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Monday, October 29, 2012

जिला जेल में विधि साक्षरता शिविर


बैतूल जिला जेल में विधि साक्षरता शिविर का आयोजन

बैतूल से भारत सेन की रिपोर्ट........8989171913
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 बैतूल। मुकदमों के बोझ से दबी हुई अदालतो में अभियोजन की कार्यवाही का समना करने के लिए मजबूर विचाराधीन बंदियों की किसी ने तो सुध ली। मामलो की लंबी खिंचती सुनवाई और गवाहों के साथ न्यायालय के फैसले का इंतजार करती महिला बंदियों की बीच जेल में सामाजिक कार्य के लिए मशहूर भोपाल के एनजीओ, सुधार के पदाधिकारीगण द्वारा दो दिवसीय विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
सुधार संस्था की ओर से पिछले 11 वर्षो से मध्य प्रदेश की जेलों में संस्था की ओर से अपनी सेवाएं दी जा रही हैं। बैतूल जिले में संस्था की ओर से काम कर रहीं समाज सेविका श्रीमती शिखा भौरासे ने बताया कि उनकी संस्था का उद्देश्य जेलों में कानूनी सहायता सेवायें प्रदान करना एवं कानूनी सहायता हेतु सरकारी सुविधाओं मजबूत करना हैं। बंदियों के परिवार एवं बच्चों को सहायता सेवायें उपलब्ध करना। मप्र की जेलों से रिहा बंदीगण को पुनर्वास एवं रिहा बंदीगण को पुनर्वास एवं रिहाई पश्चात् सेवाएं प्रदान करना। अपराधिक न्याय तंत्र में सुधार लाने हेतु पैरवी करना हैं।

 जिला जेल में निरूद्ध 22 महिलाएं जिनमें से 5 महिलाएं को विचारण न्यायालय द्वारा दोषसिद्धि की गई हैं। ज्यादातर महिलाए पारिवारिक मामलों में विचाराधीन हैं और महिला बंदियों के साथ 3 नाबालिग बच्चों जिनकी उम्र करीब 5 वर्ष से कम मालूम पड़ती हैं, उनका बचपन भी सलाखों के पीछे कट रहा हैं। जेल अधीक्षक सुश्री शैफाली तिवारी ने बताया कि ज्यादातर महिलाए अपराध धारा 304-बी, 498-क के मामलो में निरूद्ध हैं। अपवाद स्वरूप ही अन्य अपराधिक मामलों में महिलाएं शामिल हैं। इस अवसर पर विधिक सेवा के पैनल अधिवक्तागण नितिन मिश्रा, सुरेन्द्र कौशिक, पंजाबराव पंवार, अरविंद देश पांडे, भारत सेन एवं अनूप सोनी द्वारा विचाराधीन बंदियों को विधि परामर्श दिया गया। सुधार संस्था के भोपाल से आये पदाधिकारिगण अभिशेख डाबली, नंदराम सोलंकी, दिव्या परमार ने संस्था की ओर से विचाराधीन बंदियों की समस्याओं को सुना और सहायता का आश्वासन दिया गया। 

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