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Friday, November 9, 2012

तहसीलदार दिनेश शुक्ला की मनमानी


खुरई में तहसीलदार दिनेश शुक्ला की मनमानी तुगलकी आदेशों से परेशान

तहसील प्रमुख // सत्य प्रकाश शर्मा  (खुरई // टाइम्स ऑफ क्राइम)
तहसील प्रमुख से संपर्क:-98268 55356
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  • किसान अधिकार हनन जैसी जनचर्चाऐं, 
  • अधीनस्थ कर्मचारियों को लूट की छूट, 
  • अपमानित बेइज्जत करने की छूट, 
  • तहसील खुरई की आम गरीब, सीधी-साधी, अनपढ़, 
  • जनता दलालों से हैरान परेशान

खुरई। शहर के अधिवक्ता संघ द्वारा विगत खुरई तहसील सागर जिले की सबसे बड़ी तहसील  हैं जहां पर दिनेश शुक्ला जी तहसीलदार के पद पर पदस्थ हैं। हमारे शहर में जन चर्चा का विषय बना हुआ  हैं कि बिना रूपये के कोई काम किसी का नहीं हो रहा  हैं  क्षेत्र की गरीब जनता अत्यधिक हैरान परेशान हैं। श्रीमान अनु.अधि. महोदय की लिंक कोर्ट होने से तहसीलदार महोदय एवं उनके अधीनस्थ वर्षों से जमे स्थानीय लोग जो खुले आम मनमानी कर रहे हैं किसी गरीब किसान या अन्य गरीब को इंसान ही नहीं समझ रहे हैं।  बुरी तरह से अपमानित बेइज्जत कर कार्यालय से बाहर निकाल दिया जाता हैं।

शहर की गंदी राजनीति में फंसकर सीधे-साधे किसानों एवं गरीब लोगों को खुलेआम अपमानित बेइज्जत किया जा रहा हैं तथा लूटा जा रहा हैं। खुरई शहर में तहसीलदार अपने तुगलकी आदेशों से किसी का भी भविष्य बर्बाद करने पर उतारू हो गये हैं एवं असमाजिक तत्वों को सरेआम बढ़ावा दे रहे हैं तथा भ्रष्टाचार का जहर आम जनता में घोल रहे हैं। उक्त तहसीलदार पूर्व में राजनगर में पदस्थ रहे जहां पर भी विवादित रहे ऐंसा जन चर्चा का विषय बना हुआ  हैं विभागीय जांचें आदि पूर्व से लंबित हैं जिस समय से खुरई में आये हैं उसी समय से खुरई तहसील के अनपढ़ गरीब किसान, गरीब जनता, तरह-तरह से हैरान परेशान हो रहे हैं इनके अधीनस्थ मनीष गोस्वामी एवं शैलेन्द्र उइके जो स्थानीय हैं और कई वर्षो से जमे हुए हैं और सीधे साधे गरीब लोगों को भारी भ्रष्टाचार मचाकर लूट रहे  हैं पूर्व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा बाटिका बनाई गर्इं जिसमें कई औषधीय पेड़ पौधे लगे हुए हैं। कई प्रजाति के फू ल वाले आदि आदि पेड़, पौधे लगे हैं जो कि उजडऩे की कगार पर हैं।

तहसीलदार का कहना रहता  हैं कि मेरा बटवारा एवं राजस्व का काम  हैं मुझे इस बगिया से लेना देना नहीं  हैं मंैने जो बगिया तैयार की  हैं उसकी ही देखरेख कर रहा हूं और अपनी मनमानी करने पर उतारू हो गये  हैं  जन चर्चा का विषय बना हुआ  हैं कि तहसीलदार बिना रूपये लिये कोई काम ही नहीं करते हैं  इनके द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा  हैं तथा सीधे साधे लोगों को अपमानित बेइज्जत किया जा रहा  हैं जिन्हें ओचक निरीक्षण कर इनके द्वारा कमाई गई अकूत संपत्ति की जांच की जाकर इन्हें  तत्काल पद से हटा दिया जावे तथा भविष्य निधि नहीं दी जावे क्योंकि जन चर्चा का विषय बन गया हैं कि तहसीलदार महोदय सरेआम लूट मचाये हुए हैं और अपने अधीनस्थों को गरीब सीधे साधे लोगों को अपमानित बेइज्जत कर रूपये ऐंठने के लिए छूट दिये हुए हैं और मनमानी करने पर उतारू हो गये  हैं।

जनहित में इनको हटाया जाकर कोई ईमानदार, मानवीय, गरीब जन की पीड़ा को समझने वाले न्यायप्रिय तहसीलदार की आवश्यकता हैं ताकि इस तहसील के लोगों को न्याय प्राप्त हो सके। उक्त सभी भ्रष्टाचारियों को जिले से बाहर हमेशा के लिए भेजा जावे तब ही गरीबों को न्याय मिल पाना संभव होगा। इस समुदाय के द्वारा असमाजिक तत्वों को भी भ्रष्टाचार का स्वाद चखाया जा रहा हैं जो किसी भी साफ-सुथरी छवि वाले को अपमानित बेइज्जत करने से नहीं चूक सकते हैं। सामाजिक राजनीति, दलीय राजनीति, कर्मचारियों की राजनीति व हर प्रकार की राजनीति में माहिर कर्मचारी अपना अपना खुलेआम प्रदर्शन कर रहे हैं।

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