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Thursday, May 9, 2013

अनीता कुमरे की फर्जी कहानी की खुलने लगी पोल



बैतूल जिले में सिर्फ नाम की रह गई निर्मल ग्राम पंचायते


बैतूल // रामकिशोर पंवार
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इस समय ताप्तीचंल में बसे आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में समग्र स्वच्छता अभियान एवं निर्मल ग्राम की ब्रांड एम्बेशेडर बनी बैतूल जिले की अनीता कुमरे की कुछ टीवी चैनलो एवं समाचार पत्र द्वारा बनाई गई फर्जी कहानी की पोल स्वत: खुलने लगी है। जिस समाचार पत्र एवं पत्रकार को उक्त खबर के लिए श्रेष्ठ पत्रकारिता पुरूस्कार देने की घोषणा की गई थी आज वहीं पत्रकार उक्त फर्जीवाड़े का शिकार बना हुआ है। उस पत्रकार को खबर का आज तक घोषित पुरूस्कार मिला और न गांवो में समग्र स्वच्छता , मर्यादा , निर्मल ग्राम पंचायतो जैसे अभियान का प्रतिसाद लोगो को मिला। आज भी बैतूल जिले की 558 ग्राम पंचायतों में से अधिकांश में खुले स्थानो पर शौच जाने की मजबूरी लोगो के चेहरो पर स्वत: झलकती देखी जा सकती है। ग्राम बोरीखुर्द के सनूराम मर्सकोले, लखन यादव आदि के मुताबिक जिन घरों में तथाकथित शौचालय बनवाए गए थे वे सभी घटिया निमार्ण की बलि चढ़ जाने के बाद खराब हो गए है। उन घरों के लोग अब बाहर खुले स्थानों पर शौच करने को विवश  है। ऐसा होने से अनिता कुमरे का टीवी विज्ञापन सिर्फ दिखावा बन कर रह गया है। खुले स्थानो पर शौच करने से निर्मल ग्राम की अवधारणा ही खत्म हो गई है। बोरीखुर्द के गणेश यादव, कैलाश यादव आदि के मुताबिक इन शौचालयों में केवल 3 फीट ऊंची दीवार एवं 4 फीट गहरे गड्ढे थे। सफाई के इंतजाम नहीं हो पाए। वहीं बारिश से अधिकांश दीवारें भी ढह गई। निर्मल पंचायतों मे यदि कोई व्यक्ति खुले स्थान पर शौच करता है तो ऐसे व्यक्ति पर न्यूनतम 50 रुपए तक जुर्माने का अधिकार पंचायत के पास है। चारों पंचायत में पंचायत सरपंच या सचिव ने किसी व्यक्ति पर जुर्माना नहीं किया। बैतूल जिले की आमला तहसील एवं जनपद के निर्मल ग्राम बोरीखुर्द में लोगो के द्वारा सड़को के दोनो किनारो पर शौच करने से इन सड़कों की सफाई के इंतजाम नहीं हैं। जानकारी के अनुसार बैतूल जिले में जून 2012 में शुरू हुई मर्यादा योजना में आमला जनपद की 68 में से 23 पंचायतें चिन्हित की गई है। इस योजना के लिए पात्र नल-जल योजना वाली पंचायतें 39 है। निर्मल ग्राम घोषित जामुन बिछुवा पंचायत नल-जल योजना के अभाव में मर्यादा योजना में शामिल नहीं हो पाई। मर्यादा योजना में अन्य तीन पंचायतें शामिल तो हुई लेकिन उनमें भी अभी तक शौचालय निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया। योजना में हितग्राही के 9 सौ और निर्मल भारत अभियान योजना से 46 सौ और मनरेगा उप योजना से 44 सौ रुपए मिलाकर नए शौचालयों का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। यदि इन पंचायतों में काम शुरू कराया जाए तो काफी हद तक इन पंचायतों में सुधार होने की संभावना रहेगी।

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