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Thursday, March 21, 2013

डॉ. आर. एल वर्मा के प्रभार में आते ही फिर शुरू हुई भर्राशाही


 अपनी पोल खुलने के डर से धमकाते हुए 
चुरहट थाना को किया गया फोन

तहसील प्रमुख// संजय सिंह (सीधी// टाइम्स ऑफ क्राइम)  
प्रमुख से संपर्क- 88892 89899
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लगभग 10 वर्ष से डॉ. आर. एल. वर्मा पदस्थ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चुरहट में इसके पहले भी इनके कारनामों की शिकायत माननीय विधायक महोदय से मिलकर कलेक्टर महोदय तक की जा चुकी है। जिसके कारण प्रभार छीन कर डॉ. भल्ला को दे दिया गया था तो उनके समय में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्था ठीक-ठाक थी, पर स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के चलते पुन: प्रभार डॉ. वर्मा को दे दिया गया। प्रभार मिलते ही अपने रवैया में डॉ. वर्मा पुन: आ गए। हास्पिटल की हालत देखने से पता चलता है कि कितनी जिम्मेदारियॉ निभाई जा रही है। पलंग में पड़े गद्दे भी तरसे है एक चद्दर के लिए, पट्टी और जेलको जैसे छोटी चीजों को मरीज  से लाने के लिए कहा जाता है।

मरीज के पूछने पर कहा जाता है कि यहॉ नही है तो कहॉ से दे। अभी कल की ही बात है कि मरीज 8 बजे सुबह से पर्ची लिए लाइन लगाकर डॉ. साहब का इंतजार करते रहते है डॉ. साहब अस्पताल 10:45 बजे सुबह अस्पताल पहुॅचते ही नहीं है। मरीजों के द्वारा कई बार फ ोन करने पर डॉ. साहब पधारे आते ही, मरीजों के साथ पत्रकारों को देखकर भडक़ गये, जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या आप स्वास्थ्य केन्द्र में अकेले डॉ. है कोई भी डॉ. यहॉ नही है, शासन द्वारा 108 जैसी सुविधाओं का शुभारंभ किया जाता है और वादा किया जाता है कि मरीजों को 24 घण्टे महफू ज सुविधाएॅ मिलेगी, इतनी बात सुनकर डॉ. साहब ने जवाब दिया-हम यहॉ अकेले डॉ. नहीं है, मेरे अलावा डॉ. भल्ला भी है, वह कहॉ है मुझे नहीं मालुम है।

उनसे पूछा गया कि अस्पताल प्रभारी आप है तो जानकारी किसे होनी चाहिए, तो अचानक भडक़ गये और धमकाते हुए बोले कि मैं अभी पुलिस को बुलाकर अभद्रता करने के जुर्म में अंदर करा दूॅगा। इतना कहते ही चुरहट थाना में उन्होने फ ोन किया, फ ोन की सूचना पर आरक्षक रणबहादुर सिंह, मेघनाथ सिंह, एवं आरक्षक बागरी पहुॅचे वहॉ सैकड़ों की भीड़ परेशान हालत में बताया कि हम लोग 8 बजे से पर्ची कटवाकर बैठे है, अभी तक किसी डॉ. का कोई पता नहीं था। मरीज से पूछने पर पता चला कि आप कितने बजे से आए हुए है और आप को क्या तकलीफ  है तो उसका जबाब था मैं अपनी जली भांजी साक्षी को लेकर सुबह 8 बजे से आया हूॅ।

मरीजों द्वारा पुलिस के सामने यह बयान दिया गया कि जबरन डॉ. साहब गुस्सा रहे है मरीजों ने बताया कि जब से ये आए है तो ऐसी ही अभद्रता होती है और हम सब को कहा जाता है कि जल्दी है तो मेरी डिस्पेंसरी में आओ, फ ीस दो और दिखाओ। तब मरीजों का बयान सुन पुलिस वापस चली गयी। यहां तो यही कविता चरित्रार्थ होती है, (उल्टा चोर कोतवाल को डॉटे)

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