोधित करेंगे। अंतिम दिन भी करारनामों पर दस्तखत किए जाएंगे। 

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