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Thursday, March 21, 2013

फिर गरीबों के हक पर डाका सोसायटियों के सिर फूटा ठीकरा


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नरसिंहपुर से सलामत खाँ की रिपोर्ट....


               

 नरसिंहपुर. वर्ष 2012-13 में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) तथा डीएमओ द्वारा समितियों के माध्यम से गेहूं और धान की खरीदी की गई थी। नान के अनुसार जिले भर में जहां समितियों के माध्यम से 3 लाख 15 हजार क्विंटल से अधिक धान की खरीदी हुई थी वहीं 3 लाख 12 हजार 937 क्विंटल धान गोदामों में जमा हुआ है। यानि कि लगभग 3 हजार क्विंटल धान की शार्टेज हुई है। जिले से प्राप्त आंकड़़ों के अनुसार इस वर्ष कुल 15 लाख 63 हजार 030 क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई थी। वहीं डीएमओ का कहना है कि उनके पास कुल 15 लाख 55 हजार 053.20 क्विंटल गेहूं जमा हुआ है। इस मायने में कुल 7977 क्विंटल गेहूं की शार्टेज जिले भर में सामने आयी है। इसमें से 50 प्रतिशत की शार्टेज गाडरवारा तहसील में बताई जा रही है। पिछले साल परिवहन के समय गेहूं की चोरी का मामला सामने आ चुका है। लेकिन उस समय न तो इस पर अंकुश लग पाया और न ही किसी तरह की कोई कार्रवाई हुई थी। इसी तरह कई क्विंटल गेहूं पानी में भीगा था और गेहूं तथा धान भंडारण में सड़़ भी चुका है। हर बार गरीबों का पेट भरने वाला अनाज लापरवाही का शिकार होता आया है। लेकिन शायद ही कभी जिम्मेदारों की जिम्मेदारी तय की गई। 

अब रखें सावधानी 

इस बार फिर गेहूं की खरीदी चालू होने वाली है और यदि सावधानी न रखी गई तो फिर से ऐसी गड़़बड़िय़ां सामने आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इन गड़़बड़िय़ों से आखिरकर नुकसान होता है गरीब का जिसके हक पर जाने-अनजाने डाका डल जाता है। अधिकारी तो अक्सर अपनी जिम्मेदारी दूसरे पर डाल देते हैं। 

इनका कहना है- 

खरीदी के समय प्रबंधन सही न होने से गेहूं में शार्टेज आ रही है। कई बार गेहूं सूख जाता है तो उसके कारण कमी आती है। वहीं जिला प्रशासन ने हड़़बड़़ी में खरीदी करवा दी थी। इसके कारण पूरे का पूरा ट्रक तुलवा दिया गया। उससे भी कमी की संभावना बढ़़ जाती है। वहीं वे कहते हैं कि हमारे पास तौल करवाने के लिए परंपरागत साधन हैं और कई बार इस काम में लगे लोगों की लापरवाही के कारण भी गेहूं में शार्टेज आ जाती है। उन्होंने कहा कि इस बार गेहूं खरीदी में इन सभी बातों का ध्यान रखा जाएगा तथा इसके लिए बाकायदा प्रकाशन भी करवाया जाएगा, जिससे कि गड़़बड़िय़ां न हों।            
कैलाश सोनी अध्यक्ष,  जिला सहकारी बैंक वृहत्ताकार 

हमारे द्वारा सिर्फ धान की खरीदी की गई थी। 3 लाख 15 हजार क्विंटल की खरीदी की गई थी लेकिन गोदामों में कुल 3 लाख 12 हजार 937 क्विंटल धान जमा हुआ है। धान में लगभग 3 हजार क्विंटल की शार्टेज सामने आई है।                
 यूएस झारिया,  नागरिक आपूर्ति निगम 

गेहूं खरीदी के संबंध में हम सिर्फ वहीं आंकड़़े दे सकते हैं जो अनाज हमारे गोदामों में जमा है और उसका ही भुगतान हमारे द्वारा किया जाएगा।                            
अंकित तिवारी, डीएमओ, नरसिंहपुर गाडरवारा 

बकौल समिति प्रबंधक समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र की कुछ सोसायटियों में गेहूं और धान में यहां पर निकली कमी 
सोसायटी गाडरवारा - 
समिति प्रबंधक पवन श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी समिति द्वारा खरीदे गए गेहूं में 400 क्विंटल तथा धान में 109 क्विंटल की कमी बताई जा रही है। जबकि उन्होंने पूरा गेहूं और धान समिति से भेजा था। कामती सोसायटी- इस समिति के भी प्रबंधक पवन श्रीवास्तव का कहना है कि यहां पर गेहूं में 30 क्ंिवटल की कमी बताई गई है। 

नांदनेर सोसायटी- 
यहां के समिति प्रबंधक तथा जिला सहकारी बैंक मंडी शाखा प्रबंधक विजय पटैल ने बताया कि उनकी समिति से खरीदे गए गेहूं को परिवहन करने के बाद अब 71 क्विंटल की कमी तथा धान में 24 क्विंटल की कमी बताई गई है। 

खुरसीपार सोसायटी-
 इस समिति के प्रबंधक दरयाब सिंह पटैल का कहना है कि उनकी समिति द्वारा खरीदे गए गेहूं में 135 क्विंटल की कमी बताई गई है तथा उसी के हिसाब से समिति को भुगतान किया गया है। 

आड़़ेगांव सोसायटी-
समिति प्रबंधक भागवत शर्मा के अनुसार उनकी समिति द्वारा खरीदे गए गेहूं में 61 तथा धान में 90 क्विंटल की कमी को काटकर भुगतान किया गया है जबकि उन्होंने पूरा गेहूं और धान खरीदी के पश्चात परिवहन करवाया था। 

तूमड़़ा सोसायटी -
 तूमड़़ा समिति प्रबंधक गोरेलाल पटैल ने बताया कि उनके यहां 400 क्विंटल की कमी निकली है तथा अन्य आंकड़़े वे देखने के पश्चात बता पाएंगे। यह आंकड़़े तो मात्र कुछ सोसायटियों के हैं, जबकि जिले की लगभग हरेक सोसायटी में गेहूं में कमी पाई गई है। समिति प्रबंधकों का कहना है कि उन्होंने जितना खरीदा, उतना पूरा गेहूं परिवहन के माध्यम से भेज दिया। इसकी बाकायदा प्राप्ति रसीद भी है। लेकिन अब कहा जा रहा है कि गेहूं कम निकला। प्रबंधकों का कहना है कि इसमें सीधा नुकसान समितियों को हो रहा है जबकि ट्रांसपोर्टर से रिकवरी की जानी चाहिए। इसके लिए समिति प्रबंधकों द्वारा पत्र भी लिखे गए हैं। 


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